वैशाली: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का कहर जारी है. जीवनदायिनी गंगा की तेज उफनाती धाराएं सभी को डरा रही हैं. इसी बीच वैशाली से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है. एक गजराज (हाथी) अपने महावत (हाफिज) के साथ गंगा के बीचों बीच तेज धार में फंस (Elephant Trapped In River Ganga In Vaishali) गया लेकिन हाथी को अपनी जान की नहीं बल्कि अपने मालिक (महावत) की जान की चिंता थी. गजराज ने पानी की धार को पछाड़ते हुए महावत (Elephant Saved Mahout Life In Vaishali) को सुरक्षित बाहर निकाला.
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नदी की तेज धार में फंसा हाथी: गंगा (Video of elephant trapped in Ganga) की तेज उफनती धार के बीच हाथी और उस पर बैठे महावत (Mahout trapped in Ganga) का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो महावत और हाथी के द्वारा नदी की तेज धार से की जा रही जंग और फिर जीत को दर्शाता है. वायरल वीडियो में साफ तौर से दिखाई दे रहा है कि किस तरह अपने महावत को लेकर जा रहा हाथी नदी की तेज धार में घाट किनारे जाने का प्रयास कर रहा है. पानी की धारा इतनी तेज है कि कई बार ऐसा लगता है जैसे हाथी नदी में डूब गया हो लेकिन हर बार हाथी फिर से नदी के जलस्तर से ऊपर आ जाता है.
हाथी ने बचाई महावत की जान: कई प्रयासों के बाद नदी की धारा के विपरीत हाथी अपने ऊपर बैठे महावत को नदी पार कराने के प्रयास में सफल हो जाता है. यह घटना इतनी रोमांचक थी कि घाट किनारे के लोग मोबाइल पर इसका वीडियो बनाने से खुद को रोक नहीं सके. लोगों ने हाथी के हिम्मत और जज्बे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसे काफी सराहा जा रहा है.
नदी में फंसे महावत और हाथी का वीडियो वायरल: वीडियो के बारे में बताया जाता है कि राघोपुर थाना क्षेत्र के रुस्तमपुर घाट से पटना जेठूई घाट की ओर जाने के लिए हाथी पर सवार होकर महावत ने उसे गंगा नदी में उतारा था लेकिन जैसे ही हाथी नदी पार कर रहा था, नदी की धारा तेज होती चली गई. इस दौरान धाराओं के बीच हाथी डूबने लगा. वीडियो में ऐसा लग रहा है जैसे हाथी अब धाराओं के बीच डूब जाएगा लेकिन फिर चंद सेकेंड के बाद ही हाथी तैरता हुआ नदी से बाहर निकल आता है. इस दौरान हाथी के ऊपर बैठा महावत भी कुशलता का अद्भुत परिचय देते हुए हाथी के ऊपर तब भी बैठा हुआ ही रहता है.
उफान पर है गंगा: वीडियो में कई बार ऐसा लग रहा है कि हाथी पानी से निकल नहीं सकेगा लेकिन हाथी और उसके महावत ने हिम्मत नहीं हारी और पानी से बाहर आ गए. गंडक नदी में वाल्मीकि बराज से छोड़े गए पानी के कारण गंगा नदी भी उफान पर है. हाजीपुर कोनहारा घाट के पास गंडक और गंगा का संगम स्थल है. यहां गंडक का पानी गंगा में समाहित हो जाता है. पानी गंगा नदी में इतना बढ़ जाता है कि पटना से राघोपुर को जोड़ने वाला पीपा पुल हटा दिया जाता है. इन हालातों में लोग जान जोखिम में डाल कर नाव से नदी पार करते हैं.
1 किलोमीटर का सफर तय कर बचाई जान: जानकारी के मुताबिक महावत के साथ हाथी रुस्तमपुर घाट से जेठूई घाट पटना की ओर जाने के लिए गंगा नदी में घुसा था. यह वीडियो मंगलवार का बताया जा रहा है. जब हाथी नदी को तैरकर पार कर रहा था तब नदी में पानी थोड़ा कम था लेकिन अचानक ही पानी बढ़ जाने पर हाथी नदी की तेज धारा में फंस गया. लगभग 1 किलोमीटर के सफर में कई बार ऐसा लगा कि हाथी नदी की तेज धारा में बह जाएगा लेकिन हाथी ने न सिर्फ अपनी जान बचाई बल्कि अपने महावत को भी सकुशल नदी के उस पार पहुंचा दिया.
महावत ने भी दिखायी बहादुरी: इस पूरी प्रक्रिया में महावत की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण नजर आई. बगैर अपना धैर्य खोए हुए महावत लगातार हाथी पर सवार रहा. कभी उसके कान को पकड़कर उसने संतुलन बनाया तो कभी उसके गले में पैर फंसा कर. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि महावत हाफिज हाथी का हौसला बढ़ा रहा है. इस विकट परिस्थिति में दोनों ही एक दूसरे के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए थे, तभी तो असंभव सी दिखने वाली मंजिल को दोनों ने हासिल कर लिया.
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