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हाजीपुर की दिव्या झा का शूटिंग रेंज के इंडियन टीम ट्रायल में चयन, कहा- 'देश को गोल्ड दिलाना मेरा सपना'

वैशाली के हाजीपुर की 14 वर्षीय दिव्या झा (Divya Jha of Hajipur) का चयन शूटिंग रेंज के इंडियन टीम ट्रायल में हुआ है. 64वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में उम्दा प्रदर्शन को देखते हुए इस नन्ही खिलाड़ी का चयन हुआ है. दिव्या का सपना देश के लिए गोल्ड मेडल लाने का है. पढ़िए पूरी खबर..

Vaishali Shooter Divya Jha
Vaishali Shooter Divya Jha
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Published : Feb 11, 2022, 8:08 PM IST

वैशाली: पापा मम्मी के साथ मेला घूमने गई एक छोटी सी बच्ची ने बैलून फोड़ने की ज़िद की थी. पापा से इजाजत मिली तो भाड़े के एयर गन से बैलून फोड़ने लगी. निशाना इतना सटीक था कि, सभी ने खूब तारीफ की. लेकिन तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि, मेले में बैलून पर निशाना लगाने वाली यह बच्ची एक दिन स्टेट, जोन और फिर नेशनल मेडल पर भी निशाना लगाएगी. वैशाली जिले की हाजीपुर की रहने वाली 14 वर्षीय दिव्या झा (Indian team trial of shooting range) की चर्चा आज सभी की जुबान पर है.

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दिव्या ( Vaishali Shooter Divya Jha) ने अपने शहर के साथ ही पूरे सूबे का नाम रोशन किया है. इस नन्ही छात्रा ने शूटिंग की इंडियन टीम ट्रायल में अपनी जगह बनाई है. दिव्या झा ने 2021 के 64वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. यही कारण है कि, इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए इनका चयन इंडियन टीम में ट्रायल के लिए हुआ किया गया है.

अब दिव्या दिल्ली में होने वाले इंडियन टीम ट्रायल के 10 मीटर शूटिंग रेंज में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी. दिव्या का चयन 10 मीटर एयर पिस्टल युथ वुमेन टीम ट्रायल के लिए किया गया है. दिव्या अपने पूरे परिवार के साथ हाजीपुर में रहती है. उनके पिता का नाम रविन्द्र कुमार झा जो पेशे से अकाउंटेंट हैं और मां सीमा झा गृहणी है. दिव्या के शौक ने उन्हें एक नई पहचान दी है, जिससे पूरा परिवार फूले नहीं समा रहा है.

दिव्या अपने देश को ओलंपिक में गोल्ड दिलाना चाहती है. 14 साल की छोटी सी उम्र में शूटिंग के इस सफर के बारे में दिव्या ने बताया कि, वह मेले में गई थी और उसे एयर गन से बैलून फोड़ने का शौक हुआ. उनका निशाना इतना सटीक था कि, वहां मौजूद सभी लोगों ने आश्चर्य किया था. दिव्या बताती हैं कि, उन्हें पता भी नहीं था कि शूटिंग का भी कोई गेम होता है.

पढ़ें- लिस्ट में अपना नाम देखा तो काजल की आखों में आ गए आंसू , कहा- माता पिता के विश्वास का है यह फल

"जब कॉमनवेल्थ में श्रेयसी सिंह ने गोल्ड मेडल जीता तब मुझे पता चला कि यह भी स्पोर्ट्स में शामिल है. इसके बाद मैंने शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी. घर वालों ने भी भरपूर साथ दिया. शांति से शूटिंग कर सकूं इसके लिए आस-पड़ोस के लोगों ने भी पूरा सपोर्ट किया है. अपनी पढ़ाई और शूटिंग के लिए अलग-अलग समय बनाया हुआ है. 2 घंटे के करीब शूटिंग का अभ्यास करतीं हूं."- दिव्या झा, छात्रा

पढ़ें- बिटिया हो तो विनीता जैसी: पहले SI बनकर नाम किया रोशन, अब BPSC पास कर बनी अधिकारी

उन्होंने शूटिंग की रेंज में स्टेट चैंपियन होने के बाद जोनल के मैच में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. इसके बाद उनका चयन 64वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप के लिए हुआ था, जहां उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अब इंडियन टीम ट्रायल कैंप में शामिल किया गया है. दिव्या ने आगे बताया कि, शुरुआती समय में वह घर पर ही अभ्यास करती थी. बाद में वह पटना के मगध राइफल क्लब जाकर अभ्यास करने लगी.

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वैशाली: पापा मम्मी के साथ मेला घूमने गई एक छोटी सी बच्ची ने बैलून फोड़ने की ज़िद की थी. पापा से इजाजत मिली तो भाड़े के एयर गन से बैलून फोड़ने लगी. निशाना इतना सटीक था कि, सभी ने खूब तारीफ की. लेकिन तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि, मेले में बैलून पर निशाना लगाने वाली यह बच्ची एक दिन स्टेट, जोन और फिर नेशनल मेडल पर भी निशाना लगाएगी. वैशाली जिले की हाजीपुर की रहने वाली 14 वर्षीय दिव्या झा (Indian team trial of shooting range) की चर्चा आज सभी की जुबान पर है.

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दिव्या ( Vaishali Shooter Divya Jha) ने अपने शहर के साथ ही पूरे सूबे का नाम रोशन किया है. इस नन्ही छात्रा ने शूटिंग की इंडियन टीम ट्रायल में अपनी जगह बनाई है. दिव्या झा ने 2021 के 64वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था. यही कारण है कि, इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए इनका चयन इंडियन टीम में ट्रायल के लिए हुआ किया गया है.

अब दिव्या दिल्ली में होने वाले इंडियन टीम ट्रायल के 10 मीटर शूटिंग रेंज में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी. दिव्या का चयन 10 मीटर एयर पिस्टल युथ वुमेन टीम ट्रायल के लिए किया गया है. दिव्या अपने पूरे परिवार के साथ हाजीपुर में रहती है. उनके पिता का नाम रविन्द्र कुमार झा जो पेशे से अकाउंटेंट हैं और मां सीमा झा गृहणी है. दिव्या के शौक ने उन्हें एक नई पहचान दी है, जिससे पूरा परिवार फूले नहीं समा रहा है.

दिव्या अपने देश को ओलंपिक में गोल्ड दिलाना चाहती है. 14 साल की छोटी सी उम्र में शूटिंग के इस सफर के बारे में दिव्या ने बताया कि, वह मेले में गई थी और उसे एयर गन से बैलून फोड़ने का शौक हुआ. उनका निशाना इतना सटीक था कि, वहां मौजूद सभी लोगों ने आश्चर्य किया था. दिव्या बताती हैं कि, उन्हें पता भी नहीं था कि शूटिंग का भी कोई गेम होता है.

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"जब कॉमनवेल्थ में श्रेयसी सिंह ने गोल्ड मेडल जीता तब मुझे पता चला कि यह भी स्पोर्ट्स में शामिल है. इसके बाद मैंने शूटिंग की तैयारी शुरू कर दी. घर वालों ने भी भरपूर साथ दिया. शांति से शूटिंग कर सकूं इसके लिए आस-पड़ोस के लोगों ने भी पूरा सपोर्ट किया है. अपनी पढ़ाई और शूटिंग के लिए अलग-अलग समय बनाया हुआ है. 2 घंटे के करीब शूटिंग का अभ्यास करतीं हूं."- दिव्या झा, छात्रा

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उन्होंने शूटिंग की रेंज में स्टेट चैंपियन होने के बाद जोनल के मैच में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. इसके बाद उनका चयन 64वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप के लिए हुआ था, जहां उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें अब इंडियन टीम ट्रायल कैंप में शामिल किया गया है. दिव्या ने आगे बताया कि, शुरुआती समय में वह घर पर ही अभ्यास करती थी. बाद में वह पटना के मगध राइफल क्लब जाकर अभ्यास करने लगी.

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