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बगहा: 6 महीने से खराब पड़ी है गौतम बुद्ध सेतु की स्ट्रीट लाइट्स, लोगों को हो रही परेशानी - सोलर प्लेट

बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंडक नदी पर गौतम बुद्ध सेतु पुल का निर्माण कराया गया है. लेकिन पिछले 6 महीने से यहां की स्ट्रीट लाइट्स खराब पड़ी हैं. लेकिन जिम्मेदार बेखर बने हुए हैं.

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Published : Jun 22, 2020, 12:29 PM IST

बेतिया (बगहा): बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली गौतम बुद्ध सेतु पुल का बुरा हाल है. गंडक नदी पर बने इस पुल पर पिछले 6 महीने से स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं. रात के अंधेरे में पुल पर सन्नाटा पसरा रहता है. लोग यहां से आने-जाने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. यही नहीं इस पुल पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं, जिससे किसी भी समय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.

पिछले 6 महीने से इस पुल की स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही है. इनमें से कुछ लाइट्स तो खराब हो चुकी हैं और जो सही हैं वे सोलर लाइट्स को संचालित करने वाले बैटरी में एसिड नहीं होने की वजह से बंद पड़ी हैं.

बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ता है पुल
दरअसल, बिहार पूल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंडक नदी पर दो किलोमीटर तक का पुल बनाया गया है, जो गौतम बुद्ध सेतु के नाम से जाना जाता है. इस पुल पर लगे लाइट्स को जलाने के लिए कुछ ही दूरी पर सोलर प्लेट से विद्युत आपूर्ति के लिए एक कक्ष की व्यवस्था की गई है, जहां सिर्फ एक गार्ड की प्रतिनियुक्ति है. गार्ड का कहना है कि उसे 6 महीने से सैलरी भी नहीं मिली है. यहां सोलर प्लेट्स बैटरी से जुड़े हैं और बैटरी में एसिड ही नहीं डाला गया है तो लाइट्स कैसे जलेंगे.

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विद्युत आपूर्ति कक्ष

इलाके के लिए लाइफलाइन है पुल
एक दशक पूर्व जब इस पुल का निर्माण नहीं हुआ था तब सदियों से लोग बगहा अनुमंडल के गंडक दियारा पार के चार प्रखंडों में आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेते थे. लेकिन सात साल पहले इस पुल निर्माण के बाद जिले के लोगों के लिए गंडक दियारा पार और उत्तरप्रदेश जाने के लिए ये पुल लाइफ लाइन के तौर पर विशेष रूप से उपयोग में आता है. जिला मुख्यायल बेतिया की दूरी भी इस पुल के वजह से 115 से घटकर 60 किलोमीटर हो गई है, ऐसे में इस पुल पर लाइट्स नहीं होना और सड़क पर कई जगह गड्ढे पड़ जाना हमेशा दुर्घटनाओं को दावत देता रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जर्जर हो चुकी हैं सड़कें
इस पुल को बने 7 सात साल बीत चुके हैं और इन बीते दिनों में पुल के सड़क पर कई जगह गड्ढे हो चुके हैं. कुछ स्ट्रीट लाइट्स के खंभे उखड़ चुके हैं. साथ ही पुल के दोनों किनारों पर जल निकासी के लिए बनाए गए नाले, जाम हो चुके हैं. बरसात के समय में इस पुल पर जल जमाव भी हो जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के लाइट्स खराब होने से रात के समय पुल पर घनघोर अंधेरा छा जाता है, जिस वजह से सड़क पर हुए गड्ढों में यात्री गिर कर जख्मी हो जाते हैं.

बेतिया (बगहा): बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली गौतम बुद्ध सेतु पुल का बुरा हाल है. गंडक नदी पर बने इस पुल पर पिछले 6 महीने से स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं. रात के अंधेरे में पुल पर सन्नाटा पसरा रहता है. लोग यहां से आने-जाने में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं. यही नहीं इस पुल पर जगह-जगह गड्ढे बने हुए हैं, जिससे किसी भी समय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.

पिछले 6 महीने से इस पुल की स्ट्रीट लाइट्स नहीं जल रही है. इनमें से कुछ लाइट्स तो खराब हो चुकी हैं और जो सही हैं वे सोलर लाइट्स को संचालित करने वाले बैटरी में एसिड नहीं होने की वजह से बंद पड़ी हैं.

बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ता है पुल
दरअसल, बिहार पूल निर्माण निगम लिमिटेड की ओर से बिहार को उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंडक नदी पर दो किलोमीटर तक का पुल बनाया गया है, जो गौतम बुद्ध सेतु के नाम से जाना जाता है. इस पुल पर लगे लाइट्स को जलाने के लिए कुछ ही दूरी पर सोलर प्लेट से विद्युत आपूर्ति के लिए एक कक्ष की व्यवस्था की गई है, जहां सिर्फ एक गार्ड की प्रतिनियुक्ति है. गार्ड का कहना है कि उसे 6 महीने से सैलरी भी नहीं मिली है. यहां सोलर प्लेट्स बैटरी से जुड़े हैं और बैटरी में एसिड ही नहीं डाला गया है तो लाइट्स कैसे जलेंगे.

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विद्युत आपूर्ति कक्ष

इलाके के लिए लाइफलाइन है पुल
एक दशक पूर्व जब इस पुल का निर्माण नहीं हुआ था तब सदियों से लोग बगहा अनुमंडल के गंडक दियारा पार के चार प्रखंडों में आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेते थे. लेकिन सात साल पहले इस पुल निर्माण के बाद जिले के लोगों के लिए गंडक दियारा पार और उत्तरप्रदेश जाने के लिए ये पुल लाइफ लाइन के तौर पर विशेष रूप से उपयोग में आता है. जिला मुख्यायल बेतिया की दूरी भी इस पुल के वजह से 115 से घटकर 60 किलोमीटर हो गई है, ऐसे में इस पुल पर लाइट्स नहीं होना और सड़क पर कई जगह गड्ढे पड़ जाना हमेशा दुर्घटनाओं को दावत देता रहता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जर्जर हो चुकी हैं सड़कें
इस पुल को बने 7 सात साल बीत चुके हैं और इन बीते दिनों में पुल के सड़क पर कई जगह गड्ढे हो चुके हैं. कुछ स्ट्रीट लाइट्स के खंभे उखड़ चुके हैं. साथ ही पुल के दोनों किनारों पर जल निकासी के लिए बनाए गए नाले, जाम हो चुके हैं. बरसात के समय में इस पुल पर जल जमाव भी हो जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल के लाइट्स खराब होने से रात के समय पुल पर घनघोर अंधेरा छा जाता है, जिस वजह से सड़क पर हुए गड्ढों में यात्री गिर कर जख्मी हो जाते हैं.

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