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'Indian Railway में नौकरी नहीं' सोशल मीडिया पर चल रही खबर को CPRO ने बताया गलत, बोले- 'हर साल मिलती है डेढ़ लाख नौकरी' - Etv Bharat Bihar

Railway Recruitment On Social Media: बिहार के वैशाली में सोशल मीडिया पर रेलवे भर्ती को लेकर भ्रामक खबर चल रही है. पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने इसे गलत करार दिया है. उन्होंने बताया कि रेलवे में नौकरी नहीं होने की खबर झूठी है.

रेलवे में नौकरी
रेलवे में नौकरी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 10, 2023, 9:08 AM IST

वीरेंद्र कुमार सीपीआरओ, पूमरे हाजीपुर

वैशालीः भारतीय रेलवे के लिए इन दिनों सोशल मीडिया सिर दर्द बना हुआ है. 'रेलवे में नौकरी नहीं है, कम हो रही भर्ती' जैसी खबर सोशल मीडिया पर चल रही है. जिससे पब्लिक डोमेन में रेलवे की काफी किरकिरी (Railway recruitment on social media in Vaishali Is Fake) हो रही है. लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. इस तरह का पोस्ट सामने आने के बाद रेलवे ने खुलकर मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा. सोशल मीडिया की खबरों का खंडन कर उसे मात्र अफवाह बताया है.

'सोशल मीडिया की खबर गलत': पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें चलने लगी है कि इन दिनों रेलवे में भर्ती कम हो रही है. यह सरासर गलत है. उन्होंने बताया कि 2004 से 2014 के बीच भारतीय रेल ने चार लाख 11 हजार लोगों को नियुक्ति दिया है. 10 वर्षों में 14 से 23 के बीच में 5 लाख नौकरियां दी गई.

'35 लाख नौकरियां आएगी': उन्होंने बताया कि जब 2 साल से हमलोग कोविड से जूझ रहे थे और हमारे पास कोई डिमांड नहीं थी. हमारा जो रेट ऑफ अपॉइंटमेंट है, एनुअली 9000 प्रति वर्ष से ज्यादा है. यह रिक्रूटमेंट तो डायरेक्ट रेलवे दे रही है. 2.40 लाख करोड़ रेलवे के कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट है, जिससे करीब 35 लाख नौकरियां जनरेट होगी.

'पिछले साल 4 लाख रोजगार पैदा हुआ': 1 किलोमीटर रेल ट्रैक बनता है तो 33 हजार मैन पॉवर क्रिएट होता है. पिछले वर्ष हम लोगों ने सिर्फ ईसीआर में 95 किलोमीटर नई लाइन लगाई. 463 किलोमीटर दोहरी कारण, 130 किलोमीटर अमान परिवर्तन, 484 किलोमीटर अन्य काम था. इसके अलावे भी हम लोगों ने बहुत सारे काम किए हैं. पिछले गत वर्ष हमने 4 लाख रोजगार पैदा किया गया था.

'हर दिन हजारों लाखों रोजगार मिल रहे': सीपीआरओ ने बताया कि हम लोगों ने एनटीपीसी के माध्यम से जो एग्जाम कराए थे, उसमें एक करोड़ से ज्यादा अप्लाई हुआ था. प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हर वर्ष, हर महीने, हर दिन हजारों लाखों रोजगार पैदा किए जा रहे हैं. कुछ भ्रामक खबरें चलने लगी कि इन दोनों रेलवे में भर्ती कम होने लगी है.

"सोशल मीडिया पर यह खबर आ रही है कि रेलवे में नौकरी नहीं है. रेलवे में भर्ती नहीं हो रही अथवा कम हो रही है. यह सरासर भ्रामक खबर है. रेलवे में लगातार नौकरियां मिल रही है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप से रेलवे लोगों को रोजगार दे रहा है." - वीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ, पूमरे हाजीपुर

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वीरेंद्र कुमार सीपीआरओ, पूमरे हाजीपुर

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'सोशल मीडिया की खबर गलत': पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें चलने लगी है कि इन दिनों रेलवे में भर्ती कम हो रही है. यह सरासर गलत है. उन्होंने बताया कि 2004 से 2014 के बीच भारतीय रेल ने चार लाख 11 हजार लोगों को नियुक्ति दिया है. 10 वर्षों में 14 से 23 के बीच में 5 लाख नौकरियां दी गई.

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'पिछले साल 4 लाख रोजगार पैदा हुआ': 1 किलोमीटर रेल ट्रैक बनता है तो 33 हजार मैन पॉवर क्रिएट होता है. पिछले वर्ष हम लोगों ने सिर्फ ईसीआर में 95 किलोमीटर नई लाइन लगाई. 463 किलोमीटर दोहरी कारण, 130 किलोमीटर अमान परिवर्तन, 484 किलोमीटर अन्य काम था. इसके अलावे भी हम लोगों ने बहुत सारे काम किए हैं. पिछले गत वर्ष हमने 4 लाख रोजगार पैदा किया गया था.

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"सोशल मीडिया पर यह खबर आ रही है कि रेलवे में नौकरी नहीं है. रेलवे में भर्ती नहीं हो रही अथवा कम हो रही है. यह सरासर भ्रामक खबर है. रेलवे में लगातार नौकरियां मिल रही है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूप से रेलवे लोगों को रोजगार दे रहा है." - वीरेंद्र कुमार, सीपीआरओ, पूमरे हाजीपुर

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