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स्थायी पुल बनने से क्या फायदा, जब चचरी पुल ही सहारा हो? - 2015 से बनकर तैयार पुल

यह पुल सिकटा प्रखंड के धनकुटवा और शिवपुर पंचायत के बीच बनी हुई है. एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण यहां के ग्रामीण चचरी पुल के सहारे आवागमन करते हैं.

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Published : Feb 4, 2020, 12:45 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 2:19 PM IST

बेतिया: पश्चिमी चंपारण जिले में सरकार और प्रशासन की सुस्ती का एक नमूना देखने को मिला है. यह मामला जिले के सिकटा प्रखंड का है, जहां 2015 से बनकर तैयार पुल का अबतक एप्रोच पथ नहीं बन पाया है.

4 प्रखंडों को जोड़ता है पुल
बता दें कि यह पुल सिकटा प्रखंड के धनकुटवा और शिवपुर पंचायत के बीच बनी हुई है. एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण यहां के ग्रामीण चचरी पुल के सहारे आवागमन करते हैं. यह पुल जिले के 4 प्रखंडों सिकटा, मैनाटांड़, लौरिया और चनपटिया प्रखंड को जोड़ती है. बावजूद इसके 4 सालों से अबतक इस पुल का निर्माण नहीं हो पाया है.

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चचरी पुल पर बाइक चलाता युवक

आए दिन होते हैं हादसे
आए दिन इस पुल को पार करने में लोगों के घायल होने की खबर आती रहती है. यहां बने चचरी पुल से प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी बाइक और साइकिल से आवाजाही करते हैं. यहां से कई बार लोगों के हाथ-पैर टूट जाने की खबर सामने आती रहती है. फिर भी अबतक सरकार और जिला प्रशासन की नजर यहां नहीं पड़ी. अबतक इस पुल का एप्रोच पथ नहीं बन पाया. इस बात को लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश देखने को मिला.

पेश है रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- CAA-NRC के खिलाफ आज दरभंगा में जनसभा को संबोधित करेंगे कन्हैया कुमार

बेतिया: पश्चिमी चंपारण जिले में सरकार और प्रशासन की सुस्ती का एक नमूना देखने को मिला है. यह मामला जिले के सिकटा प्रखंड का है, जहां 2015 से बनकर तैयार पुल का अबतक एप्रोच पथ नहीं बन पाया है.

4 प्रखंडों को जोड़ता है पुल
बता दें कि यह पुल सिकटा प्रखंड के धनकुटवा और शिवपुर पंचायत के बीच बनी हुई है. एप्रोच पथ नहीं बनने के कारण यहां के ग्रामीण चचरी पुल के सहारे आवागमन करते हैं. यह पुल जिले के 4 प्रखंडों सिकटा, मैनाटांड़, लौरिया और चनपटिया प्रखंड को जोड़ती है. बावजूद इसके 4 सालों से अबतक इस पुल का निर्माण नहीं हो पाया है.

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चचरी पुल पर बाइक चलाता युवक

आए दिन होते हैं हादसे
आए दिन इस पुल को पार करने में लोगों के घायल होने की खबर आती रहती है. यहां बने चचरी पुल से प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी बाइक और साइकिल से आवाजाही करते हैं. यहां से कई बार लोगों के हाथ-पैर टूट जाने की खबर सामने आती रहती है. फिर भी अबतक सरकार और जिला प्रशासन की नजर यहां नहीं पड़ी. अबतक इस पुल का एप्रोच पथ नहीं बन पाया. इस बात को लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश देखने को मिला.

पेश है रिपोर्ट

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Intro:एंकर : इस पुल को देखने के बाद 15वीं और 16वीं शताब्दी की याद आ जाती है, इस 21वीं शताब्दी में सरकार चांद और मंगल पर जाने की बात कर रही है तो वहीं धरातल पर ग्रामीण इलाकों में 4 साल से एक पुल का आज तक एप्रोच पथ नहीं बन पा रहा है, तो इसे क्या कहेंगे ? ऐसे में सरकार के वह तमाम विकास के दावे यहां दम तोड़ती नजर आ रही है।


Body:आजादी के इतने वर्ष बाद भी सिकटा प्रखंड के धनकुटवा और शिवपुर पंचायत के ग्रामीण चचरी के पुल का इस्तेमाल करते हैं, यह पुल सिकटा प्रखंड के धनकुटवा और शिवपुर पंचायत के बीच है,जो चार प्रखंडों को जोड़ती है,सिकटा, मैनाटांड़,लौरिया और चनपटिया प्रखंड को जोड़ने वाली यह पुल है।


Conclusion:यह पुल 2015 से बनकर तैयार हुआ है लेकिन इसका एप्रोच पथ नहीं बना, जिसके बाद ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से पुल पर चचरी का एप्रोच पथ बनाया, प्रतिदिन सैकड़ों लोग बाइक, साइकिल से इस पुल को पार करते हैं, आज तक दर्जनों हादसे हो चुके है, इसमें से किसी के पैर टूटे हैं तो किसी के हाथ टूटे हैं, इसके बावजूद भी जिला प्रशासन और शासन की नजर यहां पर नहीं पड़ी है और अभी तक इस पर एप्रोच पथ नहीं बनाया गया है, ग्रामीण जान हथेली पर रखकर आवागमन करने को मजबूर है और सरकार है कि इनके तरफ ध्यान नहीं देती।

बाइट- सोनालाल शर्मा, ग्रामीण
बाइट- राजू सोनी, ग्रामीण

जितेंद्र कुमार गुप्ता
ईटीवी भारत, बेतिया
Last Updated : Feb 4, 2020, 2:19 PM IST
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