वैशाली: आपने भक्तों की कई कहानियां सुनी होंगी, जिन्होंने अपने भगवान को खुश करने के लिए कई अचंभे भरे कार्य किए होंगे. कुछ ऐसा ही एक मामला वैशाली जिले के हाजीपुर इलाके में सामने आया है. जहां एक व्यक्ति गले में जहरीला सांप लेपटकर मंदिर में भोलेनाथ की पूजा कर रहा था. इसी दौरान सांप ने गर्दन में डस लिया. बावजूद इसके व्यक्ति ने पूजा बीच में नहीं छोड़ा. जब पूजा समाप्त हुआ तो वह अपने घर गया. तब तक जहर पूरे शरीर में फैला गया और अस्पताल जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई.
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सालों से कर रहा था ऐसी ही पूजा: मृतक की पहचान हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के कटरा मोहल्ला निवासी रामेश्वर पंडित के रूप में हुई है. वह खुद को भगवान भोलेनाथ का भक्त बताता था. उसने 100 से ज्यादा सांपों की जान बचाई थी. वह कुछ सांपों को जंगल में छोड़ देता था तो कुछ को अपने साथ रखता. सांपों को खाना देने के बाद ही वह खाना खाया करता था. जब वह पूजा के लिए जाता तो अपने साथ सांप को ले जाता और फिर गले में सांप लेपटकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करता. ऐसा वह कई सालों से कर रहा था.
पूजा के दौरान सांप ने डसा: बुधवार सुबह भी रामेश्वर पंडित नगर थाना क्षेत्र के पातालेश्वर नाथ मंदिर में पूजा करने गया था. इसी दौरान सांप ने उसे गर्दन में डस लिया. बावजूद इसके वह पूजा करता रहा. जब पूजा सामाप्त हुई तो लोगों को बताया कि सांप ने डस लिया है और उसका जीवन समाप्त होने वाला है. स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर भागे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि रामेश्वर पंडित प्रतिदिन बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में सांप के साथ जाकर सुबह की पूजा करते थे.
100 से अधिक सांपों का किया रेस्क्य: लोगों ने बताया कि जब कभी मोहल्ले एवं आसपास के मकानों में सांप निकलने की सूचना मिलती तो रामेश्वर पंडित वहां पहुंचकर सांपों का पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ देते. अब तक 100 से अधिक सांपों का उन्होंने रेस्क्यू कर जान बचाई है. पहले भी सांप पकड़ने का दौरान कई बार सांप ने काटा था. लेकिन वह किसी औषधि का उपयोग कर सांप के जहर के असर को कम कर देते थे. लोगों का कहना है कि पूजा के दौरान जब सांप ने काटा तो उनके पास औषधि नहीं थी.
"समाज में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो समाज की सेवा में लगे रहते हैं. इन्हीं में से एक थे रामेश्वर पंडित जो हर वक्त लोगों की मदद करते थे. कटरा मोहल्ला के रहने वाले रामेश्वर पंडित जब भी किसी के घर में दुकान में जहरीला से जहरीला सांप निकलता था उसको पकड़ कर ले जाते थे और जंगल में छोड़ देते थे. उनके पास एक जड़ी थी जिसके कारण उन्हें सांप नहीं कटता था. हादसा के समय वह जड़ी घर पर छूट गया था. वह सांप को गले में लेकर रोज मंदिर में पूजा करते थे. रामेश्वर पंडित का असमय निधन समाज के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है" - निकेत कुमार डब्लू, स्थानीय पार्षद
मौत की खबर मिलते ही जुटे लोग: रामेश्वर पंडित के मौत की खबर मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए. उनकी मौत इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग सांप के साथ उनकी दोस्ती और प्रेम को याद करते नहीं थक रहे. सभी अचरज में हैं कि उनके मौत का कारण सांप है. इस विषय में स्थानीय पार्षद निकेत कुमार डब्ल्यू ने बताया कि रामेश्वर पंडित बेहद अच्छे और सच्चे समाजसेवी थे. शुद्ध शाकाहारी और हर किसी की मदद करना उनकी आदत थी. कई सांपों की जान बचाई तो कुछ जख्मी सांपों का इलाज तक कराया.
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