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गंगाजल सोनपुर में घुसा बाढ़ का पानी, किसानों को सता रहा फसल खराब होने का डर - गंगाजल सोनपुर में घुसा गंगा का पानी

किसानों का आरोप है कि पिछले वर्ष सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला था. इलाके के लोगों ने बताया कि अभी भी कुछ किसान मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

किसानों को सता रहा फसल खराब होने का डर
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Published : Aug 27, 2019, 9:00 AM IST

वैशाली: गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण जिले मे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के गंगाजल में गंगा का पानी घुस चुका है. सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के 7 पंचायत क्षेत्रों को पहले से ही बाढ़ प्रभावित घोषित किया जा चुका है. वहीं, गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण हजारों किसानों की नींद उड़ी हुई है.

Vaishali
फसल दिखाता किसान

बर्बाद हो गई सब्जियां
गौरतलब है कि बीते दिनों किसानों ने गेंहू और धान की फसल लगाई थी. बारिश नहीं होने के चलते किसानों की हजारों की फसल बर्बाद हो गई. इस बार भी किसानों ने बचाकर रखे हुए पैसों से हरी सब्जियों की खेती की थी. वहीं, गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण किसानों को एक बार फिर फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.

किसानों को सता रहा फसल खराब होने का डर

नहीं मिला मुआवजा
किसानों की मानें तो पिछले वर्ष भी यहां बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई थी. खेतों में एक महीने तक पानी भरे रहने के कारण किसानों की फसल का काफी नुकसान हुआ था. वहीं, किसानों का आरोप है कि पिछले वर्ष सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला था. इलाके के लोगों ने बताया कि अभी भी कुछ किसान मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

Vaishali
दहशत में किसान

जवाब नहीं दे पाए जिम्मेदार
प्रखंड के कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि वे बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि गंगा के जलस्तर में सोमवार को कुछ हद तक कमी हुई है. वहीं, किसानों को पिछले वर्ष मुआवजा नहीं मिलने के सवाल का उन्होंने जवाब नहीं दिया. प्रखंड के कृषि समन्वयक गोपाल कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग के द्वारा किसानों की मदद करने को कहा गया था. विभाग द्वारा एक वर्ष में कुछ किसानों का डाटा बनवाया गया. उनके द्वारा दिये गए पासवार्ड नहीं खुलने से इसमें देरी हो रही है.

Vaishali
गंगा में बढ़ा पानी

वैशाली: गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण जिले मे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के गंगाजल में गंगा का पानी घुस चुका है. सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र के 7 पंचायत क्षेत्रों को पहले से ही बाढ़ प्रभावित घोषित किया जा चुका है. वहीं, गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण हजारों किसानों की नींद उड़ी हुई है.

Vaishali
फसल दिखाता किसान

बर्बाद हो गई सब्जियां
गौरतलब है कि बीते दिनों किसानों ने गेंहू और धान की फसल लगाई थी. बारिश नहीं होने के चलते किसानों की हजारों की फसल बर्बाद हो गई. इस बार भी किसानों ने बचाकर रखे हुए पैसों से हरी सब्जियों की खेती की थी. वहीं, गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण किसानों को एक बार फिर फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.

किसानों को सता रहा फसल खराब होने का डर

नहीं मिला मुआवजा
किसानों की मानें तो पिछले वर्ष भी यहां बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई थी. खेतों में एक महीने तक पानी भरे रहने के कारण किसानों की फसल का काफी नुकसान हुआ था. वहीं, किसानों का आरोप है कि पिछले वर्ष सरकार की ओर से कोई मुआवजा नहीं मिला था. इलाके के लोगों ने बताया कि अभी भी कुछ किसान मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

Vaishali
दहशत में किसान

जवाब नहीं दे पाए जिम्मेदार
प्रखंड के कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि वे बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि गंगा के जलस्तर में सोमवार को कुछ हद तक कमी हुई है. वहीं, किसानों को पिछले वर्ष मुआवजा नहीं मिलने के सवाल का उन्होंने जवाब नहीं दिया. प्रखंड के कृषि समन्वयक गोपाल कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग के द्वारा किसानों की मदद करने को कहा गया था. विभाग द्वारा एक वर्ष में कुछ किसानों का डाटा बनवाया गया. उनके द्वारा दिये गए पासवार्ड नहीं खुलने से इसमें देरी हो रही है.

Vaishali
गंगा में बढ़ा पानी
Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

गंगा के जल -स्तर में वृद्धि होने के चलते प्रदेश के सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित गंगाजल सहित सबलपुर के हजारों किसानों की नींद उड़ी हुई हैं।


Body:उतर भारत एवं हिमालय क्षेत्र में रुक - रुक हो रही लगातार वारिस होने के चलते प्रदेश के सारण जिले के सोनपुर प्रखण्ड के गंगाजल, सबलपुर सहित आधा दर्जन पंचायत में रहने वाले लोग बाढ़ को लेकर काफी भयभीत हो गए हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले किसानों की मानें तो गंगा नदी के किनारे उनका गाव हैं । उफनती गंगा के विकराल रूप से वे अंजान नही हैं। इस बार क्षेत्र के हजारों किसान अपने- अपने खेतों में लाखों रुपये खर्च करके हरा- साग- सब्जियां की खेती किये हैं। बाढ़ की आशंका करते हुए गंगाजल पंचायत के एक किसान ने बताया कि हरेक वर्ष वारिस के दिनों में इस क्षेत्र में गंगा नदी का पानी आने से उनका खेती तो प्रभावित होती ही हैं बल्कि उनका मवेशियों के लिये चारा भी बाढ़ में बह जाता हैं कइयों के घर भी टूट जाता हैं । इस बार भी यही आशंका को लेकर वह डर जाता हैं। मालूम हो कि यहा ज्यादातर किसान की आज भी जीविकापार्जन के लिये खेती पर आश्रित होना पड़ता हैं।

विदित हो कि किसानों को पूर्व में गेंहू और धान की खेती पानी नही होने के चलते हजारों की राशि बर्बाद हो चुकी हैं। इस बार घर मे बचा खुचा राशि से ये हरा-साग- सब्जियाँ की खेती कर यह आशा लगाए हुए थे कि बाढ़ इस बार नहीं आता हैं तो कुछ हद तक उन्हें सब्जियां बेचकर अपना नुकसान से उबरने का मदद मिलेंगी । पर गंगा नही उफान पर हैं। और इसमें जल स्तर समय पर घट और बढ़ रहा हैं। ऐसे में ये काफी आशंकित हैं ।

सोनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में 7 पंचायत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पूर्व से ही घोषित किये जा चुके हैं। पड़ताल करने पर सबलपुर के 4 पंचायत के पूर्वी, उतरी ,मध्य और वेस्ट बिल्कुल गंगा के समीप हैं ।गंगा नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी होने के चलते इससे क्षेत्र के पूर्वी सबलपुर पंचायत के कुछ हिस्सों के कटाव भी तेजी से हुआ था । वही गंगाजल, पहलेजा और रहर दियरा में कमोवेश यही नजारा हैं।

क्षेत्र में रहने वाले सैकडों किसानों की मानें तो पिछले वर्ष यहा बाढ़ की भीषण तबाही हुई थी ।पांच से छः फिट तक पानी एक महीना से कही ज्यादा समय तक होने से उनका फसल का भारी तौर पर नुकसान हुआ था पर उनका सरकार पर आरोप हैं कि सरकार द्वारा उन्हें आज तक नष्ट हुआ फसल की मुवावजा तक नही मिला । पड़ताल करने पर पता चला कि अपना मुवावजा लेने के लिये अभी भी किसान चक्कर लगा रहे हैं पूछने पर किसानों ने अपना व्यान भी दिया ।इस बाबत कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार और समन्वयक गोपाल कुमार ने दलील देते नजर आए ।

प्रखण्ड के कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि बाढ़ का आशंका से इंकार नही करता हु पर गंगा के जल- स्तर में सोमवार को कम होते देखा गया। वही उन्से यह पूछे जानें पर की पिछले वर्ष मुवावजा अभी तक क्यो नही मिला तो उनके पास इसका कोई जवाब नही था ।वही प्रखण्ड के कृषि समन्वयक गोपाल कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा इसके लिये मदद करने को उनसे कहा गया था पर विभाग द्वारा एक वर्ष में कुछ किसानों का डाटा बनवाया जरूर गया था पर उनके द्वारा दिये गए पसवार्ड नही खुलने से इसमे देरी हो रहा हैं।

जिला प्रशासन द्वारा अन्य कार्यक्रम को लेकर अनुमंडल में आकर सरकार की दूसरी जन कल्याणकारी योजना पर लंबी बैठक जरूर होती हैं ।पर इन गरीब किसानों की समस्या पर कोई सुध नही लेता ।


Conclusion:बहरहाल, क्षेत्र में गंगा नदी उफान पर हैं। इसका असर यहा रहनेवाले किसानों को जरूर होता दिखाई दे रहा हैं।

01. VO: स्टोरी PKG
बाइट: किसान
02. VO: स्टोरी
03. VO स्टोरी

PTC: संवाददाता , राजीव, वैशाली ।
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