ETV Bharat / state

बेतिया: मदनपुर देवी स्थान पर सबकी मुरादे होती हैं पूरी!, श्रद्धालुओं की भीड़

author img

By

Published : Oct 24, 2020, 5:16 PM IST

बेतिया के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र में मदनपुर जंगल के जंगलों के बीच मां मदनपुर देवी का स्थान है. शुक्रवार को हजारों की संख्या में पंहुचे भक्तों ने मां के दर्शन किए.

Bettiah
बेतिया

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के मदनपुर जंगल के बीच मां मदनपुर देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. नवरात्र में यूपी बिहार सहित नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर कर देवी का दर्शन करते हुए मन्नते मांगते हैं. मान्यता है कि मां के दरबार से आज तक कोई भक्त निराश नहीं लौटा है. यही कारण है कि नवरात्र ही नहीं बल्कि हमेशा मां के दरबार में श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है.

जंगलों के बीच मंदिर
मदनपुर जंगल के जंगलों के बीच मां मदनपुर देवी का स्थान है. शुक्रवार को हजारों की संख्या में पंहुचे भक्तों ने मां का दर्शन किया. वहीं, कोरोना से बेफ्रिक लोगों का हुजूम कंट्रोल से बाहर था. इस साल सड़क की मरम्मती हो जाने से सवारियों को रेला लगा हुआ था. मन्दिर के महंत के मुताबिक मां मदनपुर देवी स्थान कभी राजा मदन सिंह के राज्य के अधीन आता था. जहां राजा कभी कभार इस जंगल में शिकार करने आया करते थे. इसी दौरान राजा को सूचना मिली की रहसू गुरु नामक साधु उनके रियासत के जंगलों के बीच बाघ के गले में सांप बांधकर धान की मड़ाई करता है. यह सुन राजा सैनिकों के साथ मौके पर पहुंच गये और वह दृश्य अपनी आखों से देख अचम्भित हो गये.

मंदिर की पुरानी मान्यता
वहीं, राजा ने रहसू गुरु से इस रहस्य की जानकारी लेते हुए देवी मां को सामने बुलाने की जिद पर अड़ गये. इस पर रहसू गुरु ने राजपाठ का सर्वनाश होने की बात कहते हुए राजा को समझाने का काफी प्रयास किया. लेकिन राजा उसे सजा देने की बात कहते हुए अपनी बातों पर अटल रहे. तब थक हार कर रहसू ने देवी का आह्वावन किया जिस पर देवी कामाख्या से चलकर खन्हवार में विश्राम करती हुई थावे पहुंची. देवी के थावे पहुंचने के बाद रहसू ने एक बार राजा को फिर चेताया लेकिन राजा नहीं माने. इसी दौरान देवी मां भक्त रहसू का सिर फाड़ते हुए हाथ का कंगन दिखाया, जिसे देख राजा मूर्छित होकर जमीन पर गिर पडे़ और फिर नहीं उठे. इसके बाद राजा का परिवार और सारा साम्राज ही तहस नहस हो गया.

दूर-दूर से दर्शन को आते हैं श्रद्धालु
देवी मां के प्रकोप से बचते हुए राजा की गर्भवती बहू बिहार के बड़गांव पहुंची तो देवी मां बहू का विनाश करने लिए उसके पीछे लहुआर होते हुए बडगांव पहुंची. जहां बहू को गर्भवती देख देवी मां उसे माफ करते हुए मदनपुर जंगल के बीचों-बीच पिण्डी का रुप धारण कर स्थापित हो गई. इसी दौरान जंगल में गाय लेकर गये हरिचरण नामक व्यक्ति की नजर पिण्डी पर पड़ी. उसने देखा कि एक गाय पिण्डी के स्वरुप पर अपना दूध गिरा रही है. यह देख हरिचरण पिण्डी के आस-पास की सफाई कर वहां पूजा करना शुरु कर दिया. हरिचरण की भक्ति से प्रसन्न होकर देवी मां प्रकट होते हुए उसकी रखवाली के लिए एक बाघ प्रदान किया. इसके बाद इसकी चर्चा क्षेत्र में चारो तरफ फैल गयी. इसकी जानकारी बडगांव को हुई तो उन्होंने पिण्डी की जगह एक मंदिरर का निर्माण कराया. जहां दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचकर नवरात्र में पूजन अर्चन कर मन्नते मांगते हैं.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के मदनपुर जंगल के बीच मां मदनपुर देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. नवरात्र में यूपी बिहार सहित नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर कर देवी का दर्शन करते हुए मन्नते मांगते हैं. मान्यता है कि मां के दरबार से आज तक कोई भक्त निराश नहीं लौटा है. यही कारण है कि नवरात्र ही नहीं बल्कि हमेशा मां के दरबार में श्रद्धालुओं का आना जाना रहता है.

जंगलों के बीच मंदिर
मदनपुर जंगल के जंगलों के बीच मां मदनपुर देवी का स्थान है. शुक्रवार को हजारों की संख्या में पंहुचे भक्तों ने मां का दर्शन किया. वहीं, कोरोना से बेफ्रिक लोगों का हुजूम कंट्रोल से बाहर था. इस साल सड़क की मरम्मती हो जाने से सवारियों को रेला लगा हुआ था. मन्दिर के महंत के मुताबिक मां मदनपुर देवी स्थान कभी राजा मदन सिंह के राज्य के अधीन आता था. जहां राजा कभी कभार इस जंगल में शिकार करने आया करते थे. इसी दौरान राजा को सूचना मिली की रहसू गुरु नामक साधु उनके रियासत के जंगलों के बीच बाघ के गले में सांप बांधकर धान की मड़ाई करता है. यह सुन राजा सैनिकों के साथ मौके पर पहुंच गये और वह दृश्य अपनी आखों से देख अचम्भित हो गये.

मंदिर की पुरानी मान्यता
वहीं, राजा ने रहसू गुरु से इस रहस्य की जानकारी लेते हुए देवी मां को सामने बुलाने की जिद पर अड़ गये. इस पर रहसू गुरु ने राजपाठ का सर्वनाश होने की बात कहते हुए राजा को समझाने का काफी प्रयास किया. लेकिन राजा उसे सजा देने की बात कहते हुए अपनी बातों पर अटल रहे. तब थक हार कर रहसू ने देवी का आह्वावन किया जिस पर देवी कामाख्या से चलकर खन्हवार में विश्राम करती हुई थावे पहुंची. देवी के थावे पहुंचने के बाद रहसू ने एक बार राजा को फिर चेताया लेकिन राजा नहीं माने. इसी दौरान देवी मां भक्त रहसू का सिर फाड़ते हुए हाथ का कंगन दिखाया, जिसे देख राजा मूर्छित होकर जमीन पर गिर पडे़ और फिर नहीं उठे. इसके बाद राजा का परिवार और सारा साम्राज ही तहस नहस हो गया.

दूर-दूर से दर्शन को आते हैं श्रद्धालु
देवी मां के प्रकोप से बचते हुए राजा की गर्भवती बहू बिहार के बड़गांव पहुंची तो देवी मां बहू का विनाश करने लिए उसके पीछे लहुआर होते हुए बडगांव पहुंची. जहां बहू को गर्भवती देख देवी मां उसे माफ करते हुए मदनपुर जंगल के बीचों-बीच पिण्डी का रुप धारण कर स्थापित हो गई. इसी दौरान जंगल में गाय लेकर गये हरिचरण नामक व्यक्ति की नजर पिण्डी पर पड़ी. उसने देखा कि एक गाय पिण्डी के स्वरुप पर अपना दूध गिरा रही है. यह देख हरिचरण पिण्डी के आस-पास की सफाई कर वहां पूजा करना शुरु कर दिया. हरिचरण की भक्ति से प्रसन्न होकर देवी मां प्रकट होते हुए उसकी रखवाली के लिए एक बाघ प्रदान किया. इसके बाद इसकी चर्चा क्षेत्र में चारो तरफ फैल गयी. इसकी जानकारी बडगांव को हुई तो उन्होंने पिण्डी की जगह एक मंदिरर का निर्माण कराया. जहां दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचकर नवरात्र में पूजन अर्चन कर मन्नते मांगते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.