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बेतिया: बाढ़ आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन अलर्ट, जलजमाव वाले क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण - Aerial survey of waterlogged areas

बिहार और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिमी चंपारण में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जिसे देखते हुए आज आपदा प्रबंधन विभाग, कृषि विभाग और बेतिया डीएम ने पश्चिम चम्पारण जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 8, 2021, 4:28 PM IST

बेतिया: बिहार और नेपाल में हो रही लगातार भारी बारिश से पश्चिमी चंपारण में बाढ़ ( Flood In Bihar ) की स्थिति बनी हुई है. जिस देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने जलजमाव वाले इलाकों का स्वयं हवाई सर्वेक्षण ( Aerial Survey ) कर सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कई आवश्यक निर्देश दिया गया था.

इसी के मद्देनजर आज ( गुरुवार ) सचिव, परिवहन विभाग-सह- विशेष कार्य पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग संजय कुमार अग्रवाल, निदेशक कृषि विभाग आदेश तितरमारे एवं बेतिया डीएम कुंदन कुमार ( DM Kundan Kumar ) द्वारा संयुक्त रूप से पश्चिम चम्पारण जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया गया.

इसे भी पढ़ेंः पीपी तटबंध पर मंडराने लगा खतरा, ग्रामीणों की सूचना पर बचाव कार्य में लगे अधिकारी

हवाई सर्वेक्षण कर रामनगर, गौनाहा, चनपटिया, सिकटा, मझौलिया आदि प्रखंडों में अत्यधिक वर्षापात तथा नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में आ रहे पानी के कारण जलजमाव की स्थिति, क्षतिग्रस्त सड़क पुल, पुलिया का आकलन किया गया है.

बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि अभी कोरोना का भी दौर है और बाढ़ की भी स्थिति बनी हुई है. प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य योजनाबद्ध तरीके से कराया जा रहा है. डीएम ने कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षाकृत काफी अधिक वर्षा हुई है. जुलाई माह में अब तक औसत 460.20 एमएम बारीश हुई है. जुलाई माह में वर्षापात का समान्य वर्षापात से विचलन ( डेविएशन ) पर गौर किया जाए तो वर्ष 2018 में 1.97 था, 2019 में यह 37.51 था तो वर्ष 2020 में 60.75 था.

इसे भी पढ़ें- गंडक नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर, दूसरी नदियों का भी जलस्तर बढ़ने लगा

वहीं अभी मात्र आठ दिनों में ही यह 194.27 पर पहुंच गया है. इस प्रकार के अप्रत्याशित बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारियां की गई हैं. किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचाव के लिए जिला प्रशासन एवं अभियंत्रण विभाग हाई अलर्ट पर हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार जलजमाव वाले क्षेत्रों से पीड़ितों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा रही है. आवश्यकतानुसार तुरंत बचाव कार्य प्रारंभ किया जाएगा. कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- पश्चिमी चंपारण: पीपी तटबंध का बांध क्षतिग्रस्त, तंबू में रहने को मजबूर हैं पीड़ित

बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि जिले में अबतक 9 स्थलों पर निशुल्क नाव का परिचालन जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है. तीन जगहों पर सामुदायिक किचन कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप संचालित किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ने पर सामुदायिक किचन की संख्या बढ़ायी जाएगी. साथ ही प्रभावितों के बीच राहत सामग्री, सूखा राशन का वितरण लगातार कराया जा रहा है.

1300 पॉलिथिन शीट्स का वितरण भी कराया गया है ताकि आमजन को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. साथ ही अबतक 185 से ज्यादा क्षतिग्रस्त सड़क, पुल, पुलिया, तटबंध आदि की मरम्मति करा ली गयी है और शेष स्थलों पर मरम्मति कार्य युद्धस्तर पर संचालित किए जा रहे हैं.

बेतिया: बिहार और नेपाल में हो रही लगातार भारी बारिश से पश्चिमी चंपारण में बाढ़ ( Flood In Bihar ) की स्थिति बनी हुई है. जिस देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने जलजमाव वाले इलाकों का स्वयं हवाई सर्वेक्षण ( Aerial Survey ) कर सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कई आवश्यक निर्देश दिया गया था.

इसी के मद्देनजर आज ( गुरुवार ) सचिव, परिवहन विभाग-सह- विशेष कार्य पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग संजय कुमार अग्रवाल, निदेशक कृषि विभाग आदेश तितरमारे एवं बेतिया डीएम कुंदन कुमार ( DM Kundan Kumar ) द्वारा संयुक्त रूप से पश्चिम चम्पारण जिले के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया गया.

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हवाई सर्वेक्षण कर रामनगर, गौनाहा, चनपटिया, सिकटा, मझौलिया आदि प्रखंडों में अत्यधिक वर्षापात तथा नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में आ रहे पानी के कारण जलजमाव की स्थिति, क्षतिग्रस्त सड़क पुल, पुलिया का आकलन किया गया है.

बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि अभी कोरोना का भी दौर है और बाढ़ की भी स्थिति बनी हुई है. प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य योजनाबद्ध तरीके से कराया जा रहा है. डीएम ने कहा कि इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षाकृत काफी अधिक वर्षा हुई है. जुलाई माह में अब तक औसत 460.20 एमएम बारीश हुई है. जुलाई माह में वर्षापात का समान्य वर्षापात से विचलन ( डेविएशन ) पर गौर किया जाए तो वर्ष 2018 में 1.97 था, 2019 में यह 37.51 था तो वर्ष 2020 में 60.75 था.

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वहीं अभी मात्र आठ दिनों में ही यह 194.27 पर पहुंच गया है. इस प्रकार के अप्रत्याशित बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारियां की गई हैं. किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचाव के लिए जिला प्रशासन एवं अभियंत्रण विभाग हाई अलर्ट पर हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार जलजमाव वाले क्षेत्रों से पीड़ितों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचा रही है. आवश्यकतानुसार तुरंत बचाव कार्य प्रारंभ किया जाएगा. कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं.

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बेतिया डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि जिले में अबतक 9 स्थलों पर निशुल्क नाव का परिचालन जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है. तीन जगहों पर सामुदायिक किचन कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप संचालित किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ने पर सामुदायिक किचन की संख्या बढ़ायी जाएगी. साथ ही प्रभावितों के बीच राहत सामग्री, सूखा राशन का वितरण लगातार कराया जा रहा है.

1300 पॉलिथिन शीट्स का वितरण भी कराया गया है ताकि आमजन को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. साथ ही अबतक 185 से ज्यादा क्षतिग्रस्त सड़क, पुल, पुलिया, तटबंध आदि की मरम्मति करा ली गयी है और शेष स्थलों पर मरम्मति कार्य युद्धस्तर पर संचालित किए जा रहे हैं.

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