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सोनपुरः कालीघाट पर गंदगी का अंबार, सुविधाओं का भी घोर अभाव, प्रशासन बेखबर

विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला के आगाज के बाद जिला प्रशासन की लापरवाही देखने को मिल रही है. जहां कालीघाट पर गंदगी फैली हुई है. वहीं, शौचालय, शुद्ध जल की व्यवस्था नदारद है. दूसरी तरफ लोग नदी का पानी पीने को मजबूर हैं.

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Published : Nov 13, 2019, 11:28 PM IST

कालीघाट पर पसरी गंदगी

सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज 10 नवम्बर को हुआ. इसका उद्घाटन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने किया. सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से मेले में जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई. हालांकि 2 दिन बाद ही नदी घाटों की हालत दयनीय हो गई है. नदी घाट पर कूड़े का अंबार पसरा है.

सोनपुर का महत्वपूर्ण कालीघाट पर प्रशासन की घोर लापरवाही देखी जा सकती है. यहां घाट परिसर में कूड़े-कचरे का अंबार है. दूसरी तरफ चापाकल, शौचालय की भी कमी है. बता दें कि इस घाट पर दूर दराज से साधु संत पूजा करने आते हैं. लेकिन घाट पर फैली गंदगी बदबू देने लगी है. जिससे बगल में पूजा-पाठ कर रहे साधुओं को खासा दिक्कत हो रही है.

sonpur
ईटीवी से बातचीत करते साधु

पवित्र घाट की अनदेखी से साधु नाराज
गौरतलब है कि प्रशासन की तरफ से मेले को पुराने अस्तित्व में लाने के लिए खूब प्रचार किया गया. इस पर एक साधु ने हैरानी जताया. उन्होंने बताया कि यह पवित्र घाट है, जहां भगवान विष्णु गज और ग्राह की लड़ाई में गज को बचाने के लिये अवतरित हुए थे. इस घाट को नारायणी घाट के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन प्रशासन की अनदेखी से सुविधाओं का घोर अभाव है. इस घाट का केंद्र सरकार के प्रायोजित नामामि गंगे योजना के तहत कुछ वर्ष पूर्व ही विकास हुआ था.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पूजा कीर्तन और यज्ञ में हो रहा व्यवधान
मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन 2 लाख से अधिक लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे. इस मौके पर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे. हालांकि एक दिन बाद घाट पर जगह-जगह कूड़ा का अंबार पसरा है. कार्तिक पूर्णिमा के पहले से ही साधु-संत इस घाट पर रहकर आराधना में लग जाते हैं. वहीं पूजा कीर्तन और यज्ञ करते हैं. बता दें कि सारण डीएम ने इस क्षेत्र में साफ-सफाई की विशेष हिदायत दी थी. परन्तु उनके आदेश का सही से पालन नहीं हो रहा.

सोनपुर: विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का आगाज 10 नवम्बर को हुआ. इसका उद्घाटन डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने किया. सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से मेले में जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई. हालांकि 2 दिन बाद ही नदी घाटों की हालत दयनीय हो गई है. नदी घाट पर कूड़े का अंबार पसरा है.

सोनपुर का महत्वपूर्ण कालीघाट पर प्रशासन की घोर लापरवाही देखी जा सकती है. यहां घाट परिसर में कूड़े-कचरे का अंबार है. दूसरी तरफ चापाकल, शौचालय की भी कमी है. बता दें कि इस घाट पर दूर दराज से साधु संत पूजा करने आते हैं. लेकिन घाट पर फैली गंदगी बदबू देने लगी है. जिससे बगल में पूजा-पाठ कर रहे साधुओं को खासा दिक्कत हो रही है.

sonpur
ईटीवी से बातचीत करते साधु

पवित्र घाट की अनदेखी से साधु नाराज
गौरतलब है कि प्रशासन की तरफ से मेले को पुराने अस्तित्व में लाने के लिए खूब प्रचार किया गया. इस पर एक साधु ने हैरानी जताया. उन्होंने बताया कि यह पवित्र घाट है, जहां भगवान विष्णु गज और ग्राह की लड़ाई में गज को बचाने के लिये अवतरित हुए थे. इस घाट को नारायणी घाट के नाम से भी जाना जाता है. लेकिन प्रशासन की अनदेखी से सुविधाओं का घोर अभाव है. इस घाट का केंद्र सरकार के प्रायोजित नामामि गंगे योजना के तहत कुछ वर्ष पूर्व ही विकास हुआ था.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पूजा कीर्तन और यज्ञ में हो रहा व्यवधान
मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन 2 लाख से अधिक लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे. इस मौके पर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे. हालांकि एक दिन बाद घाट पर जगह-जगह कूड़ा का अंबार पसरा है. कार्तिक पूर्णिमा के पहले से ही साधु-संत इस घाट पर रहकर आराधना में लग जाते हैं. वहीं पूजा कीर्तन और यज्ञ करते हैं. बता दें कि सारण डीएम ने इस क्षेत्र में साफ-सफाई की विशेष हिदायत दी थी. परन्तु उनके आदेश का सही से पालन नहीं हो रहा.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

: सोंनपुर के विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला की आगाज हुए चार दिन भी नहीं हुए कि क्षेत्र के कालीघाट पर गंदगी ही गंदगी पसरी हुई हैं। और तो और यहा दूर दराज से घाट पर पूजा पाठ करने वाले साधु संत की मानें तो यहा शौचालय, शुद्ध जल तक कि व्यवस्था नही किया गया हैं ।इन्हें गंगा की पानी पीने को मजबूर हैं।


Body: बुद्धवार को Etv भारत द्वारा सोंनपुर के महत्वपूर्ण कालीघाट की पड़ताल किये जानें पर यहा प्रशासनिक घोर लापरवाही देखी गई ।परिसर में कूड़ा- कचरा से लेकर गंदगी की भरमार देखने को मिली । यहा चापाकल, शौचालय की कमी देखी गई ।

यहा घाट पर दूर दराज से साधु संत पूजा करने आते हैं। इनकी मानें तो सोंनपुर के विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला जो पूरे तीस दिन तक चलता हैं। हमलोग यहा जनता की सुख - शांति और प्रेम का संदेश देने के लिये यहा पूजा पाठ से लेकर यज्ञ करते हैं। पर यहा जिस कदर गंदगी पसरी हुई हैं ।इससे बहुत सडांध खराब बदबू आती हैं ।इससे हमारे पूजा और शांति में बाधा पहुँचती हैं। यह प्रशासनिक लापरवाही हैं।

सरकार द्वारा इस प्रसिद्ध मेले को पुराने अस्तित्व में लाने के लिये खूब प्रचार किया गया हैं ।इस पर एक साधु ने हैरानी जताते हुए कहा कि आखिर यह पवित्र घाट जहाँ भगवान विष्णु गज और ग्रह की लड़ाई में गज को बचाने के लिये अवतरित हुए थे ।इस घाट को नारायणी घाट से भी जाना जाता हैं।

प्रखण्ड के एक मात्र नगर पंचायत में यह क्षेत्र आता हैं। शहरी क्षेत्र होने के साथ साथ पवित्र घाट होने के चलते केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित नामामि गंगे की योजना के तहत इसका करोड़ों की लागत से कुछ ही वर्ष पूर्व विकास हुआ था ।पर जो साफ- सफाई होनी चाहिए थी ।वो यहा कोसों दूर दिखाई दे रही हैं।

Etv भारत द्वारा पड़ताल करने पर पता चला कि यह घाट वाकई बहुत ख़ूबसूसरत हैं। यहा कई छोटी बड़ी मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। मालूम हो कि यहा काली मां की मंदिर हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में साक्षात वास करती हैं।

मंगलवार को यहा कार्तिक पूर्णिमा के दिन 2 लाख से ज्यादा लोग गंगा स्नान करने आये थे ।जब यहा प्रशासनिक तैयारी दिखी थी ।
ठीक एक दिन बाद इस घाट पर जगह जगह कूड़ा- कचड़ा की भरमार हैं। हैरानी इस बात की भी हैं कि साधु संतों के पूजा पाठ लाऊड स्पीकर से किये जाने पर यह प्रशासन को जरूर होगा ।पर वे इसे अनदेखी करते नजर आए ।

कार्तिक पूर्णिमा के पहले से ही साधु- संतों द्वारा इस घाट पर रहकर आराधना में लग जाते हैं। वहीं भगवान विष्णु की इस भूमि पर आशीर्वाद लेने के लिये यहा पूजा कीर्तन, यज्ञ करते हैं ताकि भगवान खुश होकर उन्हें जरूर लाभ देंगे ।

सारण के डीएम ने क्षेत्र में साफ सफाई की विशेष हिदायत दी थी ।पर उनका आदेश का सही सही पालन होता नहीं दिखाई देता हैं।
सोंनपुर की भूमि देवभूमि रहीं हैं। पर शुरुवाती दिनों में महत्वपूर्ण इस घाट पर प्रशासनिक लापरवाही दिखी हैं ।

गौरतलब हैं कि इसी महीने के 10 नवम्बर को विश्व प्रसिद्ध सोंनपुर का मेला का आगाज हुआ था ।मेला की उद्घाटन बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने किया था।

नमामि गंगे को लेकर पूरे देश भर में स्वछता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसपर अरबों रुपये पानी की तरह बहाए भी है रहे हैं। पर नो तस्वीर हमने आपको दिखाया हैं ।उससे यह साफ होता हैं कि यह योजना सफेद हाथी साबित होता दिखाई देता हैं।

बड़े महापुरुष या ऐतिहासिक दिन पर देश भर में स्वच्छता मिशन की तहत कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इसमें नामी गिरामी आइकॉन भी बनाये जाते हैं। करोडों की खर्च इसका प्रचार- प्रसार में किया जाता हैं।

स्थानीय और जागरूक जनता की मानें तो इसके लिये रोजाना घाट पर साफ सफाई होना अति आवश्यक हैं।
आखिर यह क्षेत्र देवत्व या देवभूमि कहलाता हैं। इसका पुराणों में भी उल्लेख मिलता हैं। इस पर साधु की माने तो राजनीति होना भी नहीं चाहिए।




Conclusion:स्टोरी: विजुअल्स से शुरू हैं।
ओपन PTC: संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
बाईट् : महिला
विजुअल्स
मिडिल PTC संवाददाता, राजीव
बाईट्स: साधु संत का
विजुअल्स
CLOSE PTC संवाददाता, राजीव, वैशाली ।
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