वैशाली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वैशाली जिला के लालगंज प्रखंड (Lalganj Block) के बलहा वसंता (Balha Vasanta) में गंडक नदी के किनारे कटाव निरोधी कार्यों (Anti Erosion Work On Gandak River In Vaishali) का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि गंडक नदी के किनारे कटाव की शिकायत मिलने पर जल संसाधन विभाग द्वारा कटाव निरोधक कार्य (Anti Erosion Work On Banks Of Gandak) कराया गया है. आसपास के गांवों को बाढ़ से बचाया जा सके इसके लिए विभाग सचेत है. मुख्यमंत्री ने गंडक नदी के किनारे कटाव निरोधक कार्यों की विस्तृत जानकारी ली.
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सीएम ने किया कटाव निरोधी कार्यों का निरीक्षण: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली जिले के लालगंज स्थित बलहा बसंता बांध का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद थे. गंडक नदी में बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए बांध का कार्य किया गया है. 20 मिनटों के करीब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंडक नदी पर बने बांध का करीब से निरीक्षण किया. इस दौरान वे पैदल ही चहल कदमी करते हुए अधिकारियों से बातचीत करते हुए नजर आए. सीएम ने विभागीय मैप के अनुसार बांध की रूपरेखा को अधिकारियों से समझा व इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए. सीएम नीतीश कुमार के साथ पटना से आए अधिकारियों के अलावे वैशाली डीएम यशपाल मीणा, वैशाली एसपी मनीष सहित कई अधिकारी मौजूद थे. बांध का निरीक्षक और अधिकारियों को निर्देश देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी सेतु से वापस पटना लौट गए.
अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश: सीएम नीतीश ने कहा कि नदी के दूसरे छोर की चौड़ाई और गहराई को और बढ़ाएं, इससे तटबंध पर जल प्रवाह का दबाव कम होगा और तटबंध सुरक्षित रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान आसपास के गांवों के लोगों को सजग एवं जागरूक रखें. निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, विधायक सिद्धार्थ पटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार जल संसाधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी एवं अभियंतागण मौजूद थे.
कटाव और बाढ़ की आशंका: मानसून आने के साथ नेपाल से छोड़े जा रहे पानी की वजह से गंडक नदी में जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. वहीं गंडक किनारे बना बांध कई जगह जर्जर स्थिति में है. जिसको लेकर विभाग द्वारा मरम्मती का कार्य किया गया है. लालगंज से हरौली होते हुए मनुआ तक बने बांध पर जलस्तर बढ़ने के बाद काफी दबाव होता है. इनमें सबसे ज्यादा चांदी धनकी के पास के बांध पर दबाव की स्थिति बनती है. इन जगहों पर अगर बांध टूटता है तो शहरी इलाकों के पूरी तरह डूबने का खतरा हो सकता है.