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बड़ी लापरवाही : ना गाड़ी मिली, ना भाड़ा.. 4 कैदियों को पेशी के लिए 21 किलोमीटर पैदल लेकर कोर्ट पहुंची पुलिस - etv bharat

वैशाली में पुलिस की बड़ी लापरवाही (Big Negligence of Vaishali Police ) देखने को मिली है. जहां थाने से 4 कैदियों को कोर्ट में पेशी के लिए लेकर जाना था, लेकिन थाने से जब गाड़ी और भाड़ा नहीं मिला तो चौकीदार कैदियों को लेकर 21 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा पर निकल पड़े. क्या है पूरा मामला पढ़ें ये रिपोर्ट..

वैशाली में पुलिस की बड़ी लापरवाही
वैशाली में पुलिस की बड़ी लापरवाही
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Published : Jan 30, 2022, 6:46 PM IST

वैशाली: वैशाली पुलिस का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. महुआ थाना क्षेत्र में आग लगाने वाले आरोपी सहित 4 कैदियों की हाजीपुर में कोर्ट में पेशी (Court appearance of 4 prisoners in Hajipur) के लिए महुआ थाना से 21 किलोमीटर दूर लेकर जाना था. सभी 4 कैदियों को लाने की जिम्मेवारी 5 चौकीदारों की दी गई. लेकिन, ना तो थाने की ओर से कोई गाड़ी मुहैया कराई गई और ना ही भाड़े की गाड़ी से जाने के लिए भाड़ा दिया गया.

ये भी पढ़ें- पुलिस ने दर्जनभर से ज्यादा लूटकांड में शामिल आरोपी को किया गिरफ्तार, हथियार भी बरामद

चौकीदारों का कहना है कि कई बार थाने में अधिकारियों को इस संबंध में कहा गया, लेकिन जब व्यवस्था नहीं हुई तो पैदल ही सभी कैदियों को लेकर चौकीदार थाने से न्यायालय के लिए निकल पड़े. जानकारी के अनुसार लगभग 6 से 7 किलोमीटर पैदल चलने के बाद किसी कैदी ने और चौकीदार ने मिलकर भाड़े की व्यवस्था की और फिर ऑटो से सभी कैदियों को लेकर कोर्ट पहुंचे.

कैदियों में देवसागर कुमार, टुकटुक सहनी, वैद्यनाथ कुमार और रामनाथ राय है. दरअसल, इनमें टुकटुक सहनी 2012 में महुआ थाना जलाए जाने का आरोपी है. जिसकी पुलिस को लंबे समय से तलाश थी. 2012 में एक सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हुई थी, जिससे गुस्साई भीड़ ने उस समय भारी तबाही मचाई थी. आरोपियों ने थाना सहित कई जगहों पर आगजनी की थी. इस मामले में 55 नामजद सहित 500 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. सभी कैदियों को महुआ से हाजीपुर लेकर जाने वाले चौकीदारों में लाल बाबू, देवेंद्र पासवान, अशोक पासवान और राजा राम पासवान हैं.

चौकीदार लालबाबू ने बताया कि कई बार थाने में आरोपियों को न्यायालय लाने के लिए गाड़ी और पैसों की मांग की गई थी, लेकिन ना तो भाड़े का पैसा दिया गया और ना ही गाड़ी दी गई. इसके बाद मजबूरी में पैदल ही कैदियों को लेकर निकलना पड़ा. वहीं, इस बारे में आरोपी टुकटुक सहनी ने बताया कि पैदल लाने से उनकी हालत खराब हो गई है. वहीं, इस पूरे मामले पर महुआ सदर एसडीपीओ पूनम केशरी ने कहा कि इस तरह के कैदियों को थाने से ले जाने के लिए पुलिस की गाड़ी है. साथ ही एक अधिकारी भी जाते है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कुछ अगर था तो चौकीदारों को मुझे कॉल करना चाहिए था. वैसे मैं पहले पूरे मामले की जानकारी ले लेती हूं. फिर आगे बताया जाएगा.

बताया गया है कि वैशाली एसपी ने क्राइम कंट्रोल के लिए जिले के 9 थानों के थानाध्यक्षों का तबादला किया था, जिसमें महुआ थाना अध्यक्ष भी शामिल हैं. लेकिन, महुआ के नए थानाध्यक्ष ने अभी पदभार नहीं संभाला है और ना ही महुआ के पुराने थाना अध्यक्ष ने चार्ज दिया है. यही कारण है कि चौकीदारों को कोई भी निर्देश महुआ थाना से सही ढंग से प्राप्त नहीं हो पा रहा है. हालांकि, यह मामला तभी स्पष्ट हो पाएगा जब पुलिस के बड़े अधिकारी संज्ञान लेकर मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे.

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वैशाली: वैशाली पुलिस का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. महुआ थाना क्षेत्र में आग लगाने वाले आरोपी सहित 4 कैदियों की हाजीपुर में कोर्ट में पेशी (Court appearance of 4 prisoners in Hajipur) के लिए महुआ थाना से 21 किलोमीटर दूर लेकर जाना था. सभी 4 कैदियों को लाने की जिम्मेवारी 5 चौकीदारों की दी गई. लेकिन, ना तो थाने की ओर से कोई गाड़ी मुहैया कराई गई और ना ही भाड़े की गाड़ी से जाने के लिए भाड़ा दिया गया.

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चौकीदारों का कहना है कि कई बार थाने में अधिकारियों को इस संबंध में कहा गया, लेकिन जब व्यवस्था नहीं हुई तो पैदल ही सभी कैदियों को लेकर चौकीदार थाने से न्यायालय के लिए निकल पड़े. जानकारी के अनुसार लगभग 6 से 7 किलोमीटर पैदल चलने के बाद किसी कैदी ने और चौकीदार ने मिलकर भाड़े की व्यवस्था की और फिर ऑटो से सभी कैदियों को लेकर कोर्ट पहुंचे.

कैदियों में देवसागर कुमार, टुकटुक सहनी, वैद्यनाथ कुमार और रामनाथ राय है. दरअसल, इनमें टुकटुक सहनी 2012 में महुआ थाना जलाए जाने का आरोपी है. जिसकी पुलिस को लंबे समय से तलाश थी. 2012 में एक सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हुई थी, जिससे गुस्साई भीड़ ने उस समय भारी तबाही मचाई थी. आरोपियों ने थाना सहित कई जगहों पर आगजनी की थी. इस मामले में 55 नामजद सहित 500 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. सभी कैदियों को महुआ से हाजीपुर लेकर जाने वाले चौकीदारों में लाल बाबू, देवेंद्र पासवान, अशोक पासवान और राजा राम पासवान हैं.

चौकीदार लालबाबू ने बताया कि कई बार थाने में आरोपियों को न्यायालय लाने के लिए गाड़ी और पैसों की मांग की गई थी, लेकिन ना तो भाड़े का पैसा दिया गया और ना ही गाड़ी दी गई. इसके बाद मजबूरी में पैदल ही कैदियों को लेकर निकलना पड़ा. वहीं, इस बारे में आरोपी टुकटुक सहनी ने बताया कि पैदल लाने से उनकी हालत खराब हो गई है. वहीं, इस पूरे मामले पर महुआ सदर एसडीपीओ पूनम केशरी ने कहा कि इस तरह के कैदियों को थाने से ले जाने के लिए पुलिस की गाड़ी है. साथ ही एक अधिकारी भी जाते है. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कुछ अगर था तो चौकीदारों को मुझे कॉल करना चाहिए था. वैसे मैं पहले पूरे मामले की जानकारी ले लेती हूं. फिर आगे बताया जाएगा.

बताया गया है कि वैशाली एसपी ने क्राइम कंट्रोल के लिए जिले के 9 थानों के थानाध्यक्षों का तबादला किया था, जिसमें महुआ थाना अध्यक्ष भी शामिल हैं. लेकिन, महुआ के नए थानाध्यक्ष ने अभी पदभार नहीं संभाला है और ना ही महुआ के पुराने थाना अध्यक्ष ने चार्ज दिया है. यही कारण है कि चौकीदारों को कोई भी निर्देश महुआ थाना से सही ढंग से प्राप्त नहीं हो पा रहा है. हालांकि, यह मामला तभी स्पष्ट हो पाएगा जब पुलिस के बड़े अधिकारी संज्ञान लेकर मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे.

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