वैशाली: बिहार के चंपारण से जन सुराज की पदयात्रा (Jan Suraj Yatra from Champaran) शुरू करने से पहले हाजीपुर के रामाशीष चौक पर लोगों ने प्रशांत किशोर का भव्य स्वागत किया. गाजे-बाजे के बीच प्रशांत किशोर के चाहने वाले पहले से ही मौके पर मौजूद थे. चंपारण जाने के दौरान प्रशांत किशोर के गाड़ियों का काफिला जैसे ही रामाशीष चौक पहुंचा, उनका सुधीर शुकला की अगुआई में जोरदार स्वागत किया गया.
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प्रशांत किशोर का भव्य स्वागत: पदयात्रा में समर्थकों ने फूल माला से प्रशांत किशोर का स्वागत किया. इस दौरान लगातार ढोल ताशे बजते रहे और नारेबाजी होती रही. प्रशांत किशोर लोगों के आग्रह पर गाड़ी से उतरे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित किया. इस दौरान जन सुराज जिंदाबाद, प्रशांत किशोर जिंदाबाद के नारे लगते रहे और प्रशांत किशोर चंपारण यात्रा के लिए अपने काफिले के साथ आगे बढ़ गए.
"आज से मेरा एक छोटा प्रयास है. मैं बिहार का दूसरा गांधी नहीं उनका अनुयायी हूं. आगे अभी चंपारण भी जाना है और वहां लोगों से मिलना है." - प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज यात्रा
3500 किलोमीटर की है पदयात्रा: बता दें कि सम्पूर्ण बिहार के लिए प्रशांत किशोर की पदयात्रा 3500 किलोमीटर की है. इसकी शुरूआत चंपारण से हुई है. यह पदयात्रा 12 से 15 महीने तक चलेगी. प्रशांत किशोर का नारा है अपने लिए और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य और नए बिहार के निर्माण के लिए पदयात्रा में शामिल हों. प्रशांत किशोर ने जन सुराज की शुरुआत विश्व की पहली गणतंत्र वैशाली से ही की थी. वैशाली में ही उन्होंने अपनी पहली कमेटी भी बनाई थी. शायद यही कारण है कि वैशाली की धरती पर उनका किसी बड़े राजनेता की तरह भव्य स्वागत किया गया है.
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