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केला रेसा परियोजना प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, केले के तने से बनी सामग्रियों की दी गई जानकारी

बेतिया में केला रेसा परियोजना प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. डीपीओ श्री प्रकाश ने बताया कि यह प्रशिक्षण 7 दिनो तक चलेगा. जिसमें प्रशिक्षको की ओर से बताया जाएगा कि कैसे केले से रेसे तैयार किये जाते हैं.

प्रशिक्षण शिविर
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Published : Feb 3, 2021, 6:24 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के भितहा प्रखंड मुख्यालय के ई-किसान भवन में केला रेसा परियोजना प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कृषि अधिकारी विजय प्रकाश ने की. शिविर में केले के तने से बनी सामग्रियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. इस दौरान प्रशिक्षक पुजा सिह और निरज सिह की ओर से प्रशिक्षण दिया गया.

केले के तने को बेकार न फेकें
प्रशिक्षण में प्रशिक्षको ने बताया कि केले की खेती और उसे काटने के बाद जो शेष बच जाता है उसे बेकार नहीं जाने दें. उससे रेसे तैयार करें और इन रेसों से विभिन्न तरह की सामग्री तैयार की जा सकती है. इन रेसो से बैग, पर्स, चटाई, पेपर ,फाइल ,मास्क, टी कप, प्लेट इसके पत्ते से, टेबल रनर और मैट तैयार किया जाता है. जिसकी खुले बाजार में बिक्री होती है जिससे किसानों को आमदनी होती है.

ये भी पढ़ें- यात्रियों को सुविधा: पूर्व मध्य रेलवे से चलेंगी तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेनें

'आप लोग जिस चिज को बेकार समझकर फेक देते हैं या गढ्ढे में डाल देते हैं, उससे यदि रेसे तैयार किये जाएंगे तो हमे इसका आर्थिक लाभ मिलेगा. साथ ही खेती से आमदनी के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा.'.- विजय प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी

सात दिन चलेगा प्रशिक्षण
डीपीओ श्री प्रकाश ने बताया कि यह प्रशिक्षण 7 दिनो तक चलेगा. जिसमें प्रशिक्षको की ओर से बताया जाएगा कि कैसे केले से रेसे तैयार किये जाते हैं. इस कार्य में महिलाओं की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि अगर महिला इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेंगी तो उनको रोजगार मिलेगा और आर्थिक सहायता भी मिलेगा.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के भितहा प्रखंड मुख्यालय के ई-किसान भवन में केला रेसा परियोजना प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कृषि अधिकारी विजय प्रकाश ने की. शिविर में केले के तने से बनी सामग्रियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. इस दौरान प्रशिक्षक पुजा सिह और निरज सिह की ओर से प्रशिक्षण दिया गया.

केले के तने को बेकार न फेकें
प्रशिक्षण में प्रशिक्षको ने बताया कि केले की खेती और उसे काटने के बाद जो शेष बच जाता है उसे बेकार नहीं जाने दें. उससे रेसे तैयार करें और इन रेसों से विभिन्न तरह की सामग्री तैयार की जा सकती है. इन रेसो से बैग, पर्स, चटाई, पेपर ,फाइल ,मास्क, टी कप, प्लेट इसके पत्ते से, टेबल रनर और मैट तैयार किया जाता है. जिसकी खुले बाजार में बिक्री होती है जिससे किसानों को आमदनी होती है.

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'आप लोग जिस चिज को बेकार समझकर फेक देते हैं या गढ्ढे में डाल देते हैं, उससे यदि रेसे तैयार किये जाएंगे तो हमे इसका आर्थिक लाभ मिलेगा. साथ ही खेती से आमदनी के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा.'.- विजय प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी

सात दिन चलेगा प्रशिक्षण
डीपीओ श्री प्रकाश ने बताया कि यह प्रशिक्षण 7 दिनो तक चलेगा. जिसमें प्रशिक्षको की ओर से बताया जाएगा कि कैसे केले से रेसे तैयार किये जाते हैं. इस कार्य में महिलाओं की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि अगर महिला इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेंगी तो उनको रोजगार मिलेगा और आर्थिक सहायता भी मिलेगा.

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