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वैशाली: ICU में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था! 40 लाख की आबादी पर महज 112 डॉक्टर - कंपाउंडर

जिले में लगभग 40 लाख की आबादी पर मात्र 112 सरकारी डॉक्टर हैं. सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि 266 की जगह मात्र 111 डॉक्टर कार्यरत हैं.

सदर अस्पताल हाजीपुर
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Published : Jun 26, 2019, 10:21 AM IST

Updated : Jun 28, 2019, 2:35 PM IST

वैशाली: बिहार में स्वास्थ्य महकमे की हालत कुछ ठीक नहीं है. यूं कहें कि हर जिले की तस्वीर अमूमन एक जैसी है. जहां डॉक्टरों की कमी से विभाग जूझ रहा है. वहीं, गणतंत्र की जननी वैशाली जिला भी इससे अछूता नहीं है.

hajipur
सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन

डॉक्टरों की है कमी
जिले की आबादी बढ़ती जा रही है, लेकिन डॉक्टरों की संख्या घट रही है. जिले में लगभग 40 लाख की आबादी पर मात्र 112 सरकारी डॉक्टर हैं. सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि 266 की जगह मात्र 111 डॉक्टर कार्यरत हैं. जिले में सदर अस्पताल के अलावा दो रेफरल अस्पताल, एक अनुमंडल अस्पताल, 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 337 स्वास्थ्य उपकेंन्द्र हैं. हालांकि जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में भी मात्र 25 डॉक्टर हैं.

hajipur
सदर अस्पताल हाजीपुर

फार्मासिस्ट ड्रेसर और कंपाउंडर के पद रिक्त
जिले में फार्मासिस्ट, ड्रेसर और कंपाउंडर का पद वर्षों से रिक्त पड़ा है. विभाग को अवगत कराने के वाबजूद स्थिति जस की तस है. सिविल सर्जन ने इस संदर्भ में बताया कि कमी के कारण मरीजों के इलाज में कठिनाई होती है. खाली पड़े पदों पर बहाली को लेकर सीएस ने विभाग का बचाव किया. दलील तो यहां तक दी, कि ऐसी तस्वीर सिर्फ हमारे जिले की नहीं बल्कि पूरे बिहार की है.

सिविल सर्जन से बातचीत करते ईटीवी भारत के संवादाता

महंगी दवाईयां बाहर से खरीदते हैं मरीज
सदर अस्पताल में दवाओं की भी किल्लत है. मरीजों का कहना है दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है. मजबूरन वो महंगी दवाईयां प्राईवेट मेडिकल दुकान से खरीदने के लिए मजबूर हैं.

वैशाली: बिहार में स्वास्थ्य महकमे की हालत कुछ ठीक नहीं है. यूं कहें कि हर जिले की तस्वीर अमूमन एक जैसी है. जहां डॉक्टरों की कमी से विभाग जूझ रहा है. वहीं, गणतंत्र की जननी वैशाली जिला भी इससे अछूता नहीं है.

hajipur
सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन

डॉक्टरों की है कमी
जिले की आबादी बढ़ती जा रही है, लेकिन डॉक्टरों की संख्या घट रही है. जिले में लगभग 40 लाख की आबादी पर मात्र 112 सरकारी डॉक्टर हैं. सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ने ईटीवी भारत को बताया कि 266 की जगह मात्र 111 डॉक्टर कार्यरत हैं. जिले में सदर अस्पताल के अलावा दो रेफरल अस्पताल, एक अनुमंडल अस्पताल, 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 337 स्वास्थ्य उपकेंन्द्र हैं. हालांकि जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल में भी मात्र 25 डॉक्टर हैं.

hajipur
सदर अस्पताल हाजीपुर

फार्मासिस्ट ड्रेसर और कंपाउंडर के पद रिक्त
जिले में फार्मासिस्ट, ड्रेसर और कंपाउंडर का पद वर्षों से रिक्त पड़ा है. विभाग को अवगत कराने के वाबजूद स्थिति जस की तस है. सिविल सर्जन ने इस संदर्भ में बताया कि कमी के कारण मरीजों के इलाज में कठिनाई होती है. खाली पड़े पदों पर बहाली को लेकर सीएस ने विभाग का बचाव किया. दलील तो यहां तक दी, कि ऐसी तस्वीर सिर्फ हमारे जिले की नहीं बल्कि पूरे बिहार की है.

सिविल सर्जन से बातचीत करते ईटीवी भारत के संवादाता

महंगी दवाईयां बाहर से खरीदते हैं मरीज
सदर अस्पताल में दवाओं की भी किल्लत है. मरीजों का कहना है दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है. मजबूरन वो महंगी दवाईयां प्राईवेट मेडिकल दुकान से खरीदने के लिए मजबूर हैं.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

वैशाली जिले में कुल 112 सरकारी डॉक्टरों के कंधों पर 40 लाख पब्लिक का चिकित्सा करने की जिम्मेवारी हैं ।




Body:वैशाली जिले में 40 लाख आबादी के बीच मात्र 112 सरकारी डॉक्टर हैं । जबकि यहा एमबीबीएस डॉक्टरों की रिक्तियां 266 हैं । मालूम हो कि यहा फार्मासिस्ट की पद से लेकर विभाग के अन्य छोटे बड़े पदों की रिक्तियां वर्षो से खाली पड़ी हुई हैं ।इसके बारे में मौखिक और लिखित तौर पर विभाग को सूचना दिया जाता रहा हैं पर स्थिति जस की तस बनी हुई हैं ।

जिले में एक सदर अस्पताल, दो रेफरल अस्पताल, स्वास्थ्य उपकेंन्द्र 337, अनुमाण्डलिय अस्पताल, 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, विदित हो कि जिले के मुख्यालय हाजीपुर स्थित सदर अस्पताल में मात्र 25 डॉक्टर हैं ।

जिले के सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन ETV भारत से इस बाबत बताया कि डॉक्टरों से लेकर फर्मासिस्ट की पद वर्षो से रिक्त पड़े हुए हैं । मालूम हो कि जिले में एक ड्रेसर और कंपाउंडर तक नही हैं ।इस बात की पुष्टि करते हुए सीएस आगें बताते हैं कि मरीजों की इलाज प्रभावित होती हैं पर वे विभाग से लेकर सरकार को बचाने में भी अपना दलील देते नजर आते हैं । उनकी मानें तो हमारे यहा चिकित्सको की कमी तो हैं पर यह पूरे बिहार में यही तस्वीर हैं।

जिले में आबादी दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं । ऐसे में डॉक्टरों की अनुपात कम होने के चलते मरीजों को अपनी इलाज कराने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। जिले के 16 प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के वाबजूद हाजीपुर स्थित सदर अस्पताल में रोजाना सैकडों मरीज अपनी मरीजो इलाज कराने आते हैं ।एक मरीज की मानें तो यहा सैकडों दवा होने का दावा करने की बात होती हैं पर एक दवा छोड़कर बाकी महंगे की दवा अस्पताल से बाहर प्राइवेट मेडिकल दुकानों पर खरीदने पड़ते हैं । वहीं कम चिकित्सक होने के चलते आशानुरूप इलाज में भी कोताही होने की इल्जाम मरीज लगाते हैं।


Conclusion:बहरहाल, प्रदेश सरकार रिक्त पड़े हुए फर्मासिस्ट और डॉक्टर की पदों को यथाशीघ्र भरने का कार्य करें तभी गरीब की इलाज होने की गुंजाइश हो सकती हैं।

बाइट: मरीज
1-2-1 सिविल सर्जन( इंद्रदेव रंजन) वैशाली
Last Updated : Jun 28, 2019, 2:35 PM IST
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