ETV Bharat / state

'मरने के बाद बच्ची को हॉस्पिटल लाया गया था', हाजीपुर सदर अस्पताल का दावा - Hajipur Sadar Hospital

हाजीपुर सदर अस्पताल (Hajipur Sadar Hospital) में बच्ची का शव लिए भटकते पिता का एक वीडियो सामने आया था. जिसको लेकर कहा गया था कि पिता को अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिल पाई. हालांकि इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने एक पत्र जारी कर कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है. बच्ची मृत रूप में अस्पताल लाई गई थी और उसे घर जाने के लिए शव वाहन दिया गया, लेकिन पिता ने शव वाहन के बदले एंबुलेंस लेकर मुजफ्फरपुर में झाड़ फूंक कराने जाना चाहता था. पढ़ें पूरी खबर..

वैशाली में बच्ची की मौत अस्पताल का बयान
वैशाली में बच्ची की मौत अस्पताल का बयान
author img

By

Published : Oct 16, 2022, 7:45 AM IST

वैशालीः वैशाली में बच्ची की मौत के बाद एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बच्ची के शव को गोद में लिए पिता को एंबुलेंस के लिए सदर अस्पताल में भटकता हुआ बताया गया. अब इस मामले पर सदर अस्पताल प्रबंधन का बयान सामने (Statement of hospital on death of girl in Vaishali) आया है. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हाजीपुर ने कहा है कि बच्ची के शव को ले जाने के लिए शव वाहन मुहैया कराया गया था, लेकिन पिता एंबुलेस से उसे मुजफ्फरपुर ले जाना चाहता था, जहां उसकी झाड़-फूंक कराई जा सके क्योंकि पिता का कहना था कि उसकी बेटी मृत नहीं है. उसे सांप ने काटा है.

ये भी पढ़ेंः हाजीपुर सदर अस्पताल की तस्वीर: गोद में बेटी का शव लेकर भटता रहा पिता, नहीं मिली एंबुलेंस

मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने जारी किया पत्रः मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हाजीपुर, वैशाली ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह खबर कि “शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली, बेटी को गोद में लेकर भटकता रहा पिता” भ्रामक है. बच्ची को मृत रूप में अस्पताल लाया गया था. डॉक्टर ने शव ले जाने के लिए शव वाहन देना चाहा, लेकिन मृतक के पिता ने कहा कि उसे सांप ने काटा है, वह मृत नहीं है. वह एम्बुलेंस लेकर मुजफ्फरपुर जाकर झाड़-फूंक से मृत बेटी का इलाज कराना चाहते थे.

क्या है मामलाः राजापाकर थाना क्षेत्र के बहुआरा निवासी अभिषेक सिंह की आठ वर्षीय बच्ची चौकी पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी तभी सांप ने उसे डंस लिया. बच्ची को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद अभिषेक अपनी बच्ची के शव को गोद में लिए एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकने लगा. (Father wandering with dead body for ambulance ). अभिषेक सिंह ने बताया कि एंबुलेंस मांगने पर कहा गया है कि नहीं है, बाहर से जाकर व्यवस्था कर लीजिए.

मजबूरी नहीं सुनी जातीः इस विषय में जब सिविल सर्जन अमरेंद्र नारयण शाही से पूछा गया तो पहले उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार किया, फिर डिप्टी सिविल सर्जन एसके वर्मा से कहा कि शव वाहन दे दीजिए. इस बीच, एक मजबूर पिता की मजबूरी देखकर अस्पताल के लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन अस्पताल प्रशासन पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

वैशालीः वैशाली में बच्ची की मौत के बाद एक वीडियो सामने आया था, जिसमें बच्ची के शव को गोद में लिए पिता को एंबुलेंस के लिए सदर अस्पताल में भटकता हुआ बताया गया. अब इस मामले पर सदर अस्पताल प्रबंधन का बयान सामने (Statement of hospital on death of girl in Vaishali) आया है. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हाजीपुर ने कहा है कि बच्ची के शव को ले जाने के लिए शव वाहन मुहैया कराया गया था, लेकिन पिता एंबुलेस से उसे मुजफ्फरपुर ले जाना चाहता था, जहां उसकी झाड़-फूंक कराई जा सके क्योंकि पिता का कहना था कि उसकी बेटी मृत नहीं है. उसे सांप ने काटा है.

ये भी पढ़ेंः हाजीपुर सदर अस्पताल की तस्वीर: गोद में बेटी का शव लेकर भटता रहा पिता, नहीं मिली एंबुलेंस

मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने जारी किया पत्रः मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हाजीपुर, वैशाली ने एक पत्र जारी किया है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह खबर कि “शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली, बेटी को गोद में लेकर भटकता रहा पिता” भ्रामक है. बच्ची को मृत रूप में अस्पताल लाया गया था. डॉक्टर ने शव ले जाने के लिए शव वाहन देना चाहा, लेकिन मृतक के पिता ने कहा कि उसे सांप ने काटा है, वह मृत नहीं है. वह एम्बुलेंस लेकर मुजफ्फरपुर जाकर झाड़-फूंक से मृत बेटी का इलाज कराना चाहते थे.

क्या है मामलाः राजापाकर थाना क्षेत्र के बहुआरा निवासी अभिषेक सिंह की आठ वर्षीय बच्ची चौकी पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी तभी सांप ने उसे डंस लिया. बच्ची को तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद अभिषेक अपनी बच्ची के शव को गोद में लिए एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकने लगा. (Father wandering with dead body for ambulance ). अभिषेक सिंह ने बताया कि एंबुलेंस मांगने पर कहा गया है कि नहीं है, बाहर से जाकर व्यवस्था कर लीजिए.

मजबूरी नहीं सुनी जातीः इस विषय में जब सिविल सर्जन अमरेंद्र नारयण शाही से पूछा गया तो पहले उन्होंने मामले की जानकारी होने से इंकार किया, फिर डिप्टी सिविल सर्जन एसके वर्मा से कहा कि शव वाहन दे दीजिए. इस बीच, एक मजबूर पिता की मजबूरी देखकर अस्पताल के लोग इकट्ठा हो गए, लेकिन अस्पताल प्रशासन पर कोई फर्क नहीं पड़ा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.