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बेतिया से ग्राउंड रिपोर्ट: सड़क पर बह रहा है 4 फीट पानी, जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं लोग - बेतिया से ग्राउंड रिपोर्ट

बेतिया जिले में बाढ़ से स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है. गांवों में पानी घुस जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हैं. वे खुले आसमान ने नीचे गुजर कर रहे हैं. लोग प्रशासन पर राहत कार्य में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

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Published : Jul 4, 2021, 4:24 PM IST

बेतिया: लगातार बारिश और नेपाल की नदियों के जलस्तर में खतरनाक बढ़ोतरी से बिहार के कई जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar) से हालात बिगड़ने लगे हैं. गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बेतिया (Flood in Bettiah) में बाढ़ से हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया का महेशड़ा गांव बना टापू, महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज

जान जोखिम में डालना मजबूरी
बाढ़ के चलते बेतिया-मैनाटांड़ मुख्य मार्ग पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं. इसके अलाबा उनके पास कोई चारा भी नहीं है. जरूरी कार्य से लोगों को घर से निकलना ही पड़ रहा है.

बेतिया
सड़क पार करते लोग

चल रही हैं यात्रियों से खचाखच भरी बसें
इधर, यात्रियों के खचाखच भरी बसें उसी सड़क से होकर गुजर रही हैं. बस चालक लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. कई जगहों पर सड़कें टूटी हुई भी हैं. जिसके कारण गड्ढों का पता नहीं चल पा रहा है. इस प्रकार से बसों का चलना किसी हादसे को न्यौता देने जैसा है. कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

बेतिया
बंद वाहन को धक्का देते ग्रामीण

पानी के बहाव से सड़क पार करना भी कठिन
बेतिया-मैनाटांड़ रोड़ पर जान जोखिम में डालकर लोग सड़क पार कर रहे हैं. सड़क पर पानी का बहाव काफी तेज है. हालांकि कुछ स्थानीय लोग सड़क पार करने में लोगों की मदद कर रहे हैं जिससे कोई अनहोनी ना हो.

बेतिया
सड़क पर लोगों की मदद करते ग्रामीण

गांव बने टापू
बेतिया से मैनाटांड़ जाने वाली सड़क के किनारे बसे कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. इन गांवों में आने-जाने का रास्ता बंद है. उसके बावजूद भी लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे हैं. कई वाहन बीच सड़क पर ही फंसे हुए हैं. पानी के चलते बाईक बंद हो जा रही हैं.

देखें रिपोर्ट

प्रशासनिक सहयोग की मांग
लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को इस सड़क पर पुलिसकर्मियों को तैनात करना चाहिए. सड़क पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं लेकिन इसमें पुलिस का भी सहयोग मिलना चाहिए. पुलिसकर्मियों के तैनात होने से लोगों को आने-जाने से रोका जा सकता है. अगर समय पर कदम नहीं उठाये गये तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

बेतिया: लगातार बारिश और नेपाल की नदियों के जलस्तर में खतरनाक बढ़ोतरी से बिहार के कई जिलों में बाढ़ (Flood in Bihar) से हालात बिगड़ने लगे हैं. गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बेतिया (Flood in Bettiah) में बाढ़ से हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया का महेशड़ा गांव बना टापू, महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज

जान जोखिम में डालना मजबूरी
बाढ़ के चलते बेतिया-मैनाटांड़ मुख्य मार्ग पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं. इसके अलाबा उनके पास कोई चारा भी नहीं है. जरूरी कार्य से लोगों को घर से निकलना ही पड़ रहा है.

बेतिया
सड़क पार करते लोग

चल रही हैं यात्रियों से खचाखच भरी बसें
इधर, यात्रियों के खचाखच भरी बसें उसी सड़क से होकर गुजर रही हैं. बस चालक लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. कई जगहों पर सड़कें टूटी हुई भी हैं. जिसके कारण गड्ढों का पता नहीं चल पा रहा है. इस प्रकार से बसों का चलना किसी हादसे को न्यौता देने जैसा है. कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

बेतिया
बंद वाहन को धक्का देते ग्रामीण

पानी के बहाव से सड़क पार करना भी कठिन
बेतिया-मैनाटांड़ रोड़ पर जान जोखिम में डालकर लोग सड़क पार कर रहे हैं. सड़क पर पानी का बहाव काफी तेज है. हालांकि कुछ स्थानीय लोग सड़क पार करने में लोगों की मदद कर रहे हैं जिससे कोई अनहोनी ना हो.

बेतिया
सड़क पर लोगों की मदद करते ग्रामीण

गांव बने टापू
बेतिया से मैनाटांड़ जाने वाली सड़क के किनारे बसे कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. इन गांवों में आने-जाने का रास्ता बंद है. उसके बावजूद भी लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे हैं. कई वाहन बीच सड़क पर ही फंसे हुए हैं. पानी के चलते बाईक बंद हो जा रही हैं.

देखें रिपोर्ट

प्रशासनिक सहयोग की मांग
लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को इस सड़क पर पुलिसकर्मियों को तैनात करना चाहिए. सड़क पर 3 से 4 फीट पानी बह रहा है. स्थानीय लोग मदद कर रहे हैं लेकिन इसमें पुलिस का भी सहयोग मिलना चाहिए. पुलिसकर्मियों के तैनात होने से लोगों को आने-जाने से रोका जा सकता है. अगर समय पर कदम नहीं उठाये गये तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

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