वैशाली: छपरा शराब कांड (Chapra Liquor Case) में हुए 76 लोगों की मौत के बाद भी अवैध शराब का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार में न ही शराब की बिक्री बंद हो रही है और न ही शराब पीकर जान जोखिम में डालने से लोग गुरेज कर रहे हैं. इसी क्रम में जहरीली शराब का एक और मामला सामने आया है. वैशाली में एक 20 वर्षीय युवक ने शराब का सेवन (Youth sick after drinking poisonous liquor) किया. जिसके बाद से वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. रेफरल अस्पताल से उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया और फिर सदर अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद उसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.
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शराब पीने से युवक की स्थिति गंभीर: रेफरल अस्पताल में दिखाए जाने के दौरान डॉक्टर द्वारा मरीज के पुर्जे पर स्पष्ट तौर से लिख दिया गया कि सस्पेक्टेड केस ऑफ अल्कोहल. यही नहीं युवक के पिता ने भी स्पष्ट तौर से बताया है कि शराब पीने से ही युवक गंभीर रूप से बीमार पड़ा है. निजी क्लीनिक में इलाज करा रहे हैं. 20 वर्षीय रजनीश कुमार गोरौल थाना क्षेत्र के रहने वाले महेश दास का पुत्र है. बताया गया कि महेश दास हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में किसी काम से आए हुए थे. तभी उन्हें फोन पर सूचना दी गई कि उनका बेटा गांव में शराब के नशे में है. सूचना मिलने के बाद महेश दास अपने गांव पहुंचे और फिर वहां से बेटे को लेकर घर आए. घर पर पूछताछ और डांट डपट करने के दौरान उनके बेटे की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया.
सदर अस्पताल में पीएमसीएच रेफर: बीमार के पिता ने बताया कि स्थानीय डॉक्टर से संपर्क किया लेकिन डॉक्टर मौजूद नहीं थे. इसके बाद रजनीश कुमार को लेकर महेश दास महुआ के रेफरल अस्पताल पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए रजनीश कुमार को हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया. साथ ही उसके पुर्जे पर भी लिख दिया, सस्पेक्टेड केस ऑफ अल्कोहल. सदर अस्पताल में रजनीश कुमार का इलाज के दौरान रेफरल अस्पताल का पर्चा देखते ही डॉक्टरों ने बगैर कोई जोखिम उठाए तत्काल ही रजनीश कुमार के परिजनों को पटना पीएमसीएच ले जाने की बात कही दी.
नीजी अस्पताल में चल रहा इलाज: दो सरकारी अस्पतालों से बगैर पूरी तरह इलाज के रेफर किए जाने के कारण परेशान महेश दास ने अपने पुत्र को हाजीपुर के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया. जहां उसका इलाज चल रहा है. परिजनों की मानें तो रजनीश कुमार की हाल चिंताजनक बनी हुई है. हालांकि पहले से उसकी तबीयत में थोड़ा बहुत सुधार भी नजर आया है. बावजूद घर के लोग बेहद चिंतित है. इस विषय में खुद महेश दास ने बताया कि फोन पर सूचना मिलने के बाद वह जब गांव पहुंचे तो उन्होंने अपने पुत्र को शराब के नशे में देखा. जिसके बाद डांट फटकार लगाई तब तक वह बेहोश हो गया था. सरकारी अस्पतालों से रेफर किए जाने के बाद अब उसका इलाज निजी नर्सिंग होम में चल रहा है.
"हम यहां कोर्ट में हाजीपुर आए थे. फोन हुआ कि बच्चे की तबीयत खराब है. हम वहां गए तो देखें कि वह नशे की हालत में है, तो उसको हम बुला कर घर ले गए और समझाएं बुझाए. बात नहीं माना तो डांटे वह खाए पिए हुए था. पान पुरिया खाया था और शराब भी पिए हुए था. बच्चा को दो थप्पड़ मारा तो वह बेहोश हो गया. नजदीकी डॉक्टर नहीं मिला तो अनुमंडल अस्पताल, महुआ सरकारी अस्पताल में लेकर आए. वहां डॉक्टर देखा भी नहीं और रेफर कर दिया. एंबुलेंस से हाजीपुर सदर अस्पताल लाए. यहां भी डॉक्टर नहीं देखा उसके बाद उसको प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराय हैं."- महेश दास, बीमार के पिता