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OMG! बिहार के चूहों ने कर दिया नया कांड, आप जानकर पीट लेंगे माथा - Rat damage the Gandak canal dam in vaishali

बिहार के चूहे लगातार कमाल कर रहे हैं. कभी थाने में रखी शराब पी जा रहे हैं. तो कभी कार्यालयों में रखी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कुतर दे रहे हैं. इस बार चूहों ने तो हद कर दी, गंडक नहर के बांध में छेद कर चूहों ने उसे खोखला कर दिया. पढ़ें पूरी खबर और देखें वीडियो..

Gandak Canal Dam
Gandak Canal Dam
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Published : Jul 1, 2022, 8:39 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 9:46 PM IST

वैशालीः बिहार के वैशाली में गजब हो गया. चूहों ने गंडक नहर का बांध कुतरकर क्षतिग्रस्त कर दिया. जब गंडक नहर पर पानी का लोड बढ़ा तो चूहों के बनाए सुराख से पानी आरपार होने लगा. कुछ ही दिनों में सुराख बड़ा होकर आसपास के इलाके में बाढ़ का कारण (Rats caused floods in Vaishali) बन गया. इधर इंजीनियरों की टीम ने माथा पकड़ लिया. लाख निरीक्षण के बावजूद चूहों ने खेल कर दिया. ये पूरा मामला जिले के गोरौल पिरापुर बलहा गांव का है. बांध में छेद के कारण इलाके की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट (Flood In Vaishali) में आ गई. बांध ध्वस्त होने से इलाके की हजारों एकड़ फसल भी डूब गई.

पढ़ें-रहें सावधान : बिहार में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, वज्रपात की भी संभावना

''5 बजे सुबह में बांध टूट गया. मक्का सहित कई फसल और सब्जी को नुकसान हुआ है. जेसीबी और स्थानीय लोगों की मदद से बांध मरम्मत का काम चल रहा है, लेकिन पानी तेजी से बह रहा है."-बैजू भगत, ग्रामीण

वैशाली में चूहों का नया कारनामा: गोरौल में पिरापुर बलहा गांव के पास स्थित गंडक नहर का बांध सुबह क्षतिग्रस्त हो गया. जिसके कारण नहर का पानी तेजी खेतो में फैल रहा है. आलम यह है कि अभी तक सैकड़ोंं एकड़ खेत में पानी फैल चुका है. अगर जल्द क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत नहीं की गई तो इलाके के कई गांवों के खेत जलमग्न हो जाएगा. जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. बांध टूटने के बाद से किसानों में मायूसी के साथ साथ डर भी समा गया है. गंडक नहर परियोजना की ओर से मरम्मत कार्य किया जा रहा है. इंजीनियरों की ओर से उम्मीद की जा रही है अगले कुछ घंटों के अंदर बांध के कटाव को बंद कर दिया जायेगा.

"हम लोगों के जानकारी में आज ही यह बात सामने आई है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि 15 दिनों से पानी अपना रास्ता बना रहा था और बांध को तोड़ रहा था. लेकिन अगर गंडक प्रोजेक्ट इस पर ध्यान देते तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. फसल को काफी नुकसान हुआ और तेजी से पानी गांव की ओर जा रहा है. जिससे लोग काफी भयभीत हैं. लोगों को डर है कि पानी भरते भरते कहीं गांव की तरफ नहीं चला जाए" - चंद्रशेखर पटेल, ग्रामीण

टूट गया बांध, गांवों में घुसा पानी: ग्रामीणों ने हैरानी जतायी कि चार दिन पहले नहर में पानी आया है. बांध पहले से ही क्षतिग्रस्त था, बावजूद मरम्मत नहीं की गई, जिस कारण धीरे-धीरे बांध नीचे से खोखला हो गया और पानी के दवाब में धराशाई हो गया. हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि बांध को चूहे ने अंदर से खोखला कर दिया है. जिसके कारण बांध के अंदर होल हो गया और पानी के रिसाव से लगभग 10 फिट तक बांध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. राहत की बात इतनी है कि इससे बाढ़ का पानी फैलने की सूचना मिलने के साथ गांव के लोगों मे सुरक्षित स्थान पर शरण ले लिया है. लेकिन किसानों की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. ऐसे में कह सकते है कि मॉनसून की पहली बारिश और गंडक के बढ़ रहे जलस्तर ने बाढ़ पूर्व प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है.

गंडक प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यानः ग्रामीण चंद्रशेखर पटेल ने बताया कि हम लोगों के जानकारी में आज ही यह बात सामने आई है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि 15 दिनों से पानी अपना रास्ता बना रहा था और बांध को नुकसान हो रहा था. लेकिन अगर गंडक प्रोजेक्ट इस पर ध्यान देते तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. फसल को काफी नुकसान हुआ और तेजी से पानी गांव की ओर जा रहा है. जिससे लोग काफी भयभीत हैं. लोगों को डर है कि पानी भरते भरते कहीं गांव की तरफ नहीं चला जाए.

पढ़ें-बिहार में बाढ़: अररिया में नूना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में घुसा पानी, मचा हाहाकार

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पढ़ें-गंडक बराज से छोड़ा गया 2 लाख 26 हजार क्यूसेक पानी, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज में बाढ़ का खतरा

वैशालीः बिहार के वैशाली में गजब हो गया. चूहों ने गंडक नहर का बांध कुतरकर क्षतिग्रस्त कर दिया. जब गंडक नहर पर पानी का लोड बढ़ा तो चूहों के बनाए सुराख से पानी आरपार होने लगा. कुछ ही दिनों में सुराख बड़ा होकर आसपास के इलाके में बाढ़ का कारण (Rats caused floods in Vaishali) बन गया. इधर इंजीनियरों की टीम ने माथा पकड़ लिया. लाख निरीक्षण के बावजूद चूहों ने खेल कर दिया. ये पूरा मामला जिले के गोरौल पिरापुर बलहा गांव का है. बांध में छेद के कारण इलाके की बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट (Flood In Vaishali) में आ गई. बांध ध्वस्त होने से इलाके की हजारों एकड़ फसल भी डूब गई.

पढ़ें-रहें सावधान : बिहार में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, वज्रपात की भी संभावना

''5 बजे सुबह में बांध टूट गया. मक्का सहित कई फसल और सब्जी को नुकसान हुआ है. जेसीबी और स्थानीय लोगों की मदद से बांध मरम्मत का काम चल रहा है, लेकिन पानी तेजी से बह रहा है."-बैजू भगत, ग्रामीण

वैशाली में चूहों का नया कारनामा: गोरौल में पिरापुर बलहा गांव के पास स्थित गंडक नहर का बांध सुबह क्षतिग्रस्त हो गया. जिसके कारण नहर का पानी तेजी खेतो में फैल रहा है. आलम यह है कि अभी तक सैकड़ोंं एकड़ खेत में पानी फैल चुका है. अगर जल्द क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत नहीं की गई तो इलाके के कई गांवों के खेत जलमग्न हो जाएगा. जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. बांध टूटने के बाद से किसानों में मायूसी के साथ साथ डर भी समा गया है. गंडक नहर परियोजना की ओर से मरम्मत कार्य किया जा रहा है. इंजीनियरों की ओर से उम्मीद की जा रही है अगले कुछ घंटों के अंदर बांध के कटाव को बंद कर दिया जायेगा.

"हम लोगों के जानकारी में आज ही यह बात सामने आई है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि 15 दिनों से पानी अपना रास्ता बना रहा था और बांध को तोड़ रहा था. लेकिन अगर गंडक प्रोजेक्ट इस पर ध्यान देते तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. फसल को काफी नुकसान हुआ और तेजी से पानी गांव की ओर जा रहा है. जिससे लोग काफी भयभीत हैं. लोगों को डर है कि पानी भरते भरते कहीं गांव की तरफ नहीं चला जाए" - चंद्रशेखर पटेल, ग्रामीण

टूट गया बांध, गांवों में घुसा पानी: ग्रामीणों ने हैरानी जतायी कि चार दिन पहले नहर में पानी आया है. बांध पहले से ही क्षतिग्रस्त था, बावजूद मरम्मत नहीं की गई, जिस कारण धीरे-धीरे बांध नीचे से खोखला हो गया और पानी के दवाब में धराशाई हो गया. हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि बांध को चूहे ने अंदर से खोखला कर दिया है. जिसके कारण बांध के अंदर होल हो गया और पानी के रिसाव से लगभग 10 फिट तक बांध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. राहत की बात इतनी है कि इससे बाढ़ का पानी फैलने की सूचना मिलने के साथ गांव के लोगों मे सुरक्षित स्थान पर शरण ले लिया है. लेकिन किसानों की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. ऐसे में कह सकते है कि मॉनसून की पहली बारिश और गंडक के बढ़ रहे जलस्तर ने बाढ़ पूर्व प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है.

गंडक प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यानः ग्रामीण चंद्रशेखर पटेल ने बताया कि हम लोगों के जानकारी में आज ही यह बात सामने आई है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि 15 दिनों से पानी अपना रास्ता बना रहा था और बांध को नुकसान हो रहा था. लेकिन अगर गंडक प्रोजेक्ट इस पर ध्यान देते तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. फसल को काफी नुकसान हुआ और तेजी से पानी गांव की ओर जा रहा है. जिससे लोग काफी भयभीत हैं. लोगों को डर है कि पानी भरते भरते कहीं गांव की तरफ नहीं चला जाए.

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Last Updated : Jul 1, 2022, 9:46 PM IST
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