वैशाली: प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ने से आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है. राजधानी पटना से सटे वैशाली जिले में इसका खासा असर देखने को मिल रहा है. इस प्रचंड गर्मी में यहां के 16 प्रखंडो में से 5 प्रखंडो में पानी की घोर किल्लत हो गई है. लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं.
पानी की समस्या से लोग परेशान
शहर के चौक-चौराहे से लेकर जंक्शन परिसर तक पानी की समस्या से लोग परेशान हैं. जिले के भगवांनपुर प्रखंड के सभी पंचायतों में पानी की हाहाकार है. अकबर मलाही, सराय क्षेत्रों में सरकार की 'हर घर नल का जल' योजना भी शुरू नहीं हुई है. इससे यहां की जनता में काफी गुस्सा देखा जा रहा है. वैशाली, महुआ, लालगंज, राजापाकड़ प्रखंड क्षेत्रों में भी अमुमन यही समस्या है.
प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी
जिले के आधा दर्जन प्रखंड इस बार पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. प्रभावित प्रखंड में लालगंज, महुआ, राजापाकड़, भगवानपुर, जन्दाहा, वैशाली और हाजीपुर के कुछ पंचायत हैं. चिलचिलाती गर्मी के साथ-साथ पानी की घोर कमी होने के चलते ग्रामीणों में सरकार एवं प्रशासन के प्रति खासी नाराजगी देखी जा रही है. इनकी मानें तो प्रशासन ने जो इंतजाम किये हैं वो काफी नहीं है.
उग्र हो रहे हैं ग्रामीण
मालूम हो कि जिले के जल संकट प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों के उग्र होने की भी खबर आ रही है. कई जगहों पर उग्र लोग सड़क जाम कर आंदोलन चला रहे हैं. जिला के डीएम ने माना था कि जिले के कुछ जगहों पर जल का संकट होने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है. पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार की मानें तो पिछली बार बारिश कम होने के चलते इस बार कई प्रखंड क्षेत्रों में पानी का लेयर बहुत नीचे चला गया है.
तेजी से चल रहा काम
कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि पीएचइडी विभाग जल संकट से प्रभावित सभी प्रखंड क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर योजनाबद्ध तरीकों से कार्य कर रहा है. इससे स्थिति नियंत्रण में आ गयी है. विभाग ने वर्तमान समय में जिले में कुल 16 जलमीनार, 25000 सरकारी चापाकल और 27 शुद्ध जल से लोडेड टैंकर की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि अभी तक सैकड़ों चापाकलों की मरम्मत की जा चुकी है. जहां नये सिरे से चापाकल व इसका पाइप लगाने की जरूरत पड़ रही है, वहां नया कनेक्शन भी लगाया जा रहा है.
बहरहाल, पानी की समस्या दूर हो जाए, यही जिले की जनता उम्मीद करती है. पीएचइडी विभाग ने भी इस स्थिति को सुदृढ़ करने के लिये व्यापक तौर पर सकरात्मक उपाय किये हैं. स्थिति नियंत्रित में है पर जनता इसे मानने को तैयार नहीं है.