वैशाली: कहते हैं बुद्धि में बड़ी ताकत होती है. जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले (world famous sonepur mela in bihar) में देखने को मिला. जहां एक मंच उद्घोषक की बुद्धिमता के कारण माता-पिता से बिछड़ा हुआ 3 साल का मासूम चंद मिनटों में ही अपने माता-पिता से मिल गया. दरअसल मेले के सरकारी मंच पर विभिन्न कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जा रहा था. कार्यक्रम में उद्घोषक दर्शकों को गुदगुदाने वाले हल्के फुल्के कहानियां सुना रहे थे. तभी दर्शक दीर्घा में एक पुलिसकर्मी एक 3 साल के बच्चे को गोद में लिए हुए पहुंचा और उसने उद्घोषक को बच्चे के बारे में घोषणा करने की बात कही.
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रंग लाई उद्घोषक की बुद्धिमता: बच्चे के गुम होने की खबर के बाद पहले तो मंच उद्घोषक द्वारा कहा गया कि बच्चे के बारे में लिखकर एक कागज पर दें. जिससे वह मंच से बोलेंगे. लेकिन फिर अचानक ही उद्घोषक में वहां लगे तमाम कैमरामैन से आग्रह किया कि आप सभी अपने कैमरे का फोकस मेले में गुम हुए बच्चे पर करें. उद्घोषक को पता था कि कैमरे का फोकस बच्चे पर करते ही मेले में लगे हुए कई डिस्प्ले पर एक साथ बच्चा दिखने लगेगा. जिससे बच्चे को खोज रहे माता-पिता दूर से बच्चे को डिस्प्ले पर देखकर जनसंपर्क विभाग के पंडाल में पहुंच जाएंगे. क्योंकि बड़े-बड़े आकार का डिस्प्ले जनसंपर्क पंडाल के मुख्य द्वार सहित दक्षिण के हिस्से में लगा हुआ है. जिधर से ज्यादातर लोग मेले में पैदल घूमने पहुंचते हैं.
परिजनों का मिला उनका बच्चा: उद्घोषक के द्वारा बच्चे पर कैमरा फोकस करने वाला निर्णय बेहद ही कारगर साबित हुआ. एक साथ तीन कैमरे के फोकस में आते ही बच्चा डिस्प्ले में दिखने लगा और चंद मिनटों में उसके माता-पिता मौके पर पहुंच गए. इसके बाद बच्चे के माता पिता ने बच्चे को गोद में लिया और सभी का आभार व्यक्त करते हुए जनसंपर्क पंडाल से निकल कर चले गए. पुलिसकर्मी की तत्परता और मंच के उद्घोषक की बुद्धिमता के कारण एक परिवार परेशान होने से बच गया.
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