हाजीपुर: हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र (Hajipur Industrial Area) में स्थित नाइपर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार परिवार कल्याण व खाद उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने नाइपर के छात्रों के लिए 1 वर्ष के इंटर्नशिप (Internship to NIPER students) देने का ऐलान किया है. जिससे छात्रों का स्किल प्रत्यक्ष रूप से डेवलप हो सकेगा. केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. उनके साथ उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain), स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey), स्थानीय विधायक अवधेश सिंह आदि मौजूद थे. नाइपर के सभागार में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई.
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तैयार हो 5 साल का रोड मैप: इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने कहा कि एक सोच बनानी है. एक पॉलिसी बनानी है लेकिन इस पॉलिसी के इंप्लीमेंट के लिए हमारे इंस्टिट्यूट के 5 साल का रोड मैप तैयार होना चाहिए. यहां से सिपेट (Central Institute of Plastics Engineering and Technology Center) में 300 स्टूडेंट ट्रेनिंग कर बाहर जाते हैं. 98% प्लेसमेंट होता है. प्लेसमेंट होना मतलब रोजगार का अवसर प्राप्त होना. यह हमारे लिए सबसे अच्छा मौका है. उन्होंने आगे कहा कि जब भी कोई पटना आए तो यह मैसेज होना चाहिए कि एक बार सिपेट और नाइपर देखनी चाहिए. लोग सोचें कि वहां जाकर एक चक्कर लगाते हैं.
उन्होंने कहा कि यहां परमानेंट एग्जीबिशन होना चाहिए. यहां का जो प्लेसमेंट है, वह एलुमनाई है. इसलिए साल में एक बार चाहे प्रत्यक्ष बुलाया जाए या वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया जाए. उसमें बताया जाए कि आप जहां काम करते हैं, क्या यहां इंडस्ट्रीज लगा सकते हैं. वह अपने कंपनी के ऑनर को कहेंगे. खुद आएंगे और उद्योग लगेंगे. जिससे देश आगे बढ़ेगा. इंडस्ट्रीज को बढ़ाना आवश्यक होता है. कोई इंडस्ट्री आगे बढ़ेगी तो रोजगार का सृजन होगा. रोजगार का सृजन होगा तो आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.
'मैं एक अनाउंसमेंट करने जा रहा हूं कि हर व्यक्ति को हर साल जो यहां नाइपर में पढ़ रहे हैं उनको इंटर्नशिप मिलेगा. जो आपको क्लियर करना है. तब आप अच्छी तरह से इंडस्ट्रीज को समझ पाएंगे.'-डॉ. मनसुख मंडाविया, केंद्रीय स्वास्थ एवं परिवार परिवार कल्याण व खाद उर्वरक मंत्री.
पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री का ग्रोथ 50%: केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मैं वेटनरी का डॉक्टर हूं. पढ़ाई करने के बाद जब काम करने गया तो एनीमल के पास जाते ही पता चला कि पढ़ाई कुछ और है और प्रैक्टिस कुछ और. इसलिए प्रत्यक्ष अनुभव इंडस्ट्रीज के स्टूडेंट में आएगा. वह समझेंगे. इसलिए 1 साल का इंटर्नशिप बहुत आवश्यक है. उन्होंने आगे कहा कि सुबह से शाम तक आप ज्यादातर पेट्रोकेमिकल का यूज करते हैं. इसके बिना जीवन संभव नहीं है. पेट्रोकेमिकल कितना महत्वपूर्ण है, इस आधार पर हम तय कर सकते हैं कि पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री का प्रतिवर्ष ग्रोथ 50% है. अगर सचमुच में हमें आत्मनिर्भर बनना है, दुनिया पर जो हमारी निर्भरता है उसको खत्म करना है. तेज गति से काम करना पड़ेगा.
कंपनियों को प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता: उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर कहा कि देश में युवाओं को रोजगार की और कंपनियों को प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता है. जिसकी कमी है. एक तरफ रोजगार मांग रहे हैं और दूसरी तरफ रोजगार के अवसर हैं हमारे पास. तो यह कैसे डेवलप होगा. इसलिए सिपेट और पेट्रोकेमिकल को आगे बढ़ाना है. फॉर्मा एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं जो आज दुनिया में जो टेबलेट यूज होती है, उसमें एक टेबलेट भारत का जेनेरिक जरूर होता है. इसे और भी डेवलप करना है. इतने बड़े देश में सभी राज्य की एक विशेषता है. सभी जगह नई अलग-अलग चीजें हैं. जैसे हाजीपुर में कालाजार पर काम करना होगा लेकिन गुजरात में नई बात होगी. इस आधार पर पॉलिसी तय करना होगा.
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