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सावधान! वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में बालू खनन पर रोक, NGT की सख्ती

बगहा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में बालू खनन की शिकायत पर एनजीटी और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्यों ने स्थल निरीक्षण किया. वीटीआर के नौ किमी के दायरे में बालू खनन पर रोक (Ban on sand mining in restricted area of VTR )लगा दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

वीटीआर के आसपास बालू खनन पर रोक
वीटीआर के आसपास बालू खनन पर रोक
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Published : Nov 4, 2022, 12:35 PM IST

बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण में बगहा स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के नौ किलोमीटर के दायरे में बालू खनन पर रोक (Sand mining prohibited within 9 km radius of VTR) लगा दिया गया है. पिपरासी प्रखंड अंतर्गत श्रीपतनगर दियारा में अवैध बालू खनन को लेकर एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर गठित टीम ने स्थल निरीक्षण किया और अब जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी. वन विभाग, खनन विभाग और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने इस मामले की जांच की है.

ये भी पढ़ेंः VTR में आज से नए पर्यटन सत्र की शुरुआत, जंगल सफारी और बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे पर्यटक

ग्रामीणों ने की थी बालू खनन की शिकायतः वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) अंतर्गत वन विभाग के प्रतिबंधित क्षेत्र से अवैध बालू खनन की शिकायत पर एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर गठित टीम ने बालू खनन वाले इलाकों का निरीक्षण व जांच की. पटना से पहुंची यह टीम चार दिवसीय दौरे पर है. वीटीआर से सटे प्रतिबंधित खनन क्षेत्रों की जांच की जा रही है. एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के द्वारा इसका अध्यक्ष जिला पदाधिकारी को नियुक्त किया गया था. लेकिन किसी कारणवश जिला पदाधिकारी नहीं पहुंचे. इनके बदले एडीएम राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम पहुंची.

टीम ने ग्रामीणों से की पूछताछः एडीएम ने बताया कि श्रीपतनगर गांव निवासी कृष्णा राम और सरपंच कलावती देवी ने यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि टाइगर रिजर्व वनक्षेत्र से अवैध बालू खनन किया जा रहा है. सूचना मिलने के बाद एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जांच का निर्देश दिया है. टीम ने स्थानीय लोगों से इस संदर्भ में शिकायतकर्ता कृष्णा राम से पूछने पर बताया गया कि उत्तरप्रदेश के दबंग माफियाओं के द्वारा इस स्थान से बालू खनन किया जाता है. वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग का प्रतिबंधित क्षेत्र (करीब 9 किलोमीटर) किस स्थान तक है उसका अब तक सीमांकन नहीं किया गया है.

निरीक्षण टीम में पटना के अधिकारी भी शामिलः निरीक्षण करने आए टीम के सदस्यों ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभाग सीमांकन कर वहां बोर्ड लगाए. प्रतिबंधित क्षेत्र से बालू या मिट्टी खनन करने पर कारवाई की जाएगी. जिला खनन पदाधिकारी घनश्याम झा, पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड के रमेश सैनी, बगहा एसडीएम डॉ अनुपमा सिंह समेत अन्य अधिकारी टीम में शामिल थे. वहीं एनजीटी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दो टेक्नीशियन, धनहा पुलिस निरीक्षक अभिनंदन सिंह, वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष शशिशेखर चौहान, पिपरासी अंचलाधिकारी ललित कुमार सिंह, पिपरासी थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, रेंजर बगहा सुनील कुमार, मदनपुर रेंजर उमेश कुमार , पुलिस बल, वनकर्मी तथा करीब दो दर्जन लोग मौके पर मौजूद थे.


"एनजीटी के आदेश के आलोक में और डीएम के प्रतिनिधित्व में पटना से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य आये जांच के लिए आए हुए हैं. स्थल निरीक्षण कर एनजीटी को रिपोर्ट देने का आदेश था. हमलोगों ने निरीक्षण किया है और अब एनजीटी को रिपोर्ट सौंपेंगे" - राजीव कुमार सिंह , एडीएम, पश्चिमी चंपारण

बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण में बगहा स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के नौ किलोमीटर के दायरे में बालू खनन पर रोक (Sand mining prohibited within 9 km radius of VTR) लगा दिया गया है. पिपरासी प्रखंड अंतर्गत श्रीपतनगर दियारा में अवैध बालू खनन को लेकर एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर गठित टीम ने स्थल निरीक्षण किया और अब जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी. वन विभाग, खनन विभाग और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने इस मामले की जांच की है.

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ग्रामीणों ने की थी बालू खनन की शिकायतः वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) अंतर्गत वन विभाग के प्रतिबंधित क्षेत्र से अवैध बालू खनन की शिकायत पर एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर गठित टीम ने बालू खनन वाले इलाकों का निरीक्षण व जांच की. पटना से पहुंची यह टीम चार दिवसीय दौरे पर है. वीटीआर से सटे प्रतिबंधित खनन क्षेत्रों की जांच की जा रही है. एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के द्वारा इसका अध्यक्ष जिला पदाधिकारी को नियुक्त किया गया था. लेकिन किसी कारणवश जिला पदाधिकारी नहीं पहुंचे. इनके बदले एडीएम राजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम पहुंची.

टीम ने ग्रामीणों से की पूछताछः एडीएम ने बताया कि श्रीपतनगर गांव निवासी कृष्णा राम और सरपंच कलावती देवी ने यह शिकायत दर्ज कराई गई थी कि टाइगर रिजर्व वनक्षेत्र से अवैध बालू खनन किया जा रहा है. सूचना मिलने के बाद एनजीटी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जांच का निर्देश दिया है. टीम ने स्थानीय लोगों से इस संदर्भ में शिकायतकर्ता कृष्णा राम से पूछने पर बताया गया कि उत्तरप्रदेश के दबंग माफियाओं के द्वारा इस स्थान से बालू खनन किया जाता है. वहीं कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वन विभाग का प्रतिबंधित क्षेत्र (करीब 9 किलोमीटर) किस स्थान तक है उसका अब तक सीमांकन नहीं किया गया है.

निरीक्षण टीम में पटना के अधिकारी भी शामिलः निरीक्षण करने आए टीम के सदस्यों ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि विभाग सीमांकन कर वहां बोर्ड लगाए. प्रतिबंधित क्षेत्र से बालू या मिट्टी खनन करने पर कारवाई की जाएगी. जिला खनन पदाधिकारी घनश्याम झा, पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड के रमेश सैनी, बगहा एसडीएम डॉ अनुपमा सिंह समेत अन्य अधिकारी टीम में शामिल थे. वहीं एनजीटी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दो टेक्नीशियन, धनहा पुलिस निरीक्षक अभिनंदन सिंह, वाल्मीकिनगर थानाध्यक्ष शशिशेखर चौहान, पिपरासी अंचलाधिकारी ललित कुमार सिंह, पिपरासी थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, रेंजर बगहा सुनील कुमार, मदनपुर रेंजर उमेश कुमार , पुलिस बल, वनकर्मी तथा करीब दो दर्जन लोग मौके पर मौजूद थे.


"एनजीटी के आदेश के आलोक में और डीएम के प्रतिनिधित्व में पटना से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य आये जांच के लिए आए हुए हैं. स्थल निरीक्षण कर एनजीटी को रिपोर्ट देने का आदेश था. हमलोगों ने निरीक्षण किया है और अब एनजीटी को रिपोर्ट सौंपेंगे" - राजीव कुमार सिंह , एडीएम, पश्चिमी चंपारण

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