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कार्तिक पूर्णिमा: कोनहारा घाट पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की है. जिसमें घाटों पर दूधिया लाइट लगाई गई है. साथ ही पूरे घाटों की बांस के जरिए बैरिकेडिंग की गई है.

हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा
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Published : Nov 12, 2019, 11:18 AM IST

वैशाली: मंगलवार को हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ उमर पड़ी है. इस दौरान दूर दराज से आए श्रद्धालु गंगा और गंडक के संगम कोनहारा घाट में आस्था की डुबकी लगा लगे रहे हैं. ऐसे में डीएम उदिता सिंह अपनी पूरी टीम के साथ घाटों पर निगरानी करती नजर आईं.

कोनहारा घाट का इतिहास है पुराना
दरअसल, हाजीपुर के कोनहारा घाट का इतिहास काफी पुराना है. ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर गज और ग्राह की लंबी लड़ाई हुई थी. जिसको खत्म करने के लिए भगवान विष्णु यहां आए थे और इसी कारण घाट का नाम कोनहारा पड़ा. साथ ही उस समय से कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस घाट पर स्नान शुरू हो गया. जो आज भी बरकरार है.

यह भी पढ़ेः बिहार: कार्तिक पूर्णिमा के दौरान डूबने से 8 की मौत, दो लापता

जिला प्रशासन की व्यापक व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पूरे जिले का माहौल भक्तिमय हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ घाट पर स्नान करने के लिए उमड़ रही है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी सजग दिख रहा है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की है. जिसमें घाटों पर दूधिया लाइट लगाई गई हैं. साथ ही पूरे घाटों की बांस के जरिए बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा कई स्थानों पर अस्थाई मेडिकल कैंप, कड़ी सुरक्षा के लिए वॉच टावर समेत यातायात नियंत्रण करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की गई है.

वैशाली: मंगलवार को हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ उमर पड़ी है. इस दौरान दूर दराज से आए श्रद्धालु गंगा और गंडक के संगम कोनहारा घाट में आस्था की डुबकी लगा लगे रहे हैं. ऐसे में डीएम उदिता सिंह अपनी पूरी टीम के साथ घाटों पर निगरानी करती नजर आईं.

कोनहारा घाट का इतिहास है पुराना
दरअसल, हाजीपुर के कोनहारा घाट का इतिहास काफी पुराना है. ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर गज और ग्राह की लंबी लड़ाई हुई थी. जिसको खत्म करने के लिए भगवान विष्णु यहां आए थे और इसी कारण घाट का नाम कोनहारा पड़ा. साथ ही उस समय से कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस घाट पर स्नान शुरू हो गया. जो आज भी बरकरार है.

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जिला प्रशासन की व्यापक व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पूरे जिले का माहौल भक्तिमय हो चुका है. ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ घाट पर स्नान करने के लिए उमड़ रही है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी सजग दिख रहा है. जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की है. जिसमें घाटों पर दूधिया लाइट लगाई गई हैं. साथ ही पूरे घाटों की बांस के जरिए बैरिकेडिंग की गई है. इसके अलावा कई स्थानों पर अस्थाई मेडिकल कैंप, कड़ी सुरक्षा के लिए वॉच टावर समेत यातायात नियंत्रण करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की गई है.

Intro:हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ उमर परी है। इस दौरान दूर दूर से आए श्रद्धालुओं ने गंगा और गंडक के संगम कोनहारा घाट में आस्था की डुबकी लगाई।


Body:दरअसल हाजीपुर के ऐतिहासिक कोनहारा घाट का इतिहास काफी पुराना है इस घाट की ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर गज और ग्राह की लंबी लड़ाई हुई थी जिस लड़ाई को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु को आना पड़ा था जिस कारण इस घाट का नाम कोनहारा परा, उसी समय से कार्तिक पूर्णिमा को इस घाट पर स्नान शुरू हो गया जो आज भी बरकरार है।कार्तिक पूर्णिमा को लेकर पूरा हाजीपुर इलाके का माहौल भक्तिमय हो चुका है इस घाट पर पवित्र स्नान के साथ श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की वही जिला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए व्यापक व्यवस्था की गई इस दौरान विभिन्न घाटों पर दूधिया लाइट लगाई गई है और पूरे घाटों को बांस के जरिए बैरिकेडिंग की गई वही कई स्थानों पर अस्थाई मेडिकल कैंप पुलिस की कड़ी सुरक्षा वाच टावर समेत यातायात को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था की गई।


Conclusion:बहारहाल डीएम उदिता सिंह अपनी पूरी टीम के साथ घाट पर निगरानी करती नजर आए उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से हर स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है

 बाइट -- उदिता सिंह डीएम वैशाली

पीटीसी
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