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वैशाली: सोनपुर के रेफरल अस्पताल में अव्यवस्था को लेकर मरीजों ने किया हंगामा - दिक्कतों का सामना करना पड़ता है

प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की सुधार का दावा सिर्फ कागजों पर हो रहा हैं. जबकि हकीकत कुछ और ही हैं. इसकी बानगी जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिल रही है.

अस्पताल में मरीजों ने किया हंगामा
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Published : Aug 17, 2019, 8:07 AM IST

वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ करने के लिये आश्वस्त करते रहते हैं, पर उनके लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा हैं. सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड में स्थित 3 लाख की आबादी पर एक रेफरल अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पताल में अव्यवस्था की घोर अभाव होने के चलते यहां मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Vaishali
अस्पताल में अव्यवस्था

सैकड़ों की संख्या में आतें हैं मरीज
यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. डाक्टर द्वारा मरीजों को घण्टों लाइन लगाने के बाद देखा जाता है. वहीं, अस्पताल के डिस्प्ले बोर्ड पर लिखी गई दवाईयां भी मरीजों को काउंटर पर नही मिलती हैं. मरीज को एक्सरे और अल्ट्रा साउंड के लिये पर्चे लिखे जाते हैं विंडबना यह है कि यहां यह दोनों सुविधा राम भरोसे ही चल रही हैं. टेकनीशियनों के अभाव में यह मशीनें सफेद हाथी साबित होती दिख रही हैं.

अस्पताल में मरीजों ने किया हंगामा

इंतजार करते रहे मरीज
अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम को मरीजों ने बताया कि घण्टों पूर्व डाक्टर द्वारा एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिये पर्चे लिखे गए थे, पर हमने एक्सरे रूम में जाकर देखा तो दर्जनों मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. वहीं, एक्सरे रूम में डॉक्टर और टेकनीशियन भी मौजूद नहीं थे.

क्या बोले मेडिकल अधिकारी
मेडिकल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड के लिये यहां टेकनीशियन का अभाव हैं. जबकि उन्होंने दवाइयों के पर्याप्त मात्रा में होने की अपनी बात कही. बहरहाल, यहां के डॉक्टर ने मीडिया को देखकर एक बार फिर से अपने विभाग को बचाने की भरसक प्रयास किया. जबकि तस्वीर कुछ और ही कहती हैं.

वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ करने के लिये आश्वस्त करते रहते हैं, पर उनके लाख प्रयासों के बावजूद स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा हैं. सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड में स्थित 3 लाख की आबादी पर एक रेफरल अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पताल में अव्यवस्था की घोर अभाव होने के चलते यहां मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Vaishali
अस्पताल में अव्यवस्था

सैकड़ों की संख्या में आतें हैं मरीज
यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. डाक्टर द्वारा मरीजों को घण्टों लाइन लगाने के बाद देखा जाता है. वहीं, अस्पताल के डिस्प्ले बोर्ड पर लिखी गई दवाईयां भी मरीजों को काउंटर पर नही मिलती हैं. मरीज को एक्सरे और अल्ट्रा साउंड के लिये पर्चे लिखे जाते हैं विंडबना यह है कि यहां यह दोनों सुविधा राम भरोसे ही चल रही हैं. टेकनीशियनों के अभाव में यह मशीनें सफेद हाथी साबित होती दिख रही हैं.

अस्पताल में मरीजों ने किया हंगामा

इंतजार करते रहे मरीज
अस्पताल में हंगामा होने की सूचना पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम को मरीजों ने बताया कि घण्टों पूर्व डाक्टर द्वारा एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिये पर्चे लिखे गए थे, पर हमने एक्सरे रूम में जाकर देखा तो दर्जनों मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. वहीं, एक्सरे रूम में डॉक्टर और टेकनीशियन भी मौजूद नहीं थे.

क्या बोले मेडिकल अधिकारी
मेडिकल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक ने बताया कि एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड के लिये यहां टेकनीशियन का अभाव हैं. जबकि उन्होंने दवाइयों के पर्याप्त मात्रा में होने की अपनी बात कही. बहरहाल, यहां के डॉक्टर ने मीडिया को देखकर एक बार फिर से अपने विभाग को बचाने की भरसक प्रयास किया. जबकि तस्वीर कुछ और ही कहती हैं.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की सुधार का दावा सिर्फ कागजी पर हो रहा हैं। जबकि हकीकत कुछ और हैं । इसकी बानगी दिखी प्रदेश के सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में स्थित अनुमंडलीय अस्पताल की ।शुक्रवार को यहा सैकड़ो की संख्या में पहुँचे मरीजों ने अस्पताल प्रशासन की ढोलमोल रवैये पर घोर आपत्ति जातायी साथ ही राज्य के मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार से सवालिया लहजे में पूछा कि "जब सोनपुर के रेफरल अस्पताल में अव्यवस्था का आलम हैं मसलन, दवाईयां, तकनीशियन और डॉक्टर्स की अभाव हैं तो फिर ऐसे सरकारी अस्पताल खोलकर लाखो रुपये डॉक्टर को क्यों दिए जा रहे हैं और गरीब ग्रामीण लोगो को क्यों वेवकूफ बनाया जा रहा हैं।


Body:राज्य के मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार आजकल फिर से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को सुदृढ करने के लिये आश्वस्त करते हैं पर उनके लाख प्रयास के बावजूद स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा हैं। सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड में स्थित 3 लाख की आबादी पर एक रेफरल अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल में अव्यवस्था की घोर अभाव होने के चलते यहा मरीजों को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। यहा रोजाना सैकड़ो की संख्या में मरीज अपनी इलाज के लिये आते हैं । डॉक्टर द्वारा मरीजो को घण्टो लाइन लगाने के बाद देखते भी हैं पर अस्पताल के डिस्प्ले बोर्ड पर लिखे गए दवाइया भी मरीजो को काउंटर पर नही मिलते । यही नही मरीज को एक्सरे और अल्ट्रा साउंड के लिये पुर्जे पर लिखे जाते हैं पर विंडबना यह हैं कि यहा यह दोनों सुविधा राम भरोसे हैं । तकनीशियनों के अभाव में यह मशीन सफेद हाथी साबित हो रही हैं।

Etv भारत द्वारा मरीजों के हो- हंगामा करने की खबर मिलने पर पहुँचकर पड़ताल किया तो यहा मरीजो द्वारा बताया गया कि घण्टो पूर्व डॉक्टर द्वारा एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिये पुर्जे पर लिखे गए थे पर हमने एक्सरे रूम में जाकर पड़ताल किया तो दर्जनों मरीज अपनी अपनी बारी की इंतजार कर रहे थे । पर एक्सरे मशीन रूम में डॉक्टर और तकनीशियन तक मौजूद नहीं थे ।इस बात की जानकारी होने पर मरीजो में काफी नाराजगी देखा गया ।मरीजो ने हो-हंगामा करने से भी गुरेज नही किया ।Etv भारत टीम को देखने पर सैकड़ो मरीज और उत्साहित होकर अस्पताल की अव्यवस्था की पोल खोल कर रख दी ।विदित हो कि इस विषय पर यहा मेडिकल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक से पूछने पर उन्होंने बताया कि एक्सरे मशीन और अल्ट्रासाउंड के लिये यहा तकनीशियन की अभाव हैं। जबकि उन्होंने दवाइया की पर्याप्त मात्रा में होने की अपनी बात दोहराई ।

प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आये दिन सूबे के सभी जिलों में घूमते हैं ।और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के बारे में भी बढ़ चढ़ कर राय देते हैं। आगें केंद्र कु मोदी और राज्य की सरकार की दुहाई देकर सभी सरकारी अस्पतालों को बेहतर करने की अपनी दावा करते नजर भी आते हैं ।पर Etv प्रदेश के इस सरकारी अस्पतालों की तस्वीर दिखा कर उनकी दावा का पोल खोल कर रख दी हैं।

सोनपुर के इस अस्पताल में दर्जनों डॉक्टरों की लिस्ट डिस्प्ले में आपको दिख जाएंगे पर पड़ताल करने पर सिर्फ दो से चार ही डॉक्टर दिखे । मरीज की संख्या में कोई कमी नही होती ।पर इलाज के लिये कुछ खास नही होते देख उन्हें अपने सिस्टम और इसे चलाने वाली सरकार पर गुस्सा भी आते देखा गया ।


Conclusion:बहरहाल, यहा के डॉक्टर ने मीडिया को देखकर एक बार फिर से अपने विभाग को बचाने की भरसक प्रयास किया ।जबकि तस्वीर कुछ और ही कहती हैं ।

VO: स्टोरी
ओपन पीटीसी: संवाददाता, राजीव , वैशाली
बाइट: मरीज : 4
मिडिल पीटीसी: संवाददाता, राजीव , वैशाली
बाइट: मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अभिषेक, अनुमंडलीय अस्पताल, सोनपुर
क्लोज पीटीसी: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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