पश्चिम चंपारण (बेतिया): बिहार के पश्चिम चंपारण ( West Champaran ) जिले की एक ऐसा स्कूल हैं जो अपनी बदहाली पर आंसु बहाने को विवश है. स्कूल की बदइंतजामी ऐसी है कि बच्चें को तो छोड़िये, स्कूलों में शिक्षकों को प्रवेश करने के लिए पानी और कीचड़ से होकर जाना पड़ता है. स्कूल के सभी कमरे में पानी से लबालब भरा रहता है. जिसमें मछली और सांप ( Fish And Snake ) पानी में तैरते रहते हैं. ऐसे में बच्चें हमेशा खौफ में स्कूल जाने को विवश है.
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बात दें कि कैमरे में कैद यह तस्वीर राजकीय प्राथमिक विधालय रेलवे नरकटियागंज की है. जहां छात्रों के जगह मछली और कीड़े मकौड़े क्लास रूम में तैरते दिख जाएंगे और शिक्षक कुर्सियों पर पैर रखे मिल जाएगा. स्कूल की बदइंतजामी ऐसी की स्कूल प्रबंधन ने कई बार स्कूल निर्माण को लेकर विभाग को पत्र लिखा. लेकिन रेलवे द्वारा अनुमति नहीं मिलने से सैकड़ों की संख्या में नामांकित छात्रों का भविष्य अधर में लटका है.
विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, विद्यालय भवन को लेकर कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को पत्राचार करने की बात बताई गई, लेकिन नतीजा क्या निकला, वह भवन की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में क्लासरूम की कमी है. बारिश के मौसम में पढ़ाई काफी प्रभावित होती है. जो क्लासरूम है, वो भी जर्जर हाल में है.
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