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पं.चंपारण : कार्तिक स्नान के मौके पर बांसी मेला का हुआ उद्घाटन, उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - kartik puja in west champaran

बगहा अनुमंडल के विभिन्न गण्डक घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इसमें नारायणी तट स्थित रजवटिया, त्रिवेणी संगम घाट सहित विभिन्न गण्डकी घाट शामिल हैं. श्रद्धालुओं के सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इन सभी घाटों पर गोताखोर टीम की तैनाती की है. विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है.

कार्तिक स्नान
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Published : Nov 12, 2019, 3:16 PM IST

पं.चंपारण: जिले के बगहा में कार्तिक स्नान के मौके पर बिहार-यूपी सीमा स्थित बांसी नदी में नहाने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस दौरान वहां पर एक मेले का आयोजन भी किया गया. मेले का उद्घाटन वाल्मीकिनगर विधानसभा के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने किया.

बांसी  घाट , बगहा
बांसी घाट , बगहा

जिला प्रशासन ने किया है सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात
बता दें कि बगहा अनुमंडल के विभिन्न गण्डक घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इसमें नारायणी तट स्थित रजवटिया, त्रिवेणी संगम घाट सहित विभिन्न गण्डकी घाट शामिल हैं. श्रद्धालुओं के सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इन सभी घाटों पर गोताखोर टीम की तैनाती की है. विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. घाटों पर लाइट और दुकानों की व्यवस्था है.

ये भी पढ़ें- बिहार: कार्तिक पूर्णिमा के दौरान डूबने से 16 की मौत

बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व
बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व है. स्थानीय लोग कहावत कहते हुए बताते है कि ' सौ काशी नही एक बांसी'. यानी सौ बार काशी नहाने के बराबर मात्र एक बार बार बांसी नदी में नहाने से ही उतना ही पुण्य मिलता है. बता दें कि विगत दो दिन पहले से ही नदी में स्नान करने वाले भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका था. मंगलवार की सुबह 3:00 बजे से ही श्रद्धालु स्नान करना शुरू कर दिए थे. मौके पर जिला प्रशासन काफी चुस्त-दुरुस्त तैनात दिखी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पं.चंपारण: जिले के बगहा में कार्तिक स्नान के मौके पर बिहार-यूपी सीमा स्थित बांसी नदी में नहाने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस दौरान वहां पर एक मेले का आयोजन भी किया गया. मेले का उद्घाटन वाल्मीकिनगर विधानसभा के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने किया.

बांसी  घाट , बगहा
बांसी घाट , बगहा

जिला प्रशासन ने किया है सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात
बता दें कि बगहा अनुमंडल के विभिन्न गण्डक घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इसमें नारायणी तट स्थित रजवटिया, त्रिवेणी संगम घाट सहित विभिन्न गण्डकी घाट शामिल हैं. श्रद्धालुओं के सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन ने इन सभी घाटों पर गोताखोर टीम की तैनाती की है. विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. घाटों पर लाइट और दुकानों की व्यवस्था है.

ये भी पढ़ें- बिहार: कार्तिक पूर्णिमा के दौरान डूबने से 16 की मौत

बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व
बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व है. स्थानीय लोग कहावत कहते हुए बताते है कि ' सौ काशी नही एक बांसी'. यानी सौ बार काशी नहाने के बराबर मात्र एक बार बार बांसी नदी में नहाने से ही उतना ही पुण्य मिलता है. बता दें कि विगत दो दिन पहले से ही नदी में स्नान करने वाले भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका था. मंगलवार की सुबह 3:00 बजे से ही श्रद्धालु स्नान करना शुरू कर दिए थे. मौके पर जिला प्रशासन काफी चुस्त-दुरुस्त तैनात दिखी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
Intro:बगहा में कार्तिक स्नान के मौके पर बिहार-यूपी सीमा स्थित बांसी नदी में नहाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस उपलक्ष्य में बांसी मेला का उद्घाटन वाल्मीकिनगर विधानसभा के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने किया। बता दें कि यहां कई जिलों से लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं. इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.


Body: जिले में बगहा अनुमंडल के विभिन्न गण्डक घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इसमें नारायणी तट स्थित रजवटिया, त्रिवेणी संगम घाट सहित विभिन्न गण्डकी घाट शामिल हैं. प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. जगह-जगह पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. कार्तिक पूर्णिमा को लेकर घाटों पर लाइट और दुकानों की व्यवस्था की गई है. प्रशासन की तरफ से गोताखोरों की भी तैनाती की गई है।
Conclusion:दो दिन पहले से ही स्नान करने आने वाले भक्तों का आने का सिलसिला शुरू हो चुका था और मंगलवार की सुबह 3:00 बजे से ही श्रद्धालु स्नान करना शुरू कर दिए। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि सौ काशी नही एक बांसी। यानी सौ बार काशी नहाने के बराबर एक बार बांसी नहाने से पुण्य प्राप्ति होती है।
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