वैशाली: सोनपुर में गंगा और गंडक नदी के संगम पर पूरे एक महीने चलने वाला प्रसिद्ध सोनपुर मेला की तैयारियां शुरू हो चुकी है. बताया जा रहा है कि पर्यटकों को लुभाने के लिए सरकार इस बार मेले को हाईटेक करने की तैयारी में है. मेले में दर्शको के मनोरंजन के लिए बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों को बुलाने की बात चल रही है.
![मेला की तैयारियां शुरू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-vai-spe-sonpur-ke-world-famous-mela-ki-taiyari-joro-per-pkg-7203136_25102019214945_2510f_1572020385_812.jpg)
विदेशी पर्यटक भी खिंचे चले आते है
हरिहर क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में हर साल साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. इस मेले की प्रसिद्धि वैसे तो सबसे बड़े पशु मेले के रूप में है, मगर यहां सभी प्रकार के सामान मिलते हैं. लोग रंगारंग कार्यक्रमों का भी लुत्फ भी उठाते हैं. यहां देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए पहुंचते हैं, साथ ही मेले का मनोरम दृश्य देखने विदेशी सैलानी भी खिंचे चले आते हैं.
![मेले की तैयारियों के मद्देनजर रोड निर्माण का कार्य शुरू](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4872057_3.jpg)
मेले की तैयारियों पर डीएम की नजर
पिछले साल पर्यटक हाथियों और चिड़ियों के बाजार को देखने से वंचित रह गए थे. जिससे पर्यटकों में काफी नाराजगी भी देखने के मिली थी. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन इस साल हाथियों को भी बाजार में लाने के लिए प्रयासरत है. वहीं मेले की तैयारियों पर जिले के डीएम सुब्रत कुमार सेन खुद से नजर बनाए हुए है.
दुकान बनाने में अभी से ही जुटे व्यवसायी
मेले में दुकान लगाने वाले व्यवसायी अपना टेंडर पास कराकर निर्घारित स्थल पर अपना दुकान बनाने में अभी से ही जुट गए है. हालांकि इस बार जमीन रेट कि किराया विगत साल के अपेक्षा बढ़ाया गया है, लेकिन व्यवसायी इसे नजरअंदाज कर मेले की तैयारियों में जुट गए है.
![शंभू शरण पांडेय , एसडीओ](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4872057_2.jpg)
इस बार लग सकता है थियेटर
मेला समितियों की मानें तो इस बार मेले में जिला के डीएम से थियेटर लगवाने की अनुमती मांगी है. मेला समितियों का कहना है कि मेले में थियेटर के लगने से दर्शक खींचे चले आएंगें. जिससे सरकार के राजस्व में भी बढत होगी.
![सोनपुर अनुमंडल कार्यालय](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-vai-spe-sonpur-ke-world-famous-mela-ki-taiyari-joro-per-pkg-7203136_25102019214945_2510f_1572020385_1034.jpg)
मेले की पौराणिक कथा
दंतकथाओं की माने तो भगवान के दो भक्त हाथी और मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए. कोणाहारा घाट पर जब गज पानी पीने आया तो उसे मगरमच्छ ने मुंह में जकड़ लिया और दोनों में युद्ध शुरू हो गया. यह युद्ध कई दिनों तक चलाता रहा. इस बीच गज जब कमजोर पड़ने लगा तो उसने भगवान विष्णु से बचाने की प्रार्थना की. भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुदर्शन चक्र चलाकर गज को ग्राह से मुक्ति दिलाई थी. इसी युद्ध विराम होने के कारण यहां पर यहां पशुओं का बड़ा मेला लगता है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यहां के मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान राम ने सीता स्वयंवर में शामिल होने के लिए मिथिला जाते समय किया था.