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वैशाली: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले की तैयारियां शुरू, इस बार लग सकते हैं थियेटर - मेले की पौराणिक कथा

मेला समितियों ने डीएम से थियेटर लगवाने की अनुमति मांगी है. इनके मुताबिक थियेटर लगने से लोगों की काफी तादाद मेले में आती है. इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा.

सोनपुर मेला की तैयारियां शुरू
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Published : Oct 26, 2019, 7:22 AM IST

Updated : Oct 26, 2019, 7:59 AM IST

वैशाली: सोनपुर में गंगा और गंडक नदी के संगम पर पूरे एक महीने चलने वाला प्रसिद्ध सोनपुर मेला की तैयारियां शुरू हो चुकी है. बताया जा रहा है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार इस बार मेले को हाईटेक करने की तैयारी में है. मेले में दर्शको के मनोरंजन के लिए बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों को बुलाने की बात चल रही है.

मेला की तैयारियां शुरू
मेला की तैयारियां शुरू

विदेशी पर्यटक भी खिंचे चले आते है
हरिहर क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में हर साल साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. इस मेले की प्रसिद्धि वैसे तो सबसे बड़े पशु मेले के रूप में है, मगर यहां सभी प्रकार के सामान मिलते हैं. लोग रंगारंग कार्यक्रमों का भी लुत्फ भी उठाते हैं. यहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए पहुंचते हैं, साथ ही मेले का मनोरम दृश्य देखने विदेशी सैलानी भी खिंचे चले आते हैं.

मेले की तैयारियों के मद्देनजर रोड निर्माण का कार्य शुरू
मेले की तैयारियों के मद्देनजर रोड निर्माण का कार्य शुरू

मेले की तैयारियों पर डीएम की नजर
पिछले साल पर्यटक हाथियों और चिड़ियों के बाजार को देखने से वंचित रह गए थे. जिससे पर्यटकों में काफी नाराजगी भी देखने के मिली थी. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन इस साल हाथियों को भी बाजार में लाने के लिए प्रयासरत है. वहीं मेले की तैयारियों पर जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन खुद से नजर बनाए हुए है.

पेश है एक रिपोर्ट

दुकान बनाने में अभी से ही जुटे व्यवसायी
मेले में दुकान लगाने वाले व्यवसायी अपना टेंडर पास कराकर निर्घारित स्थल पर अपना दुकान बनाने में अभी से ही जुट गए है. हालांकि इस बार जमीन रेट कि किराया विगत साल के अपेक्षा बढ़ाया गया है, लेकिन व्यवसायी इसे नजरअंदाज कर मेले की तैयारियों में जुट गए है.

शंभू शरण पांडेय , एसडीओ
शंभू शरण पांडेय , एसडीओ

इस बार लग सकता है थियेटर
मेला समितियों की मानें तो इस बार मेले में जिला के डीएम से थियेटर लगवाने की अनुमती मांगी है. मेला समितियों का कहना है कि मेले में थियेटर के लगने से दर्शक खींचे चले आएंगें. जिससे सरकार के राजस्व में भी बढत होगी.

सोनपुर अनुमंडल कार्यालय
सोनपुर अनुमंडल कार्यालय

मेले की पौराणिक कथा
दंतकथाओं की माने तो भगवान के दो भक्त हाथी और मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए. कोणाहारा घाट पर जब गज पानी पीने आया तो उसे मगरमच्छ ने मुंह में जकड़ लिया और दोनों में युद्ध शुरू हो गया. यह युद्ध कई दिनों तक चलाता रहा. इस बीच गज जब कमजोर पड़ने लगा तो उसने भगवान विष्णु से बचाने की प्रार्थना की. भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुदर्शन चक्र चलाकर गज को ग्राह से मुक्ति दिलाई थी. इसी युद्ध विराम होने के कारण यहां पर यहां पशुओं का बड़ा मेला लगता है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां के मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान राम ने सीता स्वयंवर में शामिल होने के लिए मिथिला जाते समय किया था.

वैशाली: सोनपुर में गंगा और गंडक नदी के संगम पर पूरे एक महीने चलने वाला प्रसिद्ध सोनपुर मेला की तैयारियां शुरू हो चुकी है. बताया जा रहा है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार इस बार मेले को हाईटेक करने की तैयारी में है. मेले में दर्शको के मनोरंजन के लिए बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों को बुलाने की बात चल रही है.

मेला की तैयारियां शुरू
मेला की तैयारियां शुरू

विदेशी पर्यटक भी खिंचे चले आते है
हरिहर क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में हर साल साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. इस मेले की प्रसिद्धि वैसे तो सबसे बड़े पशु मेले के रूप में है, मगर यहां सभी प्रकार के सामान मिलते हैं. लोग रंगारंग कार्यक्रमों का भी लुत्फ भी उठाते हैं. यहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए पहुंचते हैं, साथ ही मेले का मनोरम दृश्य देखने विदेशी सैलानी भी खिंचे चले आते हैं.

मेले की तैयारियों के मद्देनजर रोड निर्माण का कार्य शुरू
मेले की तैयारियों के मद्देनजर रोड निर्माण का कार्य शुरू

मेले की तैयारियों पर डीएम की नजर
पिछले साल पर्यटक हाथियों और चिड़ियों के बाजार को देखने से वंचित रह गए थे. जिससे पर्यटकों में काफी नाराजगी भी देखने के मिली थी. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन इस साल हाथियों को भी बाजार में लाने के लिए प्रयासरत है. वहीं मेले की तैयारियों पर जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन खुद से नजर बनाए हुए है.

पेश है एक रिपोर्ट

दुकान बनाने में अभी से ही जुटे व्यवसायी
मेले में दुकान लगाने वाले व्यवसायी अपना टेंडर पास कराकर निर्घारित स्थल पर अपना दुकान बनाने में अभी से ही जुट गए है. हालांकि इस बार जमीन रेट कि किराया विगत साल के अपेक्षा बढ़ाया गया है, लेकिन व्यवसायी इसे नजरअंदाज कर मेले की तैयारियों में जुट गए है.

शंभू शरण पांडेय , एसडीओ
शंभू शरण पांडेय , एसडीओ

इस बार लग सकता है थियेटर
मेला समितियों की मानें तो इस बार मेले में जिला के डीएम से थियेटर लगवाने की अनुमती मांगी है. मेला समितियों का कहना है कि मेले में थियेटर के लगने से दर्शक खींचे चले आएंगें. जिससे सरकार के राजस्व में भी बढत होगी.

सोनपुर अनुमंडल कार्यालय
सोनपुर अनुमंडल कार्यालय

मेले की पौराणिक कथा
दंतकथाओं की माने तो भगवान के दो भक्त हाथी और मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए. कोणाहारा घाट पर जब गज पानी पीने आया तो उसे मगरमच्छ ने मुंह में जकड़ लिया और दोनों में युद्ध शुरू हो गया. यह युद्ध कई दिनों तक चलाता रहा. इस बीच गज जब कमजोर पड़ने लगा तो उसने भगवान विष्णु से बचाने की प्रार्थना की. भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुदर्शन चक्र चलाकर गज को ग्राह से मुक्ति दिलाई थी. इसी युद्ध विराम होने के कारण यहां पर यहां पशुओं का बड़ा मेला लगता है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां के मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान राम ने सीता स्वयंवर में शामिल होने के लिए मिथिला जाते समय किया था.

Intro:लोकेशन: वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: विश्व प्रसिद्ध सोंनपुर का हरिहरक्षेत्र पशु मेला की तैयारियां पकड़ी रफ्तार । सरकार की मंशा हैं कि इस मेला में हाथी, चिड़िया घर और नामचीन कलाकार के आने से देश और विदेश से भी लाखों की संख्या में दर्शक जुटेंगे । ऐसा माना जाता हैं कि अबतक सभी मेला से ज्यादा इस बार दर्शक यहा आएंगे ।यानी कि इस बार मेला को हाईटेक किये जाने की तैयारियां चल रहीं हैं।


Body:सदियों से सोंनपुर का विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र पशु मेला सफलता पूर्वक संचालन होते आ रही हैं। इस बार इसे सरकार भी बढ़ चढ़ कर मेला को हाईटेक ढंग से प्रचार- प्रसार करने में अभी से ही जुट गई हैं। मालूम हो कि पिछले बार दर्शक अपने प्रिय जानवर हाथियों और चिड़िया बाजार को देखने से वंचित रह गए थे ।इससे वे खासी नाराज भी दिखाई दिए थे ।

इस बार राज्य सरकार की ओर से अपनी पुरानी भूल को फिर से दोहराने की गलती नहीं करना चाहती हैं। तभी तो सारण के डीएम ने बैठक में स्पष्ट तौर पर बार- बार मेला में हाथियों को लाने की बात विभाग के कर्मचारियों ,आलाधिकारी और मेला समिति के सदस्यों से कहते नजर आए । इससे सभी के चेहरों पर मुश्कान दिखाई दिया । जाहिर हैं कि इस बैठक में कई स्थानीय सामाजिक कर्ता भी शिरकत किये थे ।

शुक्रवार को सोंनपुर के हरिहरक्षेत्र मेला परिसर में उद्घाटन समारोह स्थल को जल्द पूरा करने के लिये दर्जनों कारीगर दिखाई देते नजर आए । मुख्य कारीगर से इस बाबत पूछे जानें पर उंसने Etv भारत को बताया कि इसे कुछ ही दिनों में पूरा करने का कार्य कर लिया जाएगा ।यानी कि वजह साफ हैं कि सरकार के संबंधित विभाग द्वारा जिला प्रशासन को इस बाबत जल्दी से काम को पूरा करने का दिशा- निर्देश दिया जा चुका हैं ।

मेला को लेकर परिसर के सभी क्षेत्रों में साफ- सफाई भी देखा गया । मेला स्थल पहुँचने के लिये पहुँच मार्ग से लेकर मुख्य सड़क की टूटे- फूटे जगहों को मरम्मत भी किया जाने की सूचना हैं। वहीं बन्द पड़े हुए चिड़िया घर स्थल की भी दुरुस्त से लेकर रंगाई- पोताई किये जायेंगे ।

मेला में टेंडर ऑन लाइन के साथ साथ लोकल उद्दमी आकर भी अपना टेंडर की आवश्यक कार्य करने में लग गए हैं। बताते कि मेला परिसर में सरकारी जमीन की रेट को भी उस बार पिछले वर्ष की तुलना में कमोवेश बढ़ाया गया हैं। हालांकि अधिकारी तौर पर इसकी अभी पुष्टि किया जाना बाकी हैं।

शुक्रवार को दर्जनों टेंडर पास कराए उद्दमी ने अपना स्थल पर अपना दुकान को बनाने में जुटते दिखाई दिए । इस बार हाथी, चिड़िया बाजार के आने से माना जाता हैं कि इस बार नामचीन ब्रांडेड कंपनियों का भी आने की सुगबुगाहट होने लगी हैं। उन्हें पूर्व के अनुभव होने का फायदा मिलते देख इस बार वह भी आने की गर्मजोशी से अपने रणनीति बनाने में लगें हुए हैं।

मेला में बॉलीवुड, के नामचीन कलाकारों, शानदार गायक, कुछ रियालिटी शो के भी लिटिल से लेकर सुप्रशिद्ध कलाकार को बुलाने की योजना बनाने की बात चल रहीं हैं।

पिछली बार सुप्रशिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा और पॉलीवुड के अभिनेता एवं भोजपुरी गायक पवन सिंह ने अंतिम दिनों में भीड़ खिंचने में सफलता दिलाई थी ।

मेला के उद्घाटन के दूसरे दिन कार्तिक पूर्णिमा होने से माना जाता हैं कि सरकार की मंशा सफल हो जाएगी । बताते चले इस बार आधे दर्जन से कही ज्यादा थियेटर आने की अनुमान हैं ।मेला समितियों की मानें तो उन्होंने इसके लिये जिला के डीएम सुब्रत कुमार सेन से बैठक में आग्रह किया था कि सभी थियेटर को मेला की शुरूवात के साथ ही शुरू करवाने की अनुमति दिया जाए ।इससे उनको आर्थिक तौर पर मदद तो मिलेंगी ही ।इसके अलावे मेला की पहले दिन आगाज के साथ ही थियेटर में भीड़ बढ़ जाएगी ।इससे मेला की रौनक में चार चांद लग जायेगा ।और मीडिया द्वारा इसे प्रचार- प्रसार किये जाने से मेला की भीड़ में दर्शकों की संख्या में भी कमोवेश भारी इजाफा हो जाएगा। इससे सरकार की रेवेन्यू भी जबरदस्त मिलेगा । कहते हैं कि मेला की शुरुवात जबरदस्त ढंग से होंगा तो निश्चित तौर पर भीड़ लाखों तक पहुँचने में थोड़ी समय भी नही लगेंगी।

मालूम हो कि इस बार मेला की सफलता की गारंटी हाथी, चिड़िया बाजार के आने से देश- दुनियाभर में अच्छा मैसेज जाएगा । बतादें कि पिछले बार मेला की आगाज बेहतर तो हुआ था पर थियेटर, झूला, मौत की कुआं जैसे भीड़ जुटाने वाले माध्यम को कुछ दिनों तक लाइसेंस को लेकर रोक दिया गया था ।इससे दर्शक शुरुवाती दिनों में कम आते नजर आए ।

माना जाता हैं कि सोंनपुर के इस विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र पशु मेला में लौंडा नाच के साथ बाईजी और बाद में यहा ऑर्केस्ट्रा का प्रचलन होता रहा हैं। इस मेले में गाय, भैस, बकरी, घोड़ा, हाथी, कुत्ता, खरगोश, बिलायती चूहा, सभी प्रकार के पशु- पंछियों , बच्चों के नाना प्रकार के खिलौने से लेकर घर मे A से लेकर Z तक जैसे छोटे- बड़े जरूरतों की हिसाब से सभी सामान अच्छे क़ीमतों में मिल जाते थे । तब यहा एक महिनों तक चलने वालेस मेला में लाखों की संख्या में लोग पहुँचते थे । देश- विदेश से भी लोग यहा बरबस खींचे खींचे चले आते थे । विदेश से आने वाले मेहमान की स्वागत के लिये सरकार तन- मन- धन से सेवा की भावना से जुटी रहती थी । इससे सरकार की खजानों में अत्यधिक वृद्धि होती थी । एक महीना का मेला खत्म होने पर लोगों की मन भरता भी नहीं था। मेला के खत्म होने के कई दिनों तक सैकड़ो दुकानें खुली रहती थी । अब वो दिन याद करने के लिये ही रह गए हैं।

मेला अपने स्वरूप और लय में थी । एशिया क्या पूरी दुनियां भर में इसका प्रचलन हुआ करता था । धीरे - धीरे मेला का प्रचलन नई कानूनी प्रक्रिया के तहत आने से इसपर व्यापक असर पड़ा ।देखते ही देखते ये सपना स्वरूप खोने लगा ।इस पशु मेला की जगह के बदले इसे आधुनिकता देने के चक्कर मे इसे फीका कर दिया गया ।पिछले वर्ष इसका याद कर इसका अच्छा उदाहरण दे सकते हैं।

इस बार फिर से सरकार इस विश्व प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र पशु मेला की ख्याति फिर से लाने की कवायदे करने में सरकार जुट गई हैं।
विश्व के मानस पटल पर लाने के लिये सरकार ने मानी की पशु मेला में हाथी, चिड़िया बाजार को बन्द करने में फायदा नहीं हैं। आधुनिकता के दौर में इस मेले को आकार नहीं के बराबर मिल रहा था ।इस बार हाथी, चिड़िया बाजार के आने से निश्चित तौर पर मेला की रौनक बढ़ेगी ।इससे स्थानिय बेरोजगार लोंगो को आर्थिक तंगी से बाहर निकलने में भी काफी सहूलियत मिल जाएगी ।

जिला प्रशासन इस बार खासे - उत्साहित हैं। स्वभाविक हैं कि सरकार देर से जगी पर दुरुस्त । इस मेले में हजारों पुलिस कर्मियों को लगाना शायद अच्छा होंगा । इससे लोगों और विदेश से आये मेहमान को सुरक्षा मिलेगी ।
मेला परिसर में पहुँचने के लिय सरकार पर्यटन विभाग और रेलवे के अधिकारियों से मदद मांगी हैं। ट्रेनों की फेरी बढ़ाने के साथ साथ लोकल स्टेशन और जंक्शन पर एक्सप्रेस ट्रेनों की ठहराव भी मेला में भीड़ बढ़ने में मदद मिलेगी ।


Conclusion:बहरहाल, इस बार मेला में आने वाले लाखो दर्शकों की पहुँचने की अनुमान गलत नहीं होंगी ।

01: VO
ओपन: PTC, संवाददाता, राजीव, वैशाली ।

बाइट: बच्चा
बाइट: अविवाहक

02.VO:
बाईट्: शम्भू शरण पांडेय एसडीओ , सोंनपुर अनुमंडल ।

03:VO

FINAL PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
Last Updated : Oct 26, 2019, 7:59 AM IST
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