ETV Bharat / state

हाजीपुर व्यवहार न्यायालय से लालू प्रसाद यादव को बेल, इस मामले में हैं आरोपी - Bail of Lalu prasad yadav

चारा घोटाला मामले के बाद जाति सूचक टिप्पणी के मामले में हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने लालू यादव को जमानत दी है. गैर जमानती धारा में वीडियो एपियरेंस के बाद लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली है. पढ़ें रिपोर्ट..

लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव
author img

By

Published : Apr 23, 2022, 6:30 PM IST

वैशालीः हाजीपुर कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दी है. वीडियो एपियरेंस के बाद नॉन बेलेबल सेक्शन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जमानत (Hajipur Court Grants Bail to Lalu Prasad Yadav) मिली है. गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के एक मामले में अदालत ने जमानत पर सुनवाई के बाद बेल दिया है. बताया गया कि गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के रसिया बिहारी में 27 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए जातिसूचक टिप्पणी की थी. जिसका वीडियो सामने आने के बाद सदर सर्किल इंस्पेक्टर निरंजन कुमार ने 29 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव पर मामला दर्ज किया था. जिसमें तीन धाराएं लगाई गई थी.

यह भी पढ़ें- Fodder Scam Case: लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत

दर्ज हुई थी एफआईआरः आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव पर लगाई गई तीन धाराओं में आईपीसी की एक धारा नॉन बेलेबल सेक्शन का भी लगाया गया था. इसके लिए पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू प्रसाद यादव की पेशी हुई थी. इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत दिया. लालू प्रसाद यादव की ओर से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि यह मामला 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के समय का है. आरजेडी की एक सभा में लालू प्रसाद यादव पर जातिगत टिप्पणी का आरोप लगाया गया था. कहा गया था कि इससे लोग मर्माहत हुए हैं. इसी मामले को लेकर एक एफआईआर गंगा पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था.

वीसी के जरिये हुई पेशीः चूंकि लालू प्रसाद यादव ऑलरेडी कस्टडी में थे, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी पेशी के बाद ही बेल फाइनल हो सकता था. इसीलिए पहले पेशी करायी गयी, इसके बाद हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम फर्स्ट अस्मिता राज की अदालत ने उन्हें जमानत दी है. एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि लालू प्रसाद यादव पर राजनीति के लिए जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. जिससे लोग आहत हुए थे. हालांकि हम इस बात का खंडन करते हैं. उन्होंने ऐसे किसी भी वर्ड का इस्तेमाल नहीं किया था, जिससे कोई आहत होगा. माना जा रहा है कि मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर लालू यादव ने टिप्पणी करते हुए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था.

देखें वीडियो

आ सकते हैं अच्छे दिनः उन्होंने आगे बताया कि लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. साथ ही रेल मंत्री भी रहे हैं व आरजेडी के नेशनल प्रेसिडेंट हैं. इसलिए कोर्ट को यह महसूस हुआ कि इनको बेल दिया जा सकता है. एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि इसी माह के 27 तारीख से मामले की सुनवाई होगी. जिस तरीके से झारखंड के एक मामले में पहले लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली. इसके बाद 10 सर्कुलर रोड में हुए इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और अब हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने भी एक मामले में लालू प्रसाद जमानत दे दी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

वैशालीः हाजीपुर कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दी है. वीडियो एपियरेंस के बाद नॉन बेलेबल सेक्शन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को जमानत (Hajipur Court Grants Bail to Lalu Prasad Yadav) मिली है. गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के एक मामले में अदालत ने जमानत पर सुनवाई के बाद बेल दिया है. बताया गया कि गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के रसिया बिहारी में 27 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव ने एक सभा को संबोधित करते हुए जातिसूचक टिप्पणी की थी. जिसका वीडियो सामने आने के बाद सदर सर्किल इंस्पेक्टर निरंजन कुमार ने 29 सितंबर 2015 को लालू प्रसाद यादव पर मामला दर्ज किया था. जिसमें तीन धाराएं लगाई गई थी.

यह भी पढ़ें- Fodder Scam Case: लालू यादव को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत

दर्ज हुई थी एफआईआरः आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव पर लगाई गई तीन धाराओं में आईपीसी की एक धारा नॉन बेलेबल सेक्शन का भी लगाया गया था. इसके लिए पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू प्रसाद यादव की पेशी हुई थी. इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत दिया. लालू प्रसाद यादव की ओर से केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि यह मामला 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के समय का है. आरजेडी की एक सभा में लालू प्रसाद यादव पर जातिगत टिप्पणी का आरोप लगाया गया था. कहा गया था कि इससे लोग मर्माहत हुए हैं. इसी मामले को लेकर एक एफआईआर गंगा पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था.

वीसी के जरिये हुई पेशीः चूंकि लालू प्रसाद यादव ऑलरेडी कस्टडी में थे, इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उनकी पेशी के बाद ही बेल फाइनल हो सकता था. इसीलिए पहले पेशी करायी गयी, इसके बाद हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम फर्स्ट अस्मिता राज की अदालत ने उन्हें जमानत दी है. एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि लालू प्रसाद यादव पर राजनीति के लिए जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था. जिससे लोग आहत हुए थे. हालांकि हम इस बात का खंडन करते हैं. उन्होंने ऐसे किसी भी वर्ड का इस्तेमाल नहीं किया था, जिससे कोई आहत होगा. माना जा रहा है कि मोहन भागवत के आरक्षण वाले बयान पर लालू यादव ने टिप्पणी करते हुए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था.

देखें वीडियो

आ सकते हैं अच्छे दिनः उन्होंने आगे बताया कि लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. साथ ही रेल मंत्री भी रहे हैं व आरजेडी के नेशनल प्रेसिडेंट हैं. इसलिए कोर्ट को यह महसूस हुआ कि इनको बेल दिया जा सकता है. एडवोकेट श्याम बाबू राय ने बताया कि इसी माह के 27 तारीख से मामले की सुनवाई होगी. जिस तरीके से झारखंड के एक मामले में पहले लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली. इसके बाद 10 सर्कुलर रोड में हुए इफ्तार पार्टी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और अब हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने भी एक मामले में लालू प्रसाद जमानत दे दी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.