वैशाली: जिल में बीते 6 वर्षों से शवदाह गृह बनकर तैयार है, लेकिन इसे विडंबना ही कहेंगे कि अभी तक इसे आम नागरिकों को सुपुर्द नहीं किया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी तंत्र की आपसी लड़ाई के चलते इस शवदाह गृह का अभी तक उद्घाटन नहीं हो सका.
शवदाह गृह जर्जर और बदहाल
सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा कुमार की मानें तो यह शवदाह गृह 2006 में बनने का कार्य शुरू हुआ था. इसके बाद लगभग 6 वर्ष पूर्व बनकर तैयार भी हो गया. 40 लाख की लागत से बनने वाला यह शवदाह गृह असमय जर्जर और बदहाल हो गया है. उन्होंने बताया कि इस शवदाह गृह को खुलवाने के लिए वे प्रखण्ड, अनुमण्डल, जिला प्रशासन और डीएम तक गुहार लगा चुके है, लेकिन अभी तक यह चालू नहीं हो सका.
लोगों को होती है परेशानी
बता दें कि गरीब ग्रामीणों को शव जलाने के लिए हजारों रुपये की राशि से लकड़ी खरीदनी पड़ती है. वहीं, बाढ़ प्रभावित आधे दर्जन पंचायत के सैकड़ों गांव में रहने वाले लोगों को बारिश के समय शव जलाने में और भी परेशानी उठानी पड़ती हैं.
नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी पंकज कुमार से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने पूछा, तो उन्होंने मामले पर कूछ भी बोलने से इंनकार कर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले को लेकर विभाग को पत्र लिखा जाएगा.