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लाइजनिंग बाद बनी सहमति: नेपाल पहुंचा मजदूरों का जत्था, गंडक में शुरू हुआ कटाव रोधी काम - flood in bihar

नेपाल सरकार ने गंडक नदी के तटबंध में चल रहे निर्माण कार्य को लॉकडाउन के दौरान रोक दिया था. इसके दोबारा शुरू कराने को लेकर नेपाल सरकार अनुमति नहीं दे रही थी. वहीं, जलस्तर तेजी से बढ़ने के बाद नेपाल सरकार ने लाइजनिंग के माध्यम से सहमति दी है.

बगहा से दिलीप की रिपोर्ट
बगहा से दिलीप की रिपोर्ट
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Published : Jun 23, 2020, 6:21 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 6:53 PM IST

पश्चिमी चंपारण (बगहा) : इंडो-नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज के राइट ऑफलॉक्स बांध का निर्माण कार्य की अनुमति मिल गई है. लॉकडाउन के दौरान नेपाल सरकार ने इसके निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. हालांकि, उस समय भारतीय अधिकारियों ने नेपाल से निर्माण कार्य को शुरू कराने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद गंडक के बढ़े के जलस्तर ने इस मुद्दे पर जोर पकड़ा.

ऑफलॉक्स बांध के निर्माण कार्य के लिए भारतीय अधिकारियों को निरीक्षण करने और कटावरोधी कार्य करने की अनुमति मिल गई है. सहमति बनने के साथ ही मजदूरों की टीम कटावरोधी सामग्री लेकर नेपाल पहुंच गई है और वहां शीघ्र ही एंटी इरोजन कार्य शुरू हो जाएगा. मंगलवार को बगहा अनुमंडल पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जलसंसाधन के अधिकारियों की बैठक की गई.

बगहा से दिलीप की रिपोर्ट

शुरू हुआ एंटी इरोजन कार्य
नेपाल सरकार ने वाल्मीकिनगर अंतर्गत गंडक बराज के दाहिने तरफ नेपाल में स्थित राइट ऑफलॉक्स बांध पर एंटी इरोजन (कटाव रोधी) कार्य कराने की अनुमति दे दी है. दरअसल, एंटी इरोजन कार्यों पर नेपाल सरकार की मनाही के बाद दो दिनों से काफी गहमा-गहमी का आलम था. जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने इसको लेकर केंद्र सरकार को भी अवगत कराया था.

गंडक बराज
गंडक बराज

ऑफलॉक्स बांध पर निर्माण कार्य

  • गंडक बराज में भारतीय सीमा पर 1.7 किलोमीटर तक निर्माण कार्य होना है.
  • वहीं नेपाल में इसके लिए 3.3 किलोमीटर तक निर्माण कार्य होना है.
    निरीक्षण करने पहुंचा अधिकारियों का दल
    निरीक्षण करने पहुंचा अधिकारियों का दल

सामग्री लेकर नेपाल गए मजदूर
गंडक बराज को लेकर बिहार में बाढ़ आने की संभावना पर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी, जिसके बाद सबकी नजर इस बात पर टिकी थी कि क्या नेपाल कार्यों की अनुमति देगा या नहीं? लेकिन मंगलवार की सुबह बगहा एसडीएम और पुलिस अधीक्षक सहित जल संसाधन विभाग की टीम ने घंटो बैठक की और फिर कटावरोधी कार्य कराने के लिए मजदूरों की एक टीम सामग्री लेकर नेपाल के दाएं अफलॉक्स बांध पर पहुंच गई.

उफनाई गंडक
उफनाई गंडक

विभागीय कर्मी करेंगे निरीक्षण और कटावरोधी कार्य
एसडीएम विशाल राज ने बताया कि लाइजनिंग के माध्यम से आपसी सहमति बन गई है. नेपाल के क्षेत्र में पड़ने वाले दाएं अफलॉक्स बांध पर जहां-जहां भी कटाव हुए हैं. वहां जी बैग पैकेट और एमटी पैकेट भरने का कार्य किया जाएगा. साथ ही जल संसाधन विभाग के कर्मी भी सभी तटबंधों का निरीक्षण करेंगे. इससे पहले निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने कहा कि फिलहाल बाढ़ और कटाव जैसी आपदा से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग और प्रशासन तैयार है. कहीं से भी किसी खतरे की बात और आशंका नहीं है.

एसडीएम और एसपी
निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम और एसपी

फाटकों से नहीं है कोई दिक्कत...
गंडक बराज के 36 फाटकों में से 18 फाटक भारतीय क्षेत्र और शेष 18 नेपाल के हिस्से में पड़ते हैं, जिनका मेंटेनेन्स जल संसाधन विभाग कराता है. जल संसाधन विभाग की मानेंस तो फाटक नम्बर 29, 31 और 34 का मेंटेनेन्स कार्य किया जाना था, जो लॉक डाउन की वजह से सीमा सील होने के चलते नहीं हो पाया.

इसके लिए भी नेपाल सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि कोई भी फाटक जर्जर नहीं है. प्रत्येक वर्ष फाटकों की ग्रीसिंग और उसके रबर-सील बदलकर उसकी मरम्मत की जाती है, जो इस बार नहीं हो पाई थी. इससे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी.

पश्चिमी चंपारण (बगहा) : इंडो-नेपाल सीमा स्थित गंडक बराज के राइट ऑफलॉक्स बांध का निर्माण कार्य की अनुमति मिल गई है. लॉकडाउन के दौरान नेपाल सरकार ने इसके निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. हालांकि, उस समय भारतीय अधिकारियों ने नेपाल से निर्माण कार्य को शुरू कराने की अनुमति मांगी थी. इसके बाद गंडक के बढ़े के जलस्तर ने इस मुद्दे पर जोर पकड़ा.

ऑफलॉक्स बांध के निर्माण कार्य के लिए भारतीय अधिकारियों को निरीक्षण करने और कटावरोधी कार्य करने की अनुमति मिल गई है. सहमति बनने के साथ ही मजदूरों की टीम कटावरोधी सामग्री लेकर नेपाल पहुंच गई है और वहां शीघ्र ही एंटी इरोजन कार्य शुरू हो जाएगा. मंगलवार को बगहा अनुमंडल पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जलसंसाधन के अधिकारियों की बैठक की गई.

बगहा से दिलीप की रिपोर्ट

शुरू हुआ एंटी इरोजन कार्य
नेपाल सरकार ने वाल्मीकिनगर अंतर्गत गंडक बराज के दाहिने तरफ नेपाल में स्थित राइट ऑफलॉक्स बांध पर एंटी इरोजन (कटाव रोधी) कार्य कराने की अनुमति दे दी है. दरअसल, एंटी इरोजन कार्यों पर नेपाल सरकार की मनाही के बाद दो दिनों से काफी गहमा-गहमी का आलम था. जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने इसको लेकर केंद्र सरकार को भी अवगत कराया था.

गंडक बराज
गंडक बराज

ऑफलॉक्स बांध पर निर्माण कार्य

  • गंडक बराज में भारतीय सीमा पर 1.7 किलोमीटर तक निर्माण कार्य होना है.
  • वहीं नेपाल में इसके लिए 3.3 किलोमीटर तक निर्माण कार्य होना है.
    निरीक्षण करने पहुंचा अधिकारियों का दल
    निरीक्षण करने पहुंचा अधिकारियों का दल

सामग्री लेकर नेपाल गए मजदूर
गंडक बराज को लेकर बिहार में बाढ़ आने की संभावना पर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थी, जिसके बाद सबकी नजर इस बात पर टिकी थी कि क्या नेपाल कार्यों की अनुमति देगा या नहीं? लेकिन मंगलवार की सुबह बगहा एसडीएम और पुलिस अधीक्षक सहित जल संसाधन विभाग की टीम ने घंटो बैठक की और फिर कटावरोधी कार्य कराने के लिए मजदूरों की एक टीम सामग्री लेकर नेपाल के दाएं अफलॉक्स बांध पर पहुंच गई.

उफनाई गंडक
उफनाई गंडक

विभागीय कर्मी करेंगे निरीक्षण और कटावरोधी कार्य
एसडीएम विशाल राज ने बताया कि लाइजनिंग के माध्यम से आपसी सहमति बन गई है. नेपाल के क्षेत्र में पड़ने वाले दाएं अफलॉक्स बांध पर जहां-जहां भी कटाव हुए हैं. वहां जी बैग पैकेट और एमटी पैकेट भरने का कार्य किया जाएगा. साथ ही जल संसाधन विभाग के कर्मी भी सभी तटबंधों का निरीक्षण करेंगे. इससे पहले निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम ने कहा कि फिलहाल बाढ़ और कटाव जैसी आपदा से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग और प्रशासन तैयार है. कहीं से भी किसी खतरे की बात और आशंका नहीं है.

एसडीएम और एसपी
निरीक्षण करने पहुंचे एसडीएम और एसपी

फाटकों से नहीं है कोई दिक्कत...
गंडक बराज के 36 फाटकों में से 18 फाटक भारतीय क्षेत्र और शेष 18 नेपाल के हिस्से में पड़ते हैं, जिनका मेंटेनेन्स जल संसाधन विभाग कराता है. जल संसाधन विभाग की मानेंस तो फाटक नम्बर 29, 31 और 34 का मेंटेनेन्स कार्य किया जाना था, जो लॉक डाउन की वजह से सीमा सील होने के चलते नहीं हो पाया.

इसके लिए भी नेपाल सरकार ने अनुमति नहीं दी थी. कार्यपालक अभियंता ने कहा कि कोई भी फाटक जर्जर नहीं है. प्रत्येक वर्ष फाटकों की ग्रीसिंग और उसके रबर-सील बदलकर उसकी मरम्मत की जाती है, जो इस बार नहीं हो पाई थी. इससे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी.

Last Updated : Jun 23, 2020, 6:53 PM IST
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