वैशाली: बिहार के वैशाली जिले के पांच बच्चे गुरुवार को अहमदाबाद में दिल के ऑपरेशन (Heart Operation) के लिए पटना भेजे गए हैं. भेजे गए बच्चों में हृदय रोग (Heart Disease) से संबंधित गंभीर बीमारी (Serious Illness) है. इन सबों में शिवा की उम्र सबसे कम एक साल है. आरबीएसके (RBSK) के जिला प्रतिनिध डॉ अशोक कुमार ने बताया कि आरबीएसके की तरफ से यह बच्चों का पांचवा बैच है. जिसे अहमदाबाद भेजा जा रहा है.
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इन सभी बच्चों ने 6 और 7 अगस्त को इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में हुए कैंप में हिस्सा लिया था. जहां उनकी स्क्रीनिंग की गयी थी. वैशाली जिले से कुल 25 बच्चों की स्क्रीनिंग हुई थी. सभी पांचों बच्चों को उनके घर से एम्बुलेंस से पटना भेजा गया है. भेजे गए बच्चों में हाजीपुर का शिवा, बिदुपुर का नैतिक, राजापाकर का यशराज, जंदाहा की दीपा और पटेरी बेलसर का ऋषभ है. सभी पांचों बच्चों को उनके घर से एम्बुलेंस से पटना भेजा गया है.
भेजे गए सभी पांचों बच्चों का उपचार मुफ्त में होगा. वहीं इनके साथ अभिभावकों के भी आने-जाने और अहमदाबाद में रहने का इंतजाम किया गया है. स्कूलों तथा आंगनबाड़ी सेंटर पर हेल्थ कैंप लगाकर इन बच्चों की पहचान की गयी थी. उसके बाद IGIMS में इनकी स्क्रीनिंग कर रोग की गंभीरता पहचानी गयी. जिसके बाद अहमदाबाद में सत्य साईं हॉस्पिटल में इनकी सर्जरी होगी. ये वहां कम से कम 15 दिन गुजारेगें. इनके सारे खर्चों का वहन सात निश्चय के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना से होगा.
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'भेजे गए बच्चों के ऑपरेशन के बाद फॉलोअप भी होगा. जिसमें उनके स्वास्थ्य की निरंतर जांच होगी. सामान्य दिक्कत होने पर सदर अस्पताल तथा विशेष परिस्थिति में फिर से अहमदाबाद भेजने का भी प्रावधान है.' : डॉ अशोक कुमार, जिला प्रतिनिध, आरबीएसके
आपको बता दें कि जन्मजात 38 बीमारियों का मुफ्त इलाज करती है आरबीएसके. डॉ अशोक ने कहा कि 'आरबीएसके के तहत जन्मजात होने वाली 38 बीमारियों का उपचार किया जाता है. जिसमें सारा खर्च सरकार वहन करती है. इन बीमारियों में न्यूरल ट्यूब दोष, अनीमिया, जन्मजात मोतियाबिंद, जन्मजात हृदय रोग, जन्मजात बहरापन, मोटापा, गलगण्ड, बाल क्षय रोग, मानसिक मंदता, बाल कुष्ठ रोग, शरीर में झटकों के साथ चेतना विकार, सुनाई कम देना एवं द्ष्टि हीनता समेत अन्य कई रोगों का निश्चित उपचार होता है.'
बताते चलें कि बिहार सरकार ने पिछले साल कैबिनेट में ही सात निश्चय पार्ट-2 लागू करने की घोषणा की थी. 1 अप्रैल से योजना शुरू हो गई है. जिसके तहत योजना शुरू होने के एक दिन बाद ही 21 बच्चों को बाल हृदय योजना के तहत इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
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