वैशाली: बिहार के हाजीपुर में जिलाधिकारी उदिता सिंह के निर्देश पर अधिकारियों ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का औचक निरीक्षण ( Inspection of specialized adoption institute in Vaishali) किया और बारीकी से जांच की. इस दौरान विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में 2 घंटे की बैठक (Meeting at Specialized Adoption Institute in Hajipur) हुई. जिसमें सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार मोहन, चाइल्ड प्रोटेक्शन के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रशांत कुमार, डीएसपी मुख्यालय देवेंद्र प्रसाद व चाइल्ड लाइन के संजीव कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान अधिकारियों ने संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया.
ये भी पढ़ें- ADG कमल किशोर सिंह ने बिहटा थाना किया निरीक्षण, डिजिटलीकरण को लेकर दिए कई निर्देश
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की जांच: बताया जाता है कि हाजीपुर के एसडीओ रोड स्थित विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान में बगैर किसी पूर्व सूचना के अधिकारियों की टीम पहुंची. जहां बारीकी से विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की जांच की गई. बच्चों के रहने की व्यवस्था (Accommodation of children in adoption institution), उनके खाने की व्यवस्था, उनके साफ सफाई की व्यवस्था सहित अन्य सभी व्यवस्थाओं की जांच की गई, साथ ही संस्था में मौजूद कर्मियों और बच्चों से भी अधिकारियों ने बातचीत की. बता दें कि इस संस्थान से बच्चे अमेरिका, इटली सहित देश-विदेश गये हैं.
व्यवस्था से संतुष्ट दिखें अधिकारी: वहीं, सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश कुमार मोहन ने बताया कि डीएम के आदेश पर उन लोगों ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आकर जांच की. यहां की जो व्यवस्था से वे लोग काफी संतुष्ट हैं और यहां पर बेहतर व्यवस्था है. इस संस्थान में तीन बच्चे 3 साल से ऊपर के हैं और 5 छोटे हैं. यहां साफ-सफाई, खान-पान, रहन-सहन की व्यवस्था बढ़िया है. 2 घंटे के करीब सघन जांच की गई. अमेरिका और इटली सहित विदेश के बच्चों से भी वीडियो कॉल के जरिए बात हुई, सभी ठीक हैं.
ये भी पढ़ें- पटना जंक्शन पर बड़ा हादसा, मालगाड़ी की 2 बोगियां पटरी से उतरी
लावारिस बच्चों के भविष्य संवारने की व्यवस्था: बता दें कि हाजीपुर में स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से कई बच्चे अमेरिका और इटली सहित देश-विदेश जा चुके हैं. यहां के बच्चे लावारिस हैं या फिर इन्हें छोड़ दिया गया है. इन बच्चों को बेहतर तरीके से न सिर्फ संस्थान में रखा जाता है बल्कि इनके भविष्य संवारने की व्यवस्था भी काफी बेहतर तरीके से की जाती है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लावारिस छोड़े गये बच्चों के लिए विशेष अनुसंधान संस्थान उनके सपनों को पूरा करने वाला एक आशियाना है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP