वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखंड में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने शराबबंदी पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी (Prohibition Law in Bihar) उतनी सफल नहीं है. तंत्र में ही छेद है हालांकि उन्होंने इसके साथ ये भी कहा कि शराबबंदी का निर्णय बिहार सरकार (Bihar Government) का बहुत ही बढ़िया फैसला है. यह जीविका की बहनों की मांग भी थी.
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मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि- 'बिहार में शराबबंदी उतनी सफल नहीं है. तंत्र में ही छेद है. शराबबंदी का निर्णय सरकार का बहुत ही बढ़िया निर्णय है. यह जीविका की बहनों की मांग थी.'
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने वैशाली आने का उनका उद्देश्य बताते हुए कहा कि- 'यहां आयोग के जो मामले लंबित है उनकी समीक्षा करना था जिसके लिए वैशाली एसपी मनीष के साथ उनकी 1 घंटे की मीटिंग हुई जिसमें वैशाली पुलिस ने रिपोर्ट भी सौंपा है. साथ ही उनके वैशाली आने का एक उद्देश्य यह वन स्टॉप सेंटर के निर्माण की समीक्षा करना भी था.'
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चंद्रमुखी देवी ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के निर्माण का काम अब तक शुरू नहीं होने के कारण वह भवन निर्माण वाले जगह पर जांच करने नहीं जा सकी. वहीं, उन्होंने महिला पुलिस की समस्या के बारे में जिक्र करते हुए कहा इसकी भी समीक्षा की जा रही है. बड़े पैमाने पर महिला पुलिसकर्मियों की बहाली हुई है तो उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी मिलनी चाहिए. इसके लिए वे सरकार से बात करेंगी.
चंद्रमुखी देवी ने बताया कि महिला उत्पीड़न सहित अन्य मामलों में पहले से काफी सुधार हुआ है लेकिन अभी और सुधार होना बाकी है. कई जागरूकता के कार्यक्रम भी इसके लिए चलाए जा रहे हैं. नए लोगों की पुलिस में बहाली हो रही है उनको यह बताया जा रहा है कि जब महिला कोई मामला लेकर थाने आए तो वह जजमेंटल ना बने. उन्होंने कहा कि उनकी वेशभूषा को देखकर कुछ ना सोचे बल्कि सीधे उचित कार्रवाई करें.
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बताते चलें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर विपक्ष हमेशा से हमलावर है. विरोधी पार्टियां शराबबंदी को असफल बताते हुए इस फैसले को वापस लेने के लिए सरकार को लगातार घेरती नजर आ रही हैं. इसी कड़ी में जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने सत्ता और विपक्ष दोनों दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि-
'क्या आपके विधायक और सांसद शराब या अन्य प्रकार का नशीली पदार्थ का सेवन करते हैं या नहीं. आप लोग अपने-अपने पार्टी के लोगों की जांच क्यों नहीं कराते. मैंने जो लिस्ट दिया है उसमें राजद, बीजेपी और जदयू के 95% लोग शामिल हैं कि नहीं आप जांच करा लें.'
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बता दें कि बिहार में जिस तरह शराबबंदी के बाद बीते कुछ दिनों से अवैध शराब सरकार के लिए किसी सिर दर्द से कम नहीं बना हुआ है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री को इस विषय पर एक समीक्षा बैठक ही करनी पड़ी. मामला लगभग शांत हो ही गया था लेकिन जिस तरह महिला आयोग के सदस्य ने शराबबंदी पर सवाल उठा दिया है वैसे में नीतीश सरकार फिर बैकफुट पर नजर आ रही है.
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