वैशाली: गलवान घाटी में शहीद हुए जय किशोर के पिता की जमानत याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी. स्पेशल जज की तबीयत खराब होने के कारण अदालती कार्रवाई नहीं हुई. अब 2 मार्च पर सुनवाई होगी. शहीद जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह के केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट जय प्रकाश सिंह ने बताया कि स्पेशल जज के यहां बेल की सुनवाई होनी थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब होने से सुनवाई नहीं हो सकी है.
इसे भी पढ़ेंः Vaishali news: गलवान घाटी में शहीद के पिता को पुलिस कैसे गिरफ्तार कर ले गयी, देखिये VIDEO
बिना साक्ष्य के आरोपः एडवोकेट जय प्रकाश सिंह ने बताया कि इस मामले में सीओ को आवेदन दिया गया था कि शहीद की प्रतिमा स्थल के पास बनायी जा रही है. जिसको लेकर सीओ को कंप्लेंट दाखिल हुआ था. अगर किसी आदेश का पालन नहीं हुआ था तो भी यह मामला अलग था. थाना प्रभारी को प्रतिवेदन के आधार पर निषेधाज्ञा लागू करना चाहिए था. वहां पुलिस की बहाली होनी चाहिए थी, अगर कुछ ऐसा हो रहा था तो. लेकिन थाना प्रभारी ने मामला दर्ज किया और उसमें रंगदारी मांगने सहित कई धाराओं में आरोप लगाया. इस वजह से एक शहीद के पिता जेल में हैं.
जमीन सरकारी हैः हाजीपुर व्यवहार न्यायालय पिता के केस के सिलसिले में पहुंचे शहीद के भाई नंदकिशोर कुमार ने बताया कि उनके पास साक्ष्य है, जिसमें अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी के सिग्नेचर हैं. जिसमें लिखा गया है कि जमीन सरकारी है. नंद किशोर ने बताया कि डीएसपी मैडम ने कहा था कि 15 दिन का समय देती हूं, मूर्ति हटा लीजिए नहीं तो मूर्ति उठाकर पोखर में फेंक देंगे. लेकिन उन्होंने भी एफआईआर की बात नहीं बताई थी.
इसे भी पढ़ेंः Galwan Martyred Father Arrested: राजनाथ सिंह ने नीतीश से की बात, गलवान शहीद के पिता की गिरफ्तारी पर सियासी बवाल
एक साल पहले लगी थी प्रतिमाः शहीद की प्रतिमा निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गलवान घाटी में शहीद हुए जय किशोर की प्रतिमा 1 साल पहले लगी थी. जिसको हटाने के लिए प्रशासन की ओर से बोला जा रहा था. जबकि वह जमीन स्कूल की है. अंचलाधिकारी और थाना अध्यक्ष का रिपोर्ट भी है, जिसमें लिखा है कि प्रतिमा का निर्माण सरकारी भूमि में हो रहा है. बता दें कि बीते दिनों शहीद जय किशोर के पिता राज कपूर सिंह को जंदाहा पुलिस ने देर रात छापेमारी कर गिरफ्तार लिया था. उन पर एस-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. वही इस विषय पर वैशाली एसपी मनीष ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया है.
"मेरे पास प्रूफ है जिसमें क्लियर लिखा हुआ है कि शहीद स्मारक का निर्माण सरकारी भूमि में किया गया है. उसमें थाना प्रभारी साहब और अंचला अधिकारी साहब का सिग्नेचर है. प्रशासन से पूछना चाहता है कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है. किसी भी शहीद के परिवार के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए. हम लोगों को कोई जानकारी भी नहीं हुई एफआईआर के बारे में"- नंद किशोर कुमार, शहीद के भाई
आज स्पेशल जज के यहां बेल की सुनवाई होनी थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब होने से सुनवाई नहीं हो सकी. आगे इसकी सुनवाई होगी. रंगदारी मांगने जैसी धारा लगाया गया है लेकिन बताया नहीं कि रंगदारी कैसे मांगी गयी, कब मांगी गयी. थाना के द्वारा कई धाराओं में आरोप लगाया गया है जिसका कोई साक्ष्य नहीं है. इस वजह से एक शहीद के पिता जेल में हैं"-जय प्रकाश सिंह, एडवोकेट