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बेतिया: कृषि विभाग ने फसलों को टिड्डियों से बचाने के लिए किसानों को किया जागरूक - Narkatiaganj

फसल को टिड्डियों के प्रकोप से बचाने के लिए कृषि विभाग ने जागरुकता कार्यक्रम चलाया. इस कार्यक्रम के तहत किसानों को जागरूक किया गया. साथ ही उसे बताया गया कि किस तरह से वो अपने फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं.

Agriculture Department makes farmers aware to save crops from locusts
Agriculture Department makes farmers aware to save crops from locusts
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Published : Jul 2, 2020, 3:36 AM IST

बेतिया(नरकटियागंज): जिले में टिड्डियों के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. ये जागरुकता कार्यक्रम कृषि विभाग की ओर से चलाया गया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मियों ने गांव में घूम-घूमकर टिड्डियों से निपटने के लिए रणनीति के तहत किसानों को समझाया.

इस दौरान क्षेत्र के किसान वीरेंद्र उपाध्याय, मोहम्मद उमर, संजय कुमार, पुनदेव तिवारी, भूषण पासवान, अजय कुशवाहा और चंद्रिका राम आदि ने कहा कि टिड्डियों का दल प्रखंड में आने से थोड़ा चिंता बढ़ गई है. सबसे ज्यादा टिड्डियों का प्रकोप गन्ना के फसल पर रहता है. अगर टिड्डीयो का दल आता है तो गन्ने की फसल को कुछ ही घंटो में चट कर ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

कृषि पदाधिकारी ने दी फसल बचाने की उपाय की जानकारी
किसानों की समस्या सूनने के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवानंद कुमार ने कहा कि आप सभी सजग रहें और टिड्डी दिखते ही तुरंत कृषि विभाग और पंचायतों में कार्यरत किसान सालहकार को सूचना दें ताकि समय रहते फसलों को छती होने से रोका जा सके. इसके अलावे कृषि पदाधिकारी ने फसल की सुरक्षा करने को लेकर कहा कि किसानों ढोलक, थाली और टिन के डिब्बे बजाकर शोर मचा सकते हैं. वहीं टिड्डी मारने के लिए दवा कलोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत, क्युनालफॉस 15 प्रतिशत, लम्बासाहलोहितरीन 50 प्रतिशत, मैलाथिआश्नन 50 प्रतिशत, 1850 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें. इससे टिड्डी दल पर नियंत्रण किया जा सकता है.

बेतिया(नरकटियागंज): जिले में टिड्डियों के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. ये जागरुकता कार्यक्रम कृषि विभाग की ओर से चलाया गया. इस कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मियों ने गांव में घूम-घूमकर टिड्डियों से निपटने के लिए रणनीति के तहत किसानों को समझाया.

इस दौरान क्षेत्र के किसान वीरेंद्र उपाध्याय, मोहम्मद उमर, संजय कुमार, पुनदेव तिवारी, भूषण पासवान, अजय कुशवाहा और चंद्रिका राम आदि ने कहा कि टिड्डियों का दल प्रखंड में आने से थोड़ा चिंता बढ़ गई है. सबसे ज्यादा टिड्डियों का प्रकोप गन्ना के फसल पर रहता है. अगर टिड्डीयो का दल आता है तो गन्ने की फसल को कुछ ही घंटो में चट कर ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.

कृषि पदाधिकारी ने दी फसल बचाने की उपाय की जानकारी
किसानों की समस्या सूनने के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी देवानंद कुमार ने कहा कि आप सभी सजग रहें और टिड्डी दिखते ही तुरंत कृषि विभाग और पंचायतों में कार्यरत किसान सालहकार को सूचना दें ताकि समय रहते फसलों को छती होने से रोका जा सके. इसके अलावे कृषि पदाधिकारी ने फसल की सुरक्षा करने को लेकर कहा कि किसानों ढोलक, थाली और टिन के डिब्बे बजाकर शोर मचा सकते हैं. वहीं टिड्डी मारने के लिए दवा कलोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत, क्युनालफॉस 15 प्रतिशत, लम्बासाहलोहितरीन 50 प्रतिशत, मैलाथिआश्नन 50 प्रतिशत, 1850 मिली प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें. इससे टिड्डी दल पर नियंत्रण किया जा सकता है.

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