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वैशाली: मनरेगा से मजदूरों की बदल रही है जिंदगी, अब रोजगार के लिए परिवार से नहीं रहना पड़ता दूर

लाभुकों ने बताया कि पहले हमलोग पंजाब, लुधियाना, दिल्ली जैसी जगहों पर रोजगार के लिये परिवार से दूर जाते थे. लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना के तहत के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर ही वर्ष में पूरे 100 दिनों का कार्य मिल जाता है.

मजदूरों को मनरेगा योजना का मिल रहा लाभ
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Published : Sep 14, 2019, 12:34 PM IST

वैशाली: केंद्र सरकार मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया करा रही है. देश के सभी राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों को उनके पंचायत से पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर रोजगार दिया जा रहा है. जिले के सभी सोलह प्रखंडों में इस योजना के तहत अभी तक लाखों लाभुकों को आर्थिक मदद मिली है.

लाभुकों ने बताया कि इस योजना से उन्हें आर्थिक तौर पर काफी मदद मिली है. इससे अब उनके पलायन में भी कमोवेश कमी आयी है. लाभुकों की मानें तो सरकार की इस योजना से वो बहुत खुश हैं. अब रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जानें की कोई जरूरत ही नहीं है.

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मजदूरों को मिला रोजगार

मजदूरों में खुशी
लाभुकों ने बताया कि पहले हमलोग पंजाब, लुधियाना, दिल्ली जैसी जगहों पर रोजगार के लिये परिवार से दूर जाते थे. लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना के तहत के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर ही वर्ष में पूरे 100 दिनों का कार्य मिल जाता है. इससे हमारे समय की भी बचत होती है. अब परिवार से दूर नहीं जाना पड़ता है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी सुचारू ढंग से चल रही है.

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मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम

हजारों मजदूरों को मिल रहा लाभ
हाजीपुर प्रखंड के एक तकनीकी कर्मचारी रूपेश कुमार ने बताया कि हरेक प्रखंड में 5 से 6 हजार लाभुकों को निर्धारित तौर पर कार्य दिए जा रहे हैं. वहीं, पंचायत के एक मुखिया ने बताया कि सभी पंचायत में 500 गरीब ग्रामीण को इस योजना के तहत कार्य दिया जा रहा है.

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वृक्षारोपण करते किसान

मजदूरों के पलायन में आई कमी
मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत में जिले के प्रभारी डीडीसी और डीआरडीए निदेशक डॉ. संजय कुमार निराला ने बताया कि जिले के सभी सोलह प्रखंडो में बेहतर ढंग से योजना का कार्य किया जा रहा हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद पहले की तुलना में मजदूरों के पलायन में काफी हद तक कमी आई है.

पेश है रिपोर्ट

इस साल सिस्टम में हुआ बदलाव
संजय कुमार निराला की मानें तो पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 49 लाख 12 हजार 562 मानव दिवस सृजित करने का कार्य किया गया है. इसमें 49% हमारे जिला के विभाग को सफलता मिली है. बता दें कि इस वर्ष मनरेगा योजना के तहत सिस्टम में बदलाव हुआ हैं. इसके मुताबिक अब जिले के क्षेत्र में रहने वाले सभी लाभुकों को हरेक महीने में लक्ष्य के हिसाब से मानव दिवस सृजित करवाना है.

वैशाली: केंद्र सरकार मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया करा रही है. देश के सभी राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों को उनके पंचायत से पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर रोजगार दिया जा रहा है. जिले के सभी सोलह प्रखंडों में इस योजना के तहत अभी तक लाखों लाभुकों को आर्थिक मदद मिली है.

लाभुकों ने बताया कि इस योजना से उन्हें आर्थिक तौर पर काफी मदद मिली है. इससे अब उनके पलायन में भी कमोवेश कमी आयी है. लाभुकों की मानें तो सरकार की इस योजना से वो बहुत खुश हैं. अब रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जानें की कोई जरूरत ही नहीं है.

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मजदूरों को मिला रोजगार

मजदूरों में खुशी
लाभुकों ने बताया कि पहले हमलोग पंजाब, लुधियाना, दिल्ली जैसी जगहों पर रोजगार के लिये परिवार से दूर जाते थे. लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना के तहत के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर ही वर्ष में पूरे 100 दिनों का कार्य मिल जाता है. इससे हमारे समय की भी बचत होती है. अब परिवार से दूर नहीं जाना पड़ता है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी सुचारू ढंग से चल रही है.

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मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम

हजारों मजदूरों को मिल रहा लाभ
हाजीपुर प्रखंड के एक तकनीकी कर्मचारी रूपेश कुमार ने बताया कि हरेक प्रखंड में 5 से 6 हजार लाभुकों को निर्धारित तौर पर कार्य दिए जा रहे हैं. वहीं, पंचायत के एक मुखिया ने बताया कि सभी पंचायत में 500 गरीब ग्रामीण को इस योजना के तहत कार्य दिया जा रहा है.

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वृक्षारोपण करते किसान

मजदूरों के पलायन में आई कमी
मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत में जिले के प्रभारी डीडीसी और डीआरडीए निदेशक डॉ. संजय कुमार निराला ने बताया कि जिले के सभी सोलह प्रखंडो में बेहतर ढंग से योजना का कार्य किया जा रहा हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद पहले की तुलना में मजदूरों के पलायन में काफी हद तक कमी आई है.

पेश है रिपोर्ट

इस साल सिस्टम में हुआ बदलाव
संजय कुमार निराला की मानें तो पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 49 लाख 12 हजार 562 मानव दिवस सृजित करने का कार्य किया गया है. इसमें 49% हमारे जिला के विभाग को सफलता मिली है. बता दें कि इस वर्ष मनरेगा योजना के तहत सिस्टम में बदलाव हुआ हैं. इसके मुताबिक अब जिले के क्षेत्र में रहने वाले सभी लाभुकों को हरेक महीने में लक्ष्य के हिसाब से मानव दिवस सृजित करवाना है.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

केंद्र सरकार ने ' मनरेगा' यानी "महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना", के तहत देश के सभी राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले ग्रामीण जनता को ।उनके पंचायत के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर रोजगार मुहैया करा रहीं हैं ।इस बाबत प्रदेश के वैशाली ज़िले के सभी सोलह प्रखंडो में इस योजना से अभी तक लाखों लाभुकों को आर्थिक तौर पर मदद मिली हैं।


Body:जिले के प्रभारी डीडीसी एवं डीआरडीए निदेशक डॉ संजय कुमार निराला ने Etv भारत को बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत हमारे जिले के सभी सोलह प्रखंडो में बेहतर ढंग से योजना का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने आगें कहा कि इस योजना के शुरू करने से मज़दूरों की पलायन बहुत हद तक पहले के अनुपात में कमी आयी हैं।

प्रभारी डीडीसी संजय कुमार निराला की मानें यो "मनरेगा योजना", ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब जनता के हित मे रखते हुए सरकार ने बनायीं हैं। उन्होंने जोड़ देकर कहा कि पिछले वितीय वर्ष में इस योजना के द्वारा 49 लाख,12 हजार, पांच सौ, 62 मानव दिवस सृजित करने का कार्य किया गया हैं। उन्होंने आगें बताया कि इसमें 49% हमारे जिला के विभाग को सफलता मिली हैं।

अब इस वर्ष "मनरेगा" योजना के तहत सिस्टम में बदलाव हुआ हैं। इसके मुताबिक अब जिले के क्षेत्र में रहने वाले सभी लाभुकों को तय मुताबिक हरेक महीनें में लक्ष्य के हिसाब से मानव दिवस सृजित करवाना हैं।

डीडीसी के प्रभारी डॉ संजय कुमार निराला से जब हमने यह सवाल पूछा कि इस बार की लक्ष्य क्या हैं । तब उन्होंने हमें बताया कि इस बार नए नियम के तहत कार्य होंने से हमारा लक्ष्य मुताबिक कार्य नहीं हुआ हैं ।उन्होंने आगें यह भी कहने से गुरेज नही किया कि यह हमारे लिये अच्छा नही हैं। हालांकि उन्होंने आश्वस्त कड़ते हुए इस बात से भी परहेज नहीं किया कि हम आगें से अपनी कमियों को जरूर दूर कर अप टू डेट हो जाएंगे ।

उन्होंने यह माना कि हमारे जिले के सभी प्रखंडो में से कुछ प्रखण्ड के सम्बंधित अधिकारी की लापरवाही के चलते ही योजना की रफ्तार स्मूथली नहीं हो पाती हैं ।

उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि इस योजना में बिचौलिए की भूमिका नहीं के बराबर होती हैं । उनकी मानें तो इस योजना में लाभुकों के बैंक में खुले खाते में उनका काम की राशि सीधे तौर पर जाती हैं ।ऐसे में इसमें अन्य कोई दूसरा फर्जी शख्स लाभुकों के खाते से राशि निकाल ही नहीं सकता हैं ।
डीडीसी प्रभारी डॉ संजय कुमार निराला ने आगें कहते हैं कि इस योजना में पूरी पारदर्शिता रखी जाती हैं ।ऐसे में कोई शिकायत करता हैं तो हम उसे जांच कर दोषी व्यक्ति को जिम्मेवार मानते हुए उस पर कार्यवाही करते हैं।

वही हाजीपुर प्रखण्ड के एक तकनीकी कर्मचारी रूपेश कुमार ने बताया कि हरेक प्रखण्ड में 5 से 6 हजार लाभुकों को निर्धारित तौर पे कार्य दिए जा रहें हैं। वही पंचायत का एक मुखिया ने बताया कि हरेक पंचायत में 500 गरीब ग्रामीण को इस योजना के तहत कार्य दिया जा रहा हैं।

लाभुकों ने बताया कि इस योजना से उनको आर्थिक तौर पर बहुत बल मिला हैं। इससे अब उनका पलायन में भी कमोवेश कमी आयी हैं । एक लाभुक की मानें तो सरकार की इस योजना से बहुत खुश हूं ।उंसने आगें कहा कि अब रोजगार के लिये दूसरे राज्यो में जानें कि कोई जरूरत ही नहीं हैं ।

एक अन्य लाभुक की मानें तो उसने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पहले हमलोग पंजाब, लुधियाना, दिल्ली रोजगार के लिये महीनों तक के लिय परिवार से दूर जाते थे । आगें कहता है कि कमाकर घर वापसी के समय पैसे लेकर जब आते थे तब ट्रेन में चोर, उचक्कों द्वारा छीन लिया जाता था । कभी चोरी कर ली जाती थी ।इससे हमारा सारी मेहनत की कमाई एक बार मे ही चली जाती थी ।इससे हमारा मन और दुःखी होता था।
उंसने बताया कि केंद्र सरकार की यह योजना जब से शुरू हुई थी । तबसे लेकर आजतक इसका लाभ उठाते हैं।

वही एक अन्य लाभुक ने बताया कि इस योजना से हमें हमारे पंचायत क्षेत्र के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर ही वर्ष में पूरे 100 दिनों का कार्य मिल जाता हैं। इससे हमारा समय की बचत तो होती ही हैं । हमारे बच्चें एवं बच्चियां घर से निकल कर सरकारी स्कूल में जाकर शिक्षित भी हो रहीं हैं। इससे उनकी स्थितियों में लगातार सुधार दिखायी देने लगी हैं।


Conclusion:बहरहाल, केंद्र सरकार इस योजना का तभी सार्थक हो सकेगा । जबतक इसमें पूरी तरह से पारदर्शिता हो ।

01. VO: शुरू का स्टोरी
बाइट: किसान लाभुक : 2

02. VO:
बाइट: तकनीकी कर्मचारी , हाजीपुर प्रखण्ड
बाइट : पंचायत :मुखिया
VO:
बाइट: प्रभारी डीडीसी एवं निदेशक डीआरडीए
डॉ संजय कुमार निराला ।
PTC: संवाददाता, राजीव , वैशाली ।
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