सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज 10 नवम्बर को हुआ. इसका उद्घाटन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने किया. सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से मेले में जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई. हालांकि 2 दिन बाद ही नदी घाटों की हालत दयनीय हो गई है. नदी घाट पर कूड़े का अंबार पसरा है.
सोनपुर का महत्वपूर्ण कालीघाट पर प्रशासन की घोर लापरवाही देखी जा सकती है. यहां घाट परिसर में कूड़े-कचरे का अंबार है. दूसरी तरफ चापाकल, शौचालय की भी कमी है. बता दें कि इस घाट पर दूर दराज से साधु संत पूजा करने आते हैं. लेकिन घाट पर फैली गंदगी बदबू देने लगी है. जिससे बगल में पूजा-पाठ कर रहे साधुओं को खासा दिक्कत हो रही है.
पवित्र घाट की अनदेखी से साधु नाराज
गौरतलब है कि प्रशासन की तरफ से मेले को पुराने अस्तित्व में लाने के लिए खूब प्रचार किया गया. इस पर एक साधु ने हैरानी जताया. उन्होंने बताया कि यह पवित्र घाट है, जहां भगवान विष्णु गज और ग्राह की लड़ाई में गज को बचाने के लिये अवतरित हुए थे. इस घाट को नारायणी घाट के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन प्रशासन की अनदेखी से सुविधाओं का घोर अभाव है. इस घाट का केंद्र सरकार के प्रायोजित नामामि गंगे योजना के तहत कुछ वर्ष पूर्व ही विकास हुआ था.
पूजा कीर्तन और यज्ञ में हो रहा व्यवधान
मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन 2 लाख से अधिक लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे. इस मौके पर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे. हालांकि एक दिन बाद घाट पर जगह-जगह कूड़ा का अंबार पसरा है. कार्तिक पूर्णिमा के पहले से ही साधु-संत इस घाट पर रहकर आराधना में लग जाते हैं. वहीं पूजा कीर्तन और यज्ञ करते हैं. बता दें कि सारण डीएम ने इस क्षेत्र में साफ-सफाई की विशेष हिदायत दी थी. परन्तु उनके आदेश का सही से पालन नहीं हो रहा.