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सोनपुर प्रखंड के सब्बलपुर पंचायत में गंगा का कटाव जारी, दहशत में है ग्रामीण

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Published : Oct 6, 2019, 4:42 PM IST

लोगों का कहना है कि गंगा के कटाव से बहुत तबाही हुई है. उत्तरी सब्बलपुर के चारो पंचायतों में चहारम के बाबा घाट, कुमार घाट, बड़ा शिवमंदिर घाट, बद्री घाट, महुआबाग घाट में अभी तक किसानों की 100 एकड़ जमीन कटाव में बह चुकी है.

गंगा का कटाव जारी

वैशाली: सोनपुर प्रखंड के सब्बलपुर पंचायत क्षेत्र में गंगा नदी का कटाव जारी है. इस कटाव से अभी तक क्षेत्र की 100 एकड़ जमीन, लाखों की फसल, 200 से ज्यादा शीशम, वृक्षदार फल के पेड़ और सैकड़ों घरों बर्बाद हो चुके हैं. सोनपुर प्रखण्ड के सभी सात दियारा प्रभावित क्षेत्र में अभी भी गंगा नदी का भारी कटाव हो रहा है. इससे क्षेत्र में रहने वाले हजारों ग्रामीण काफी डरे-सहमे हैं.

ganga erosion
दहशत में ग्रामीण

जनप्रतिनिधियों से जनता नाराज
लोगों का कहना है कि गंगा के कटाव से बहुत तबाही हुई हैं. उत्तरी सब्बलपुर के चारो पंचायतों में चहारम के बाबा घाट, कुमार घाट, बड़ा शिवमंदिर घाट, बद्री घाट, महुआबाग घाट में अभी तक किसानों की 100 एकड़ जमीन कटाव में बह चुकी है. प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हैं. जनप्रतिनिधियों से भी वे काफी नाराज हैं.

पेश है रिपोर्ट

एसडीओ का रटा-रटाया जवाब
अनुमंडल के एसडीओ शंभु शरण पांडेय ने बताया कि गंगा नदी के जल- स्तर में लगातार गिरावट आ रही हैं, बाढ़ पीड़ितों के लिये ये राहत की बात है. हालांकि उन्होंने माना कि कहा कि सब्बलपुर के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में भीषण कटाव होने से क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ी हुई हैं. गंगा नदी पर रिंग बांध के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी हैं. जल्द ही काम किया शुरू किया जाएगा.

वैशाली: सोनपुर प्रखंड के सब्बलपुर पंचायत क्षेत्र में गंगा नदी का कटाव जारी है. इस कटाव से अभी तक क्षेत्र की 100 एकड़ जमीन, लाखों की फसल, 200 से ज्यादा शीशम, वृक्षदार फल के पेड़ और सैकड़ों घरों बर्बाद हो चुके हैं. सोनपुर प्रखण्ड के सभी सात दियारा प्रभावित क्षेत्र में अभी भी गंगा नदी का भारी कटाव हो रहा है. इससे क्षेत्र में रहने वाले हजारों ग्रामीण काफी डरे-सहमे हैं.

ganga erosion
दहशत में ग्रामीण

जनप्रतिनिधियों से जनता नाराज
लोगों का कहना है कि गंगा के कटाव से बहुत तबाही हुई हैं. उत्तरी सब्बलपुर के चारो पंचायतों में चहारम के बाबा घाट, कुमार घाट, बड़ा शिवमंदिर घाट, बद्री घाट, महुआबाग घाट में अभी तक किसानों की 100 एकड़ जमीन कटाव में बह चुकी है. प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बना हैं. जनप्रतिनिधियों से भी वे काफी नाराज हैं.

पेश है रिपोर्ट

एसडीओ का रटा-रटाया जवाब
अनुमंडल के एसडीओ शंभु शरण पांडेय ने बताया कि गंगा नदी के जल- स्तर में लगातार गिरावट आ रही हैं, बाढ़ पीड़ितों के लिये ये राहत की बात है. हालांकि उन्होंने माना कि कहा कि सब्बलपुर के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में भीषण कटाव होने से क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ी हुई हैं. गंगा नदी पर रिंग बांध के सवाल पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी हैं. जल्द ही काम किया शुरू किया जाएगा.

Intro:लोकेशन : वैशाली ।
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा ।

: सोंनपुर प्रखण्ड के चारों सब्बलपुर पंचायत क्षेत्र में गंगा नदी के भारी कटाव जारी हैं। इस कटाव से अभी तक क्षेत्र के 100 एकड़ जमीन, लाखों की सब्जियां, 200 से ज्यादा शीशम, वृक्षदार फल का पेड़, सैकड़ों घरों सामहित हो चुके हैं।


Body:गंगा नदी अपने वापसी के समय भी अपना तांडव जारी रखी हुई हैं । मालूम हो कि सोंनपुर प्रखण्ड के सभी सात दियरा प्रभावित क्षेत्र में अभी भी गंगा नदी का भारी कटाव हो रहा हैं। इससे क्षेत्र में रहने वाले हजारों ग्रामीण जनता काफी डरे-सहमे हुए हैं। बतादें कि सबलपुर के चारों पंचायत में गंगा अपनी कटाव को जारी रखी हुई हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों की मानें तो अभी तक कटाव से लगभग 100 एकड़ जमीन से ज्यादा सामहित हो चुका हैं। और अभी भी जारी हैं। क्षेत्र के एक किसान की मानें तो उसका 5 बीघा जमीन, सैकड़ों शीशम और वृक्षदार फल के वृक्ष, उसके फसल, हरी-साग-सब्जियां सहित घर भी गंगा के कटाव से सामहित हो चुका हैं।

क्षेत्र के एक जागरूक सामाजिक कर्ता लालबाबू पटेल की मानें तो गंगा के द्वारा कटाव होने से बहुत तबाही हुई हैं ।उंसने बताया कि उतरी सब्बलपुर के चारो पंचायत में चहारम, के बाबा घाट, कुमार घाट, बड़ा शिवमंदिर घाट, बद्री घाट, महुआबाग घाट में अभी तक किसानों की 100 एकड़ जमीन कटाव में सामहित हो चुकी हैं।

गाव की ग्रामीण जनता की मानें तो प्रशासन इस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी हुई हैं। वहीं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से भी काफी नाराज हैं। मुकेश नामक एक युवा ग्रामीण ने बताया कि प्रशासन से लेकर स्थानीय विद्यायक यहा आकर सिर्फ कोरम पूरा कर फिर वापस चले जाते हैं। एक ग्रामीण ने यहा तक कह दिया कि क्षेत्र के सांसद इतने दिनों में झांकने तक नहीं आये ।

Etv भारत के प्रति ग्रामीणों की भरोषा बढ़ते जा रहा हैं। महुआबाग की दो पीड़ित महिलाओं ने भावुक होकर कहा कि उसके घर से लेकर सभी जमीन गंगा के कटाव में सामहित हो चुका हैं ।उंसने आगें बताया कि अब सब कुछ बर्बाद होने के बाद मुझे कौन खिलायेगा ।इसकी चिंता मुझे सत्ता रहीं हैं। दूसरी बुजुर्ग महिला बिलबिलाती हुई बोली कि अब क्या खाएंगे- पियेंगे ..? सब घर द्वार तो गंगा नदी के कटाव में चला गया ।

वहीं इस बाबत अनुमंडल के एसडीओ शंभुशरण पांडेय ने बताया कि गंगा नदी के जल- स्तर में लगातार गिरावट तो आ रहीं हैं। इससे बाढ़ पीडितों के लिये बड़ी राहत की बात हैं। उन्होंने आगें कहा कि सब्बलपुर के उत्तरी और पश्छमी क्षेत्र में कटाव भीषण होने से क्षेत्र के रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ी हुई हैं। हालांकि उनसे गंगा नदी पर रिंग बांध की मांग ग्रामीण जनता द्वारा किये जानें पर पूछने पर उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि मैने संबंधित विभाग के अधिकारी को अवगत कराया हैं। मालूम हो कि इनसे हमने एक सप्ताह पूर्व भी रिंग बांध की सवाल किया था तो उन्होंने रट्टा रटाया यही बात कही थी ।

प्रखण्ड क्षेत्र के चारो सब्बलपुर पंचायत में 30 हजार से कही ज्यादा आबादी हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण मूलतः गरीब किसान हैं। आबादी के 1/3 भाग खेती पर ही निर्भर हैं। यहा 2016 में भी बाढ़ की तबाही हुई थी ।इनके लाखों की फसल और सब्जियां बाढ़ के पानी से नुकशान हुआ था । जबकि इनमें से बहुत लोगों को मुवावजा अभी भी बाकी हैं ।


हरेक वर्ष गंगा और गंडक नदी के बढ़े जल-स्तर से इनके खेतों में पानी आने से इनकी लाखों की सब्जियां नष्ट होती हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग गंगा नदी में रिंग बांध की मांग की लड़ाई बहुत वर्षो से मांग करते आ रहे हैं।

सांसद से लेकर स्थानीय विधायक इनकी समस्याओं को दूर करने के लिये प्रयास नहीं किया ।इससे यह हजारों ग्रामीण जनता इनसे काफी खफा रहते हैं।

मालूम हो कि प्रखण्ड के आधे दर्जन से ज्यादा क्षेत्र में दियरा पंचायत पड़ता हैं।
चुनाव में नदी पर रिंग बांध का मुद्दा भी बनता हैं ।पर चुनाव जीतने के बाद इन ग्रामीण जनता की समस्या को दूर करने की बात छोड़िए, क्षेत्र में सांसद अभी तक दिखाई नहीं दिए ।वही स्थानित विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में गए तो जरूर पर सिर्फ आश्वासन देकर लौट गये ।


Conclusion:बहरहाल, गंगा नदी के जल -स्तर में तेजी से गिरावट होने का तो कार्य हो रहा हैं ।पर गंगा की वापसी के बाद से जैसे- जैसे पानी का लेवल नीचे हो रहा हैं ।कटाव भी तेज होता जा रहा हैं। इससे क्षेत्र में रहने वाले हजारो ग्रामीण जनता एक बार फिर से डरी- सहमी हैं।

01. VO: स्टोरी ।

ओपन: PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।

बाइट: स्थानीय जनता
कुल संख्या: 5

02- VO: स्टोरी ।

बाइट: शंभुशरण पांडेय, एसडीओ, सोंनपुर अनुमंडल ।

03. VO: स्टोरी ।

CLOSE PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।

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