बगहा : बिहार के बगहा में रहने वाली लाडली गैंगरेप के आरोपियों को सजा का ऐलान हो गया. इस केस में बगहा के एडीजे ने मुन्नी नेशा (सप्लायर) को 10 साल की सजा सुनाई है. जबकि सेराजुल (डीलर) और जमाल अख्तर को उम्र कैद के साथ 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. मामला साल 2011 का है. रामनगर थाना के कांड संख्या 246/2-11 में दोषियों को 13 साल बाद सजा सुनाई गई. परिवार वालों ने न्याय की उम्मीद ही छोड़ दी थी. लेकिन इस मामले में फैसला आने के बाद परिजनों ने सत्यमेव जयते कहा.
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चार दोषियों में से एक की हो चुकी थी मौत: बताया जाता है की गैंगरेप के मुख्य अभियुक्त तत्कालीन उप प्रमुख शेख हसमुद्दीन की मौत हो चुकी है. वर्ष 2011 में हुई इस घटना में आरोपियों ने दो दिनों तक बंधक बनाकर बारी बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसी बीच IPC की धारा 376/2 G में दोष साबित होने पर ADJ बृजेश पांडेय की अदालत ने सज़ा सुनाई. बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता अब्दुल मज़ीद उर्फ़ मुन्ना ने उच्च न्यायालय जाने की बात करते हुए न्यायालय पर भरोसा जताया है.
दो को उम्रकैद, एक को 10 साल की जेल: वहीं अभियोजन पक्ष के प्रभारी जितेंद्र भारती ने जानकारी देते हुए बताया की चार दोषियों में से एक मुख्य अभियुक्त की सुनवाई के अंतराल में ही मौत हो चुकी है. जबकि शेष तीन अभियुक्तों में शामिल सप्लायर मुन्नी नेशा समेत सेराजुल डीलर और जमाल अख्तर को सजा सुनाई गई है. इसमें मुन्नी नेशा को 10 साल की सजा और 10 हजार आर्थिक दंड लगाया है जबकि सेराजुल डीलर व जमाल अख़्तर को आजीवन कारावास के साथ साथ 10-10 हज़ार का अर्थदंड लगाया गया है.