वैशालीः बिहार में कोरोना संक्रमण के साथ ही ब्लैक फंगस भी महामारी का रुप लेती जा रहा है. लगातार बिहार में कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन महामारी के इस दौर में सरकारी तंत्र की बेरुखी इन दोनों ही बिमारियों से ज्यादा खतारनाक साबित हुई है. बिहार में लोगों की जान इन दोनों बीमारियों से कम और सरकारी कुव्यवस्था के कारण ज्यादा जा रही है. बानगी ये है कि सत्ता की कुव्यवस्था के सताए परिजन अब अपने प्रियजनों की अंतिम या़त्रा में 'राम नाम सत्य है' के बजाए ' नीतीश सरकार मुर्दाबाद' के नारे लगा रहे हैं.
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अंतिम या़त्रा में लगाए 'नीतीश सरकार मुर्दाबाद' के नारे
ये जो वीडियो आपने ऊपर देखा ये वैशाली जिले का है. यहां एक महिला को कोरोना के संग ही ब्लैक फंगस के संक्रमण होनो की शिकायत सामने आई था. लेकिन बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ने महिला और उसके परिजनों के संग जो बेरुखी दिखाई उसने महिला की जान ले ली. महिला के मौत के बाद उसके परिजनों ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था बड़ा सवाल खड़ा किया और सरकार के खिलाफ अपना रोष जताने के लिए महिला की अंतिम या़त्रा में 'राम नाम सत्य है' के बजाए ' नीतीश सरकार मुर्दाबाद' के नारे लगाए.
आर्थिक तंगी के कारण हाजीपुर में करा रहे थे इलाज
मामला करताहा थाना क्षेत्र के कंचनपुर धनुषी गांव क है. जहां के राजकिशोर राय की पत्नी प्रमिला देवी कोरोना संक्रमित हुई थी. मृतका के परिजनों की मानें तो संक्रमण होने के बाद वे डॉक्टर के इलाज में रही. तबियत ज्यादा बिगड़ने पर पटना के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के बाद उनका कोरोना रिपोर्ट निगेटिव भी आ गया.
इसी बीच अचानक उनके चेहरे पर धब्बे आने शुरू हो गए. जिसके बाद परिजन घबरा गए और अस्पताल का चक्कर काटने लगे. आर्थिक तंगी के कारण परिजनों ने महिला को हाजीपुर के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
परिजनो ने लगाए हैं गंभीर आरोप
परिजनो का आरोप है कि उन्होंने पटना के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में महिला को भर्ती कराने का प्रयास किया लेकिन हर जगह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. महिला के एक परिजन मनोज कुमार बताते हैं कि
"हम पटना एम्स में लेकर गए तो वहां कह दिया गया कि किसी भी हाल में महिला को भर्ती नहीं करेंगे. उसके बाद हा रुबन अस्पताल में लेकर गए. वहां इलाज बहुत महंगा था, वेंटिलेटर पर रखा था. सकान नहीं हुआ तो हाजीपुर में ले जाकर भरती कराए, जहा इताज हो रहा था, लेकिन 12- 1 बजे के करीब में ई दम तोड़ दी." मनोज कुमार परिजन
वहीं महिला के गांद के ही एक ग्रामीण पटना के आईजीआईएमएस के कर्मचारियों की बेअदब रवैचे का जिक्र करते हुए कहते हैं हि पहुंचते ही अस्पताल कर्मियों ने कहा कि फोन नंबर नोट करवा दो, हा फोन करेंगे.
"हम लोग सारा कागज लेकर पहुंचे थे, लेकिन वहां जाते कहता है कि चलो, चलो... नंबर नोट करा दो,हम फोन करेंगे. फेर फोन आता है कि आपका पेसेंट वेंटिलेटर वाला है, यहां जगह नही है... नही हो पाएगा. ये दशा है." अरुणेश प्रसाद यादव, ग्रामीण
स्वास्थ्य विभाग मामले से अनभिज्ञ
वैशाली से सामने आया यब माला सरकारी तंत्र की बेरूखी और कुव्यवस्था दोनों को दिखा रहा है. यही कारण है कि वैशाली के लोगों ने कुव्यवस्था की भेंट चढ़ी महिला की अंतिम या़त्रा में 'नीतीश सरकार मुर्दाबाद' के नारे लगा कर सरकार को यब संदेश दिया है कि सरकार के सारे दावे खोखले हैं. हालांकि इस मामले में जब हमने स्वास्थ्य विभाग से बात की तो उन्होंने पूरे मामले से खुद को अनभिज्ञ बता दिया.