वैशाली: वैज्ञानिक युग में सब कुछ बदल रहा है. देश दुनिया में कई बदलाव आ रहे हैं. लोग विकास कर रहे हैं ऐसे में अब तांत्रिकों और भूतों का विकास भी हो रहा है. जी हां यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी जरूर लग रही होगी. लेकिन अंधविश्वास की दुनिया में इसे सच माना जाता है. ऐसा दावा एक तांत्रिक की ओर से किया जा रहा है. हाजीपुर एक ऐसा स्थान है जहां दुनिया का सबसे बड़ा भूतों का मेला लगता है. यहां के तात्रिकों का दावा है कि वो भूतों को फोन कॉल से भगा देते हैं. उनका दावा है कि अगर जो सामने आया उसको प्रत्यक्ष और जो नहीं आया उसके सिर पर पड़ रही काली साया को फोन कॉल से भगा देंगे.
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फोन कॉल से भागता है भूत: हाजीपुर के साधु गाछी में आए तिसीऔता थाना क्षेत्र के तांत्रिक ननकी भगत ने बताया कि मंत्र के द्वारा मोबाइल पर भूत को भगा दिया जाता है. उधर से फोन आया और इधर से माथा दर्द, पेट दर्द या फिर भूत प्रेत पकड़ लिया तो सबको मोबाइल पर ही झाड़ दिया जाता है. जिससे वह ठीक हो जाता है यह सब कुछ मंत्र से ठीक कर दिया जाता है. ननकी भगत का दावा है कि भूत कई प्रकार का होता है. मसान भूत बहुत जिद्दी होता है. गंगा स्नान के लिए पूर्णिमा का दिन माना जाता है. उस दिन ज्यादा शक्ति होती है, खासकर कार्तिक पूर्णिमा को. जो लोग भी कहते हैं कि यह झूठा है वह गलत कहते हैं. अगर झूठ रहता तो इतना आदमी नहीं रहता. एमपी कलेक्टर बड़े-बड़े लोग यहां आते हैं. वहीं स्थानीय सुनील कुमार कृष्णा का कहना है कि यह सब बकवास है. इन सबके आड़ में गलत काम होता है. लोगों को ठगा जाता है. शिक्षा के अभाव के कारण यह सब कुछ चल रहा है. लोगों ने तांत्रिक के दावों की तुरंत ही हवा भी निकाल दी.
"मोबाइल पर भूत को भगा दिया जाता है मंत्र के द्वारा. उधर से फोन आया और इधर से माथा दर्द हो रहा है, पेट दर्द हो रहा है या भूत प्रेत पकड़ लिया तो सबको मोबाइल पर ही झाड़ दिया जाता है. जिससे वह ठीक हो जाता है यह सब कुछ मंत्र से ठीक कर दिया जाता है. कई प्रकार का भूत होता है जो मसान भूत होता है वह बहुत जिद्दी होता है. जो लोग कहते हैं कि यह झूठा है वह गलत कहते हैं. अगर झूठ रहता तो इतना आदमी नहीं रहता. एमपी कलेक्टर बड़े-बड़े लोग यहां आते हैं" - नानकी भगत, तांत्रिक
"यह जो भूत खेली है यह मेरे अनुसार पूरी तरह अंधविश्वास है और इसमें महिला उत्पीड़न भी है. क्योंकि यह जो भगत लोग हैं यह लोग स्टिक से महिलाओं को मारते हैं. जबरन कुछ उगलवाते हैं, कुछ बुलवाते हैं. जो नहीं भी बोलना चाहते हैं वह भी बुलवाते हैं. इस टाइप से वह उत्पीड़न ही कहेंगे. इसको इसमें कोई वैज्ञानिक कारण तो है नहीं. इससे महिलाओं का शोषण भी होता है. इससे बचाव के लिए लोगों को शिक्षित होना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना चाहिए. प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए" - सुनील कुमार कृष्णा, स्थानीय