वैशाली: भगवानपुर पहुंचे चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर एक बार फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हर साल हजारों करोड़ का घोटाला होता है. जिसका खामियाजा बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को भुगतना पड़ता है.
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चिराग पासवान ने कहा कि बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है बल्कि हर साल तटबंध के निर्माण के नाम पर हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया जाता है. उन्होंने कहा कि बाढ़ का स्थाई समाधान सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं है. जिसके चलते लोगों को हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है.
क्यों नहीं बिहार की गरीबी और कमियां सीएम को दिखाई देती है. प्राथमिकता बाढ़ प्रभावितों को सहायता पहुंचाने को देनी चाहिए. लेकिन बाढ़ पीड़ितों को कहीं कोई मदद नहीं पहुंच रही है. लोग एनएच पर रहने को मजबूर हो रहे हैं. तटबंधों का निर्माण भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. करोड़ों का घोटाला किया जा रहा है. सीएम सिर्फ हवाई सर्वेक्षण ही करते रहते हैं क्योंकि ऊपर से सब अच्छा लगता है.- चिराग पासवान, सांसद
वहीं जब उनसे उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस द्वारा शुरू किए जाने वाले आभार यात्रा मामले पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सवालों से कन्नी काटते हुए महज इतना कहा कि उन्हें बधाई देता हूं.
इससे पहले चिराग पासवान महुआ के कन्हौली में राजा वीर शैलेश पूजा में सम्मिलित हुए जहां उन्होंने पूजा अर्चना की. उसके बाद राजापाकर के बेलकुंडा में राजा वीर शैलेश एवं वीर शिरोमणि बाबा चौहरमल के प्रतिमा का अनावरण किया. इसके अलावा भगवानपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए.
गौरतलब है कि लोजपा में बगावत होने के बाद अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर चिराग पासवान ने हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा की शुरूआत की थी. इस अभियान के माध्यम से चिराग पूरे बिहार में घुमकर लोगों से आशीर्वाद ले रहे हैं. वहीं अब 27 अगस्त से आठवें चरण की शुरुआत होगी.
बता दें कि पिछले दिनों पशुपति पारस और अन्य सांसदों ने एकजुट होकर खुद को चिराग पासवान से अलग कर लिया था. इसके बाद, सबसे पहले पशुपति पारस संसद में पार्टी के नेता बने, बाद में उन्होंने पार्टी पर कब्जा कर लिया. ऐसे में अब पशुपति पारस लोजपा के अध्यक्ष हैं, जबकि चिराग का कहना है कि पार्टी अभी भी उनकी है और उनके चाचा पशुपति पारस जो फैसले ले रहे हैं, वो ठीक नहीं हैं.
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