बगहा: बिहार के बगहा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. तकरीबन एक किमी सड़क ही गायब हो गई है. पूरा मामला नगर परिषद अंतर्गत वार्ड 21 का है. जहां आजादी पूर्व से ही सर्वे की एक सड़क कई गांवों और बगहा एनएच को (Road used to connect Bagaha NH) जोड़ती थी, लेकिन ग्रामीणों ने सड़क का मिट्टी ही काट लिया नतीजतन सड़क अब तालाब में तब्दील हो गई है.
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पहले लोगों का आना-जाना भी होता था : स्थानीय लोगों का कहना है की बगहा के एकमात्र महिला कॉलेज के बगल से चंडी स्थान, नरवल-बरवल, सेमरा समेत हाईवे को जोड़ने वाली सड़क 1941 से सर्वे की सड़क है. इस रास्ते से पहले लोगों का आना-जाना भी होता था, लेकिन सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया और इस रास्ते पर पक्की सड़क नहीं बनाया गया. लिहाजा ग्रामीण यहां से पीली मिट्टी घर की पुताई करने के उद्देश्य से खोद कर लेते गए जिसके फलस्वरूप यह सड़क ही नक्शे से गायब हो गई. एमएलसी भीष्म सहनी ने कहा कि जांचकर तत्काल इस सड़क का निर्माण कराया जाएगा.
दर्जनों गांवों से संपर्क टूट गया: स्थानीय गुड्डू प्रसाद बताते हैं कि पहले इस रास्ते से गन्ना लदे बैल गाड़ी और ट्रैक्टर ट्रॉली का आवागमन होता था. लोग यहां स्थित प्रसिद्ध विश्वंभर नाथ मंदिर में आते जाते थे, लेकिन जब लोग सड़क खोद ले गए तो इसका नामोनिशान ही मिट गया. अब लोगों का दर्जनों गांवों से संपर्क टूट गया है और आवागमन के लिए पांच से छह किमी अधिक दूरी तय कर इधर आना पड़ता है. जिनलोगों का खेत इस इलाके में पड़ता है वो बरसात में नाव से आवाजाही करते हैं.
"तत्कालीन वार्ड पार्षद उमेश प्रसाद का कहना है की लोगों द्वारा सड़क की मिट्टी काट ले जाने के उपरांत उनको जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने शहर के कचड़ों से सड़क को भरवाना शुरू किया है. हालांकि वर्ष 2007 में पूर्व मंत्री व तत्कालीन विधायक पूर्णमासी राम ने झील में तब्दील हो गई. सड़क पर एक पुलिया का निर्माण भी करवाया बावजूद सरकार उदासीन बनी रही और सड़क का पक्की निर्माण नही हुआ जिसका नतीजा हुआ की सड़क अब तालाब बन गया है." - उमेश प्रसाद, तत्कालीन वार्ड पार्षद
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"बगहा के एकमात्र महिला कॉलेज के बगल से चंडी स्थान, नरवल-बरवल, सेमरा समेत हाईवे को जोड़ने वाली सड़क 1941 से सर्वे की सड़क है. इस रास्ते से पहले लोगों का आना-जाना भी होता था. लोग यहां स्थित प्रसिद्ध विश्वंभर नाथ मंदिर में आते जाते थे, लेकिन जब लोग सड़क खोद ले गए तो इसका नामोनिशान ही मिट गया." -गुड्डू प्रसाद, स्थानीय निवासी