बगहा: इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल कैम्प में बना बम्बू हट तकरीबन आठ माह पूर्व क्षतिग्रस्त हो गया है. लेकिन अब तक वन विभाग के माध्यम से इसका जीर्णोद्धार नहीं किया गया है. लिहाजा जब ज्यादा संख्या में पर्यटक वीटीआर के मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार करने पहुंचते हैं तो ठहरने के लिए कमरा कम पड़ जाता है.
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6 बम्बू हट का निर्माण
पर्यटन नगरी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल कैम्प में पर्यटकों के ठहरने के लिए बम्बू हट और कैम्प हट बनाए गए हैं. वन विभाग ने पर्यटकों को इको फ्रेंडली सुविधा मुहैया कराने के लिहाज से 6 बम्बू हट बनवाए थे. जिसमें से एक बम्बू हट तकरीबन 8 माह पूर्व बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन अब तक इसके जीर्णोद्धार की पहल नहीं शुरू की गई है. बता दें कि तेज आंधी में बम्बू हट के ऊपर विशाल पेड़ गिर गया था.
बम्बू हट के ऊपर गिरा पेड़
लॉकडाउन के समय तेज आंधी के दौरान एक विशाल पेड़ बम्बू हट के ऊपर जा गिरा. नतीजतन बम्बू हट का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. बता दें कि लाखों की लागत से पर्यटकों को बेहतर सुविधा दिलाने के लिए वन विभाग ने जंगल कैम्प में अतिथिशाला का निर्माण करवाया है.
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पर्यटकों को होना पड़ता है निराश
बता दें कि जल, जंगल और पहाड़ से घिरे वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में स्थित धार्मिक स्थलों का दर्शन करने के लिए पर्यटक भारी संख्या में इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर का रुख करते हैं. इस दौरान अधिकांश पर्यटक बम्बू हट में रात गुजारने के ख्वाहिश रखते हैं. लेकिन क्षतिग्रस्त हो चुके एक बम्बू हट की वजह से पर्यटकों को निराश होना पड़ता है. ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि वन विभाग इसके जीर्णोद्धार की पहल आखिर कब करता है.