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यूक्रेन में फंसे बच्चों के परिजनों से वैशाली DM ने की मुलाकात, 33 छात्रों की सकुशल वापसी का दिया आश्वासन

वैशाली जिले के करीब 33 बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इनमें से ज्यादातर बच्चे भारत आने के लिए ऑन द वे हैं. ऐसे में बच्चों के परिजनों से वैशाली डीएम (Vaishali DM Udita Singh ) ने मुलाकात कर सभी बच्चों के घर वापसी का भरोसा दिलाया है. पढ़िए पूरी खबर..

DM Udita Singh met families of Vaishali students stuck in Ukraine
DM Udita Singh met families of Vaishali students stuck in Ukraine
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Published : Mar 1, 2022, 5:47 PM IST

वैशाली: रूस यूक्रेन युद्ध के बाद यूक्रेन में फंसे वैशाली (Vaishali students stuck in Ukraine) जिले के बच्चों के परिजनों से वैशाली डीएम उदिता सिंह ने एक औपचारिक मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान डीएम ने परिजनों से बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी ली है. बताया गया कि, आपदा प्रबंधन विभाग पटना से फोन पर यूक्रेन में फंसे बच्चों के परिजनों की बातचीत हुई थी. जिसके बाद वैशाली डीएम ऑफिस से सभी परिजनों को कॉल कर डिटेल्स मांगा गया था और फिर एक बैठक आयोजित कर परिजनों को बुलाया गया था.

पढ़ें: यूक्रेन से सकुशल लौटा सारण का अनमोल, परिवार में खुशी का माहौल

बैठक में वैशाली डीएम उदिता सिंह से सभी परिजनों की बातचीत हुई. इस विषय में एक परिजन डॉक्टर रामाकांत ठाकुर ने बताया कि उनकी पुत्री सुप्रिया अंजलि यूक्रेन (33 students of Vaishali stranded in Ukraine) से भारत आने के रास्ते में ऑन द वे है. रोमानिया बॉर्डर क्रॉस कर चुकी है. वहीं डीपीआरओ ज्ञानेश्वर प्रकाश के द्वारा बताया गया कि डीएम ऑफिस में जिलाधिकारी और रोमानिया में फंसे बच्चों के परिजनों से सकारात्मक बातचीत की गई है. सभी परिजनों को तमाम तरह के नंबर दे दिए गए हैं. साथ ही बच्चों का डिटेल्स भी लिया गया है. इसमें एक जिला नियंत्रण कक्ष का नंबर भी दिया गया है. भारत पहुंचने के बाद सभी बच्चों को बिहार सरकार द्वारा घर तक छोड़ने की योजना है.

पढ़ें: सोमवार को यूक्रेन में फंसे 28 छात्र पहुंचे पटना, कहा- 'सरकार को धन्यवाद.. वहां बदतर हैं हालात'

यूक्रेन रूस युद्ध के दौरान भारी बमबारी की बात सामने आने के बाद वैशाली जिले के उन बच्चों के परिजन भी सशंकित हो गए हैं जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. हालांकि राहत की बात यह बताई जा रही है कि यह बच्चे भारत लौटने के लिए ऑन द वे हैं और उम्मीद की जा रही है कि बस घर वापस आ जाएंगे.

"परिजनों को आश्वासन दिया गया और बताया गया कि फिलहाल बच्चे का प्रोपर लोकेशन कहां है, बच्चे कहां रह रहे हैं, किन हालातों में हैं. कहा गया कि किसी भी तरह की कोई भी समस्या होने पर शेयर करें, इसके लिए फॉर्मेट तैयार किया गया है. बच्चे का डिटेल नंबर के साथ देना है. हमें एक नंबर दिया गया था जिसमें हमने आपदा प्रबंधन पटना को कॉल किया था जिसके बाद डीएम ने हमें यहां मुलाकात करने के लिए बुलाया था"- डॉक्टर रामाकांत ठाकुर, यूक्रेन में फंसी छात्रा के परिजन

पढ़ें- यूक्रेन से लौटे छात्र ने कहा- हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं, दूसरे देश अपने नागरिकों को निकालने में पिछड़े

बता दें कि यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की बमबारी में मौत हो गई है. इस घटना के बाद सभी परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. बमबारी की चपेट में आने से भारतीय छात्र की मौत की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर दी है. इस दुखद समाचार को उन्होंने साझा किया. बागची ने ट्वीट किया, 'हम गहरे दुख के साथ पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई. विदेश मंत्रालय पीड़ित परिवार के संपर्क में है. हम परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.'

पढ़ें: यूक्रेन से पटना पहुंचा छात्रों का तीसरा जत्था, कहा- 'बहुत भीषण हो रहा युद्ध'

दरअसल यूक्रेन में फंसे लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल जारी (Helpline Number and Email) किया है. हेल्प लाइन में अब तक 480 लोगों ने संपर्क किया है. हेल्प लाइन सात दिन 24 घंटे काम कर रही है. बिहार फाउंडेशन की माध्यम से मुंबई और स्थानिक आयुक्त द्वारा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. हेल्प डेस्ट द्वारा बिहार के छात्रों एवं आगंतुकों की पहचान कर उन्हें रिसीव किया जा रहा है. अब तक मुंबई से पांच और दिल्ली से 48 कुल 53 छात्रों को राज्य सरकार के खर्च पर विमान से पटना लाया गया है और यहां से सरकारी सुविधा से उनके घर भेजा गया है.

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वैशाली: रूस यूक्रेन युद्ध के बाद यूक्रेन में फंसे वैशाली (Vaishali students stuck in Ukraine) जिले के बच्चों के परिजनों से वैशाली डीएम उदिता सिंह ने एक औपचारिक मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान डीएम ने परिजनों से बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी ली है. बताया गया कि, आपदा प्रबंधन विभाग पटना से फोन पर यूक्रेन में फंसे बच्चों के परिजनों की बातचीत हुई थी. जिसके बाद वैशाली डीएम ऑफिस से सभी परिजनों को कॉल कर डिटेल्स मांगा गया था और फिर एक बैठक आयोजित कर परिजनों को बुलाया गया था.

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बैठक में वैशाली डीएम उदिता सिंह से सभी परिजनों की बातचीत हुई. इस विषय में एक परिजन डॉक्टर रामाकांत ठाकुर ने बताया कि उनकी पुत्री सुप्रिया अंजलि यूक्रेन (33 students of Vaishali stranded in Ukraine) से भारत आने के रास्ते में ऑन द वे है. रोमानिया बॉर्डर क्रॉस कर चुकी है. वहीं डीपीआरओ ज्ञानेश्वर प्रकाश के द्वारा बताया गया कि डीएम ऑफिस में जिलाधिकारी और रोमानिया में फंसे बच्चों के परिजनों से सकारात्मक बातचीत की गई है. सभी परिजनों को तमाम तरह के नंबर दे दिए गए हैं. साथ ही बच्चों का डिटेल्स भी लिया गया है. इसमें एक जिला नियंत्रण कक्ष का नंबर भी दिया गया है. भारत पहुंचने के बाद सभी बच्चों को बिहार सरकार द्वारा घर तक छोड़ने की योजना है.

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यूक्रेन रूस युद्ध के दौरान भारी बमबारी की बात सामने आने के बाद वैशाली जिले के उन बच्चों के परिजन भी सशंकित हो गए हैं जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं. हालांकि राहत की बात यह बताई जा रही है कि यह बच्चे भारत लौटने के लिए ऑन द वे हैं और उम्मीद की जा रही है कि बस घर वापस आ जाएंगे.

"परिजनों को आश्वासन दिया गया और बताया गया कि फिलहाल बच्चे का प्रोपर लोकेशन कहां है, बच्चे कहां रह रहे हैं, किन हालातों में हैं. कहा गया कि किसी भी तरह की कोई भी समस्या होने पर शेयर करें, इसके लिए फॉर्मेट तैयार किया गया है. बच्चे का डिटेल नंबर के साथ देना है. हमें एक नंबर दिया गया था जिसमें हमने आपदा प्रबंधन पटना को कॉल किया था जिसके बाद डीएम ने हमें यहां मुलाकात करने के लिए बुलाया था"- डॉक्टर रामाकांत ठाकुर, यूक्रेन में फंसी छात्रा के परिजन

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बता दें कि यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की बमबारी में मौत हो गई है. इस घटना के बाद सभी परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. बमबारी की चपेट में आने से भारतीय छात्र की मौत की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर दी है. इस दुखद समाचार को उन्होंने साझा किया. बागची ने ट्वीट किया, 'हम गहरे दुख के साथ पुष्टि करते हैं कि आज सुबह खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की जान चली गई. विदेश मंत्रालय पीड़ित परिवार के संपर्क में है. हम परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.'

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दरअसल यूक्रेन में फंसे लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और ई-मेल जारी (Helpline Number and Email) किया है. हेल्प लाइन में अब तक 480 लोगों ने संपर्क किया है. हेल्प लाइन सात दिन 24 घंटे काम कर रही है. बिहार फाउंडेशन की माध्यम से मुंबई और स्थानिक आयुक्त द्वारा नई दिल्ली एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. हेल्प डेस्ट द्वारा बिहार के छात्रों एवं आगंतुकों की पहचान कर उन्हें रिसीव किया जा रहा है. अब तक मुंबई से पांच और दिल्ली से 48 कुल 53 छात्रों को राज्य सरकार के खर्च पर विमान से पटना लाया गया है और यहां से सरकारी सुविधा से उनके घर भेजा गया है.

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