बेतिया : बिहार के बेतिया में स्कूल में सुविधाओं की कमी ऐसी है कि एक क्लास में ही दो कक्षा के बच्चे बैठते हैं और एक ही ब्लैक बोर्ड पर दोनों कक्षाओं के बच्चे पढ़ते हैं. इन नौनिहालों का भविष्य क्या होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. जी हां, यह नरकटियागंज नगर के वार्ड संख्या पांच में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोड़ी शिकारपुर विद्यालय की तस्वीर है. यह एक ऐसा विद्यालय है, जहां दो भवनों में दो दिशाओं में बिठाकर 185 बच्चों का भविष्य गढ़ा जा रहा है.
ठंड में फर्श पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे : यह विद्यालय नरकटियागंज बीआरसी के बगल में हैं. यहां छोटे-छोटे नौनिहाल जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं. ठंड के मौसम में यह बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. लेकिन इस पर शिक्षा विभाग का कोई ध्यान नहीं है. स्कूल में एचएम के पद पर मो. जमालुद्दीन हैं, तो शिक्षक के रूप में जाहिद हसन नूरी, सचिन कुमार, अजय कुमार और पंकज कुमार हैं. इस विद्यालय की खास बात ये है कि यहां वर्ग चौथी व पांचवी के बच्चे दो दिशाओं में बैठते है.
एक कमरे में दो कक्षा के बच्चे पढ़ने को मजबूर : पहली क्लास के बच्चे बरामदे में और दूसरे तीसरे क्लास के बच्चे अलग-अलग एक ही रूम में पढ़ते है. एचएम मो. जमालुद्दीन ने बताया कि "विद्यालय में चारदिवारी नहीं है. रूम नहीं है. एक ही रूम में दो बोर्ड पर दो शिक्षक दो वर्ग के बच्चों की क्लास लेते हैं. परेशानियों के बीच शिक्षा देने की मजबूरी है. इसके लिए विभाग को सूचित किया गया है. विभाग ने आश्वासन दिया है कि जल्दी स्कूल में सभी संसाधन मुहैया कर दी जाएगी."
एक ब्लैक बोर्ड पर दो वर्ग के बच्चों की होती है पढ़ाई : स्कूल शिक्षक अजय कुमार ने बताया कि एक ही कक्षा में दो वर्ग की पढ़ाई होती है. जगह का अभाव है. इसलिए थोड़ी परेशानी होती है. वहीं शिक्षक सचिन कुमार ने बताया कि जब से मैं इस विद्यालय में आया हूं, तब से यही स्थिति है. बच्चे जमीन पर ही बैठकर पढ़ते हैं और एक ही ब्लैक बोर्ड पर दो कक्षाओं की पढ़ाई होती है. शिक्षक जाहिद हसन नूरी ने भी कहा कि विभाग को पत्र लिखा गया है, जानकारी दी गई है. उम्मीद है कि इस स्कूल को सुविधा मिलेगी.
"अभी अब ठंड है तो बच्चे बोरा और दरी पर बैठकर पढ़ते हैं. टेबल और बेंच इस स्कूल को नहीं मिला है. बोला गया है कि जल्द मिल जाएगा."- जाहिद हसन नूरी, शिक्षक
संज्ञान में आया है स्कूल का मामला : जब इस विद्यालय के बारे में नरकटियागंज प्रखंड डीपीओ सह प्रभारी बीइओ इफ्तेखारुल जामा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. ऐसा बच्चे के लिए भवन नही हैं तो दूसरे विद्यालय में इसको मर्ज करने का काम चल रहा है. वहीं अगर बेंच डेस्क स्कूल में नहीं हैं तो इसके लिए बहुत सारी राशि प्रशासन के द्वारा आवंटित की गई है.
"इस स्कूल की समस्या को देख कर जल्द ही बेंच डेस्क दिया जाएगा. ताकि बच्चों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े."- इफ्तेखारुल जामा, डीपीओ सह प्रभारी बीईओ, नरकटियागंज
संसाधनों की कमी से जूझ रहा स्कूल : इस विद्यालय की तस्वीर को बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव तक को देखनी चाहिए. यहां किस तरह असुविधाओं के बीच नौनिहाल भविष्य गढ़ रहे हैं और बिहार शिक्षा विभाग में संसाधनों की किस कदर कमी है. ठंड के मौसम में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर है और सुविधा के नाम पर एक ब्लैक बोर्ड पर दो कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
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