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कंधे पर ले जाना पड़ा मरीज को, पीएमसीएच जाने के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल से नहीं मिला एम्बुलेंस

हाजीपुर सदर अस्पताल में एम्बुलेंस खड़ा रहा. लेकिन इमरजेंसी के एक मरीज को पीएमसीएच ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं दिया गया. जब एम्बुलेंस नहीं मिली तो परिजन को कंधे पर लेकर अस्पताल से निकल गये. पढ़ें पूरी खबर

हाजीपुर में लचर स्वास्थ व्यवस्था
हाजीपुर में लचर स्वास्थ व्यवस्था
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Published : Nov 8, 2022, 8:51 PM IST

वैशालीः बिहार के हाजीपुर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई. हाजीपुर सदर अस्पताल से इमरजेंसी में एक महिला मरीज को PMCH के लिए रेफर कर दिया गया. अस्पताल में एम्बुलेंस होने के बाद भी मरीज को एंबुलेंस नहीं दिया गया. मरीज के परिजन गरीबी की दुहाई देकर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के मांग करते रहे, लेकिन अस्पताल की ओर से एम्बुलेंस नहीं दिया गया. मजबूरी में महिला के परिजन को रात के अंधेरे में कंधे पर लेकर निकलना पड़ा. इस दौरान एम्बुलेंस नहीं मिलने के मरीज को कंधे पर उठाकर रात के अंधेरे में सड़कों पर भटकना पड़ा.


ये भी पढ़ें-हाथ में नन्हे बेटे का शव.. मजबूर पिता को नहीं मिली सदर अस्पताल में एंबुलेंस, बाइक से लौटा घर

"एंबुलेंस हमेशा अस्पताल में लगा रहता है. रात के 11:00 बज रहे हैं हम जा रहे हैं इमरजेंसी में पहले भी कार्रवाई हो चुकी है अगर इस तरह की बात होगी तो फिर से कार्रवाई होगी. हमेशा उपलब्ध रहता है पता नहीं क्या हुआ है. हम जा रहे हैं इसकी जानकारी लेने इसकी जांच की जाएगी" - डॉ. एसके वर्मा, सुपरिटेंडेंट, सदर अस्पताल.



"अस्पताल से इलाज करवाएं तो ठीक नहीं हुआ. पेशेंट का कल सुबह से ही तबीयत खराब है. लेकर अस्पताल आय तो ठीक नहीं हुआ है सदर अस्पताल में. यहां से बोला गया है पटना लेकर के जाइए लेकिन एंबुलेंस नहीं मिला है. यहां से बोला गया कि लेकर जाइए पटना. हम एंबुलेंस मांगे थे लेकिन नहीं मिला क्या करें हम लोग बहुत गरीब हैं" - प्रमोद कुमार, परिजन.

बेबसी की तस्वीर हाजीपुर सदर अस्पताल की हैः बेबसी और लाचारी की तस्वीर हाजीपुर सदर अस्पताल का है. यह तस्वीर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में स्वास्थ्य कर्मचारी द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करवाने के बाद एक बेबस पुत्र अपने बीमार मां को कंधे पर लेकर निजी गाड़ी के तलाश करने के लिए अस्पताल से लेकर शहर के सड़कों पर भटकते नजर आये. बताया गया कि हाजीपुर सदर अस्पताल में रविवार को शाम 4:00 बजे एक बुजुर्ग मां को इलाज कराने के लिए उनके पुत्र और उनके परिजन पहुंचे थे. इलाज दौरान अचानक से आधी रात में बीमार महिला की स्थिति गंभीर हो गई.

निजी गाड़ी की तलाश में भटकते रहे परिजनः इसके बाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए PMCH रेफर कर दिया गया. रात के करीब 11:00 बजे अचानक महिला को पटना पीएमसीएच रेफर किया गया और ले जाने के लिए अस्पताल द्वारा एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया. इसको लेकर, एक बेवस पुत्र अपनी मां को कंधे पर उठाकर सदर अस्पताल से लेकर हाजीपुर के सड़कों पर निजी गाड़ी के तलाश में भटकते रहा.

मामले की जांच की बात कर रहे हैं अधीक्षकः बीमार महिला हाजीपुर के जोहरी बाजार की रहने वाली है. वहीं इस मामले में सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है अस्पताल में मरीजों के लिए एंबुलेंस हमेशा उपलब्ध रहता है. अगर ऐसा हुआ है तो मैं इमरजेंसी जाकर इसकी जांच करूंगा अगर कोई स्वास्थ्य कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पहले भी करवाई किया गया है और फिर करवाई होगी. पूरे मामले की जांच किया जाएगा.



डिप्टी सीएम के दावे की खुल रही पोलः बता दें कि वहीं सदर अस्पताल आए दिन इस तरह की तस्वीरें सामने आती रहती है कई बार मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आई है. कभी शव को हाथ में लेकर जाने की तस्वीर तो कभी इलाज के लिए घंटों बैठाए रखने की तस्वीर. अक्सर बिहार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Health Minister Tejashwi Yadav) यह कहते नजर आते हैं कि, बिहार में गरीबों का राज है और कार्रवाई और सुनवाई वाली सरकार है, लेकिन तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी, सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे गरीब व्यक्ति इलाज कराने के रात में मरीज को पीएमसीएच रेफर कर देते हैं और ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराते. बिहार में तेजस्वी यादव के दावा और स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोलने वाली. यह बेबसी और लाचारी की तस्वीर जीता जागता सबूत है.

ये भी पढ़ें-बिन पैसे नहीं मिली एंबुलेंस, ससुर को बाइक पर बैठाकर अस्पताल ले आया दामाद

वैशालीः बिहार के हाजीपुर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई. हाजीपुर सदर अस्पताल से इमरजेंसी में एक महिला मरीज को PMCH के लिए रेफर कर दिया गया. अस्पताल में एम्बुलेंस होने के बाद भी मरीज को एंबुलेंस नहीं दिया गया. मरीज के परिजन गरीबी की दुहाई देकर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के मांग करते रहे, लेकिन अस्पताल की ओर से एम्बुलेंस नहीं दिया गया. मजबूरी में महिला के परिजन को रात के अंधेरे में कंधे पर लेकर निकलना पड़ा. इस दौरान एम्बुलेंस नहीं मिलने के मरीज को कंधे पर उठाकर रात के अंधेरे में सड़कों पर भटकना पड़ा.


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"एंबुलेंस हमेशा अस्पताल में लगा रहता है. रात के 11:00 बज रहे हैं हम जा रहे हैं इमरजेंसी में पहले भी कार्रवाई हो चुकी है अगर इस तरह की बात होगी तो फिर से कार्रवाई होगी. हमेशा उपलब्ध रहता है पता नहीं क्या हुआ है. हम जा रहे हैं इसकी जानकारी लेने इसकी जांच की जाएगी" - डॉ. एसके वर्मा, सुपरिटेंडेंट, सदर अस्पताल.



"अस्पताल से इलाज करवाएं तो ठीक नहीं हुआ. पेशेंट का कल सुबह से ही तबीयत खराब है. लेकर अस्पताल आय तो ठीक नहीं हुआ है सदर अस्पताल में. यहां से बोला गया है पटना लेकर के जाइए लेकिन एंबुलेंस नहीं मिला है. यहां से बोला गया कि लेकर जाइए पटना. हम एंबुलेंस मांगे थे लेकिन नहीं मिला क्या करें हम लोग बहुत गरीब हैं" - प्रमोद कुमार, परिजन.

बेबसी की तस्वीर हाजीपुर सदर अस्पताल की हैः बेबसी और लाचारी की तस्वीर हाजीपुर सदर अस्पताल का है. यह तस्वीर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में स्वास्थ्य कर्मचारी द्वारा एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं करवाने के बाद एक बेबस पुत्र अपने बीमार मां को कंधे पर लेकर निजी गाड़ी के तलाश करने के लिए अस्पताल से लेकर शहर के सड़कों पर भटकते नजर आये. बताया गया कि हाजीपुर सदर अस्पताल में रविवार को शाम 4:00 बजे एक बुजुर्ग मां को इलाज कराने के लिए उनके पुत्र और उनके परिजन पहुंचे थे. इलाज दौरान अचानक से आधी रात में बीमार महिला की स्थिति गंभीर हो गई.

निजी गाड़ी की तलाश में भटकते रहे परिजनः इसके बाद सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए PMCH रेफर कर दिया गया. रात के करीब 11:00 बजे अचानक महिला को पटना पीएमसीएच रेफर किया गया और ले जाने के लिए अस्पताल द्वारा एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया. इसको लेकर, एक बेवस पुत्र अपनी मां को कंधे पर उठाकर सदर अस्पताल से लेकर हाजीपुर के सड़कों पर निजी गाड़ी के तलाश में भटकते रहा.

मामले की जांच की बात कर रहे हैं अधीक्षकः बीमार महिला हाजीपुर के जोहरी बाजार की रहने वाली है. वहीं इस मामले में सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एसके वर्मा ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है अस्पताल में मरीजों के लिए एंबुलेंस हमेशा उपलब्ध रहता है. अगर ऐसा हुआ है तो मैं इमरजेंसी जाकर इसकी जांच करूंगा अगर कोई स्वास्थ्य कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पहले भी करवाई किया गया है और फिर करवाई होगी. पूरे मामले की जांच किया जाएगा.



डिप्टी सीएम के दावे की खुल रही पोलः बता दें कि वहीं सदर अस्पताल आए दिन इस तरह की तस्वीरें सामने आती रहती है कई बार मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आई है. कभी शव को हाथ में लेकर जाने की तस्वीर तो कभी इलाज के लिए घंटों बैठाए रखने की तस्वीर. अक्सर बिहार के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Health Minister Tejashwi Yadav) यह कहते नजर आते हैं कि, बिहार में गरीबों का राज है और कार्रवाई और सुनवाई वाली सरकार है, लेकिन तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी, सरकारी अस्पताल में पहुंच रहे गरीब व्यक्ति इलाज कराने के रात में मरीज को पीएमसीएच रेफर कर देते हैं और ले जाने के लिए एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराते. बिहार में तेजस्वी यादव के दावा और स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोलने वाली. यह बेबसी और लाचारी की तस्वीर जीता जागता सबूत है.

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