वैशाली: केंद्र सरकार मनरेगा यानी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया करा रही है. देश के सभी राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों को उनके पंचायत से पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर रोजगार दिया जा रहा है. जिले के सभी सोलह प्रखंडों में इस योजना के तहत अभी तक लाखों लाभुकों को आर्थिक मदद मिली है.
लाभुकों ने बताया कि इस योजना से उन्हें आर्थिक तौर पर काफी मदद मिली है. इससे अब उनके पलायन में भी कमोवेश कमी आयी है. लाभुकों की मानें तो सरकार की इस योजना से वो बहुत खुश हैं. अब रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जानें की कोई जरूरत ही नहीं है.
मजदूरों में खुशी
लाभुकों ने बताया कि पहले हमलोग पंजाब, लुधियाना, दिल्ली जैसी जगहों पर रोजगार के लिये परिवार से दूर जाते थे. लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना के तहत के पांच किलोमीटर की दूरी के भीतर ही वर्ष में पूरे 100 दिनों का कार्य मिल जाता है. इससे हमारे समय की भी बचत होती है. अब परिवार से दूर नहीं जाना पड़ता है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी सुचारू ढंग से चल रही है.
हजारों मजदूरों को मिल रहा लाभ
हाजीपुर प्रखंड के एक तकनीकी कर्मचारी रूपेश कुमार ने बताया कि हरेक प्रखंड में 5 से 6 हजार लाभुकों को निर्धारित तौर पर कार्य दिए जा रहे हैं. वहीं, पंचायत के एक मुखिया ने बताया कि सभी पंचायत में 500 गरीब ग्रामीण को इस योजना के तहत कार्य दिया जा रहा है.
मजदूरों के पलायन में आई कमी
मामले पर ईटीवी भारत से बातचीत में जिले के प्रभारी डीडीसी और डीआरडीए निदेशक डॉ. संजय कुमार निराला ने बताया कि जिले के सभी सोलह प्रखंडो में बेहतर ढंग से योजना का कार्य किया जा रहा हैं. इस योजना के शुरू होने के बाद पहले की तुलना में मजदूरों के पलायन में काफी हद तक कमी आई है.
इस साल सिस्टम में हुआ बदलाव
संजय कुमार निराला की मानें तो पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 49 लाख 12 हजार 562 मानव दिवस सृजित करने का कार्य किया गया है. इसमें 49% हमारे जिला के विभाग को सफलता मिली है. बता दें कि इस वर्ष मनरेगा योजना के तहत सिस्टम में बदलाव हुआ हैं. इसके मुताबिक अब जिले के क्षेत्र में रहने वाले सभी लाभुकों को हरेक महीने में लक्ष्य के हिसाब से मानव दिवस सृजित करवाना है.