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प्रेम और आस्था का प्रतीक! पत्नी की याद में बनवा दिया 2.50 करोड़ का भव्य मंदिर - MAHASHIVRATRI 2025

शिव से अपार भक्ति और पत्नी प्रेम किसे कहते हैं, अगर देखना है तो बिहार के सारण में पहुंच जाइये. कहानी जान आप स्तब्ध रह जाएंगे.

Mahashivratri 2025
प्रेम और आस्था का प्रतीक शिवशक्ति धाम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 26, 2025, 7:16 PM IST

Updated : Feb 26, 2025, 8:23 PM IST

सारण: विजय सिंह, एक ऐसा नाम जो इस बार महाशिवरात्रि के मौके पर बिहार के इतिहास में दर्ज हो गया. इन्होंने पति का अपनी पत्नी के प्रति प्रेम का ऐसा सर्वोत्तम उदाहरण पेश किया जो शाहजहां ने अपने मुमताज के लिए किया था.

सारण जिले से 30 किमी दूर मांझी प्रखंड के गोबरही गांव में महाशिवरात्रि के मौके पर काफी चहल पहल रही. गांव में एक भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया. लोग इस मंदिर को मिशाल के तौर पर मान रहे हैं. यह मंदिर कई मायनों में खास है. यह प्रेम और आस्था को दर्शाता है.

पत्नी की याद में मंदिर बनवाया: 'प्रेम' जो विजय सिंह अपनी पत्नी से करते हैं और 'आस्था' जो दोनों दंपती का भगवान शिव के प्रति रहा. इस मंदिर के निर्माण के पीछे यही दो मायने हैं. इसकी कहानी खुद विजय सिंह बताते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि 'पत्नी की याद में मंदिर बनवाया.'

प्रेम और आस्था का प्रतीक शिवशक्ति धाम (ETV Bharat)

"महाशिवरात्रि के दिन ही पत्नी का निधन हो गया. उसी समय शंकर भगवान का मंदिर बनवाने का निर्णिया लिया गया. पत्नी की भी इच्छा थी कि मंदिर का निर्माण किया जाए." -विजय सिंह, निर्माणकर्ता

महाशिवरात्रि के दिन पत्नी का निधन: विजय सिंह के इस काम ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार, सम्मान और श्रद्धा में होती है. दरअसल, पेशे से किसान और व्यवसायी विजय सिंह की पत्नी रेणु देवी का निधन आज से 3 साल पहले महाशिवरात्रि के दिन हो गया था. उनकी पत्नी की इच्छा थी कि वे मंदिर बनवाएं लेकिन बीमार पड़ने के कारण वे ऐसा नहीं कर पायीं.

पत्नी की मंदिर निर्माण की थी इच्छा: विजय सिंह बताते हैं कि जब पत्नी का अंतिम समय आ गया तो उन्होंने हमसे वादा लिया कि मरने के बाद उनकी याद में एक भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगे. विजय सिंह बताते हैं कि पत्नी के निधन के कुछ दिनों के बाद ही मंदिर निर्माण के बारे में विचार करने लगे.

Mahashivratri 2025
प्रेम और आस्था का प्रतीक शिवशक्ति धाम (ETV Bharat)

2 साल में बनकर तैयार हुआ: मंदिर का निर्माण गांव में ही होना था. इसको लेकर उन्होंने प्लान बनाया. अपने रिश्तेदार, कारीगरों और विशेषज्ञों से बात की. इन सब कार्यों में एक साल बीत गया. करीब 2 साल पहले इस मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ.

2.50 करोड़ लागत: गांव में ही विजय सिंह 5 बीघे की जमीन पर मंदिर का निर्माण शुरू कराया. इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान से कारिगर और शिल्पियों को बुलाया गया. करीब 2 साल तक निर्माण कार्य चला और 2.50 करोड़ की लागत में भव्य मंदिर का निर्माण कर लिया गया. महाशिवरात्रि 2025 के मौके पर इस मंदिर का अनावरण किया गया.

शिवशक्ति धाम के रूप में पहचान: बता दें कि, विजय सिंह एक व्यवसायी हैं. छपरा शहर के हृदयस्थली नगर पालिका चौक पर इनका होटल भी है. इन्होंने अपनी जमा पूंजी से मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर का नाम शिवशक्ति धाम रखा गया है जो देखने में काफी भव्य और सुंदर है. मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की स्थापना की गयी है.

Mahashivratri 2025
मंदिर में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु (ETV Bharat)

पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित: विजय सिंह के भाई बताते हैं कि सारण जिले का यह दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है जो एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना सकता है. मंदिर के साथ-साथ धर्मशाला और वेद विद्यालय की भी निर्माण किया जा रहा है.

जहां भी मंदिर का निर्माण हुआ है, वह पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है. शिवशक्ति धाम बन गया है. हमलोगों का प्रयास है कि इसे भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. -देवेंद्र सिंह, भाई

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सारण जिले से 30 किमी दूर मांझी प्रखंड के गोबरही गांव में महाशिवरात्रि के मौके पर काफी चहल पहल रही. गांव में एक भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया. लोग इस मंदिर को मिशाल के तौर पर मान रहे हैं. यह मंदिर कई मायनों में खास है. यह प्रेम और आस्था को दर्शाता है.

पत्नी की याद में मंदिर बनवाया: 'प्रेम' जो विजय सिंह अपनी पत्नी से करते हैं और 'आस्था' जो दोनों दंपती का भगवान शिव के प्रति रहा. इस मंदिर के निर्माण के पीछे यही दो मायने हैं. इसकी कहानी खुद विजय सिंह बताते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि 'पत्नी की याद में मंदिर बनवाया.'

प्रेम और आस्था का प्रतीक शिवशक्ति धाम (ETV Bharat)

"महाशिवरात्रि के दिन ही पत्नी का निधन हो गया. उसी समय शंकर भगवान का मंदिर बनवाने का निर्णिया लिया गया. पत्नी की भी इच्छा थी कि मंदिर का निर्माण किया जाए." -विजय सिंह, निर्माणकर्ता

महाशिवरात्रि के दिन पत्नी का निधन: विजय सिंह के इस काम ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार, सम्मान और श्रद्धा में होती है. दरअसल, पेशे से किसान और व्यवसायी विजय सिंह की पत्नी रेणु देवी का निधन आज से 3 साल पहले महाशिवरात्रि के दिन हो गया था. उनकी पत्नी की इच्छा थी कि वे मंदिर बनवाएं लेकिन बीमार पड़ने के कारण वे ऐसा नहीं कर पायीं.

पत्नी की मंदिर निर्माण की थी इच्छा: विजय सिंह बताते हैं कि जब पत्नी का अंतिम समय आ गया तो उन्होंने हमसे वादा लिया कि मरने के बाद उनकी याद में एक भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगे. विजय सिंह बताते हैं कि पत्नी के निधन के कुछ दिनों के बाद ही मंदिर निर्माण के बारे में विचार करने लगे.

Mahashivratri 2025
प्रेम और आस्था का प्रतीक शिवशक्ति धाम (ETV Bharat)

2 साल में बनकर तैयार हुआ: मंदिर का निर्माण गांव में ही होना था. इसको लेकर उन्होंने प्लान बनाया. अपने रिश्तेदार, कारीगरों और विशेषज्ञों से बात की. इन सब कार्यों में एक साल बीत गया. करीब 2 साल पहले इस मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ.

2.50 करोड़ लागत: गांव में ही विजय सिंह 5 बीघे की जमीन पर मंदिर का निर्माण शुरू कराया. इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान से कारिगर और शिल्पियों को बुलाया गया. करीब 2 साल तक निर्माण कार्य चला और 2.50 करोड़ की लागत में भव्य मंदिर का निर्माण कर लिया गया. महाशिवरात्रि 2025 के मौके पर इस मंदिर का अनावरण किया गया.

शिवशक्ति धाम के रूप में पहचान: बता दें कि, विजय सिंह एक व्यवसायी हैं. छपरा शहर के हृदयस्थली नगर पालिका चौक पर इनका होटल भी है. इन्होंने अपनी जमा पूंजी से मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर का नाम शिवशक्ति धाम रखा गया है जो देखने में काफी भव्य और सुंदर है. मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की स्थापना की गयी है.

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मंदिर में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु (ETV Bharat)

पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित: विजय सिंह के भाई बताते हैं कि सारण जिले का यह दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है जो एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना सकता है. मंदिर के साथ-साथ धर्मशाला और वेद विद्यालय की भी निर्माण किया जा रहा है.

जहां भी मंदिर का निर्माण हुआ है, वह पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है. शिवशक्ति धाम बन गया है. हमलोगों का प्रयास है कि इसे भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए. -देवेंद्र सिंह, भाई

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Last Updated : Feb 26, 2025, 8:23 PM IST
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