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बगहा में मनाया गया SSB का 60वां स्थापना दिवस, जवान 24 घंटे कर रहे बॉर्डर की निगरानी

60th foundation day of SSB: बगहा में एसएसबी 21वीं बटालियन मुख्यालय परिसर में सशस्त्र सीमा बल का 60वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर विभिन्न खेलों समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. इंडो नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी चुनौतियों के साथ देश की सुरक्षा में जुटी रहती है.

एसएसबी का 60वां स्थापना दिवस
एसएसबी का 60वां स्थापना दिवस
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 20, 2023, 5:42 PM IST

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बगहा: सीमा की सुरक्षा में सशस्त्र सीमा बल के जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं. एसससबी मूल रूप से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद 20 दिसंबर 1963 को स्पेशल सर्विस ब्यूरो के नाम से स्थापित किया गया. कारगिल युद्ध के बाद एसएसबी के कार्य क्षेत्र एवं भूमिका में परिवर्तन कर इसे वर्ष 2001 में गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया.

एसएसबी का 60वां स्थापना दिवस: बाद में सीमा रक्षक बल बनाकर 1751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर और साल 2004 में 699 किमी लंबी भारत भूटान सीमा पर देश की रक्षा का दायित्व सौंपा गया. भारत सरकार ने साल 2004 में नई भूमिका के अनुरूप इसका नाम बदलकर सशस्त्र सीमा बल कर दिया.

बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन: सीमा, सुरक्षा और बंधुत्व के फार्मूले पर सरहद पर राष्ट्र की सेवा में जुटी एसएसबी आज अपना 60वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर एसएसबी मुख्यालय मंगलपुर औसानी के प्रांगण में खेलकूद समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही जवानों के साथ तीसरे नेत्र की तर्ज पर कार्य करने वाले डॉग स्क्वायड के करतब भी दिखाए गए.

SSB के स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम
SSB के स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम

'हमारे जवान काफी मुस्तैदी से काम करते हैं': इस मौके पर एसएसबी 21वीं बटालियन के कमांडेंट श्रीप्रकाश ने बताया कि नेपाल और भूटान सीमा पर सशस्त्र सीमा बल के जवान वर्षों से तैनात हैं. बगहा में इंडो नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकिनगर खुली सीमा होने की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके हमारे जवान काफी मुस्तैदी से 24 घंटे कार्य करते हैं.

डॉग स्क्वायड के करतब
डॉग स्क्वायड का करतब

"नारकोटिक्स, मानव व पशु तस्करी, शराब समेत कई अपराध खासकर संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में खास चौकसी बरतनी पड़ती है. लिहाजा ट्रेंड डॉग स्क्वायड के साथ जवानों की मुस्तैदी सरहद पर की गई है. इस पर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए सीमाई लोगों से भी मदद ली जाती है."- श्रीप्रकाश, कमांडेंट, SSB 21वीं बटालियन

इसे भी पढ़ें- सुपौल में पासिंग आउट परेड, देश सेवा के लिए एसएसबी के 353 जवान तैयार

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बगहा: सीमा की सुरक्षा में सशस्त्र सीमा बल के जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं. एसससबी मूल रूप से 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद 20 दिसंबर 1963 को स्पेशल सर्विस ब्यूरो के नाम से स्थापित किया गया. कारगिल युद्ध के बाद एसएसबी के कार्य क्षेत्र एवं भूमिका में परिवर्तन कर इसे वर्ष 2001 में गृह मंत्रालय के अधीन कर दिया गया.

एसएसबी का 60वां स्थापना दिवस: बाद में सीमा रक्षक बल बनाकर 1751 किमी लंबी भारत-नेपाल सीमा पर और साल 2004 में 699 किमी लंबी भारत भूटान सीमा पर देश की रक्षा का दायित्व सौंपा गया. भारत सरकार ने साल 2004 में नई भूमिका के अनुरूप इसका नाम बदलकर सशस्त्र सीमा बल कर दिया.

बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बगहा में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन: सीमा, सुरक्षा और बंधुत्व के फार्मूले पर सरहद पर राष्ट्र की सेवा में जुटी एसएसबी आज अपना 60वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर एसएसबी मुख्यालय मंगलपुर औसानी के प्रांगण में खेलकूद समेत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. साथ ही जवानों के साथ तीसरे नेत्र की तर्ज पर कार्य करने वाले डॉग स्क्वायड के करतब भी दिखाए गए.

SSB के स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम
SSB के स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम

'हमारे जवान काफी मुस्तैदी से काम करते हैं': इस मौके पर एसएसबी 21वीं बटालियन के कमांडेंट श्रीप्रकाश ने बताया कि नेपाल और भूटान सीमा पर सशस्त्र सीमा बल के जवान वर्षों से तैनात हैं. बगहा में इंडो नेपाल बॉर्डर पर वाल्मीकिनगर खुली सीमा होने की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. बावजूद इसके हमारे जवान काफी मुस्तैदी से 24 घंटे कार्य करते हैं.

डॉग स्क्वायड के करतब
डॉग स्क्वायड का करतब

"नारकोटिक्स, मानव व पशु तस्करी, शराब समेत कई अपराध खासकर संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में खास चौकसी बरतनी पड़ती है. लिहाजा ट्रेंड डॉग स्क्वायड के साथ जवानों की मुस्तैदी सरहद पर की गई है. इस पर सफलतापूर्वक कार्य करने के लिए सीमाई लोगों से भी मदद ली जाती है."- श्रीप्रकाश, कमांडेंट, SSB 21वीं बटालियन

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