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कैदी संग कॉल गर्ल मामला: CCTV उपलब्ध नहीं कराने पर हाजीपुर सदर अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ एक्शन

हाजीपुर सदर अस्पताल (Call Girl In Hajipur Sadar Hospital) में कैदी संग कॉल गर्ल मामले में कार्रवाई की गई है. इस मामले में अस्पताल प्रबंधक का तबादला दूसरी जगह कर दिया गया है. उन पर अनियमितता और सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं कराने का आरोप है.

कैदी संग कॉल गर्ल मामला
कैदी संग कॉल गर्ल मामला
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Published : Oct 1, 2022, 2:18 PM IST

वैशालीः बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती एक कैदी संग कॉल गर्ल के पकड़े जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधक (Action On Hajipur Sadar Hospital Manager) का अनियमितता के आरोप में तबादला कर दिया गया है. अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र नारायण शाही ने कॉल गर्ल मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज निकालने का प्रयास किया था. लेकिन फुटेज नहीं निकल पाया. फुटेज नहीं निकलने की जानकारी लेने पर बताया गया कि 17 सितंबर के बाद का फुटेज नहीं है. बताया गया कि सीसीटीवी में खराबी के कारण अस्पताल परिसर की गतिविधि सीसीटीवी में रिकॉर्ड नहीं हुई.

ये भी पढ़ेंः अस्पताल के कैदी वार्ड में कॉल गर्ल्स: मौज करते पकड़ा गया मर्डर का आरोपी, मोबाइल लोकेशन पर पड़ा छापा

अस्पताल का सीसीटीवी खराब थाः इस मामले में अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद मजहर अली से जब सिविल सर्जन ने पूछताछ कि तो उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से सीसीटीवी खराब था. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक दृष्टिकोण से अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद मजहर अली का तबादला महुआ अनुमंडल अस्पताल किया गया है. उन पर वैशाली डीएम एसपाल मीना के आदेश के बाद कार्रवाई की गई है. उन्हें छपरा रेफरल अस्पताल के प्रबंधक को सदर अस्पताल का प्रबंधक बनाया गया है.

वहीं, इस विषय में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी वीडियो नहीं मिलने के कारण लापरवाही के आरोप में अस्पताल प्रबंधक मजहर अली पर कार्रवाई की गई है. उन्हें डीएम के आदेश पर हटाया गया है.

"जिलाधिकारी के आदेश के बाद उन पर कार्रवाई की गई है. उनके द्वारा सीसीटीवी वीडियो उपलब्ध नहीं करवाया गया था, जबकि उन्हीं का काम है वीडियो उपलब्ध करवाना. यह बहुत बड़ी लापरवाही है. तत्काल उनको यहां से हटा दिया गया है"- डॉ एसके वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन

क्या है पूरा मामलाः आपको बता दें कि अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती एक सजायाफ्ता कैदी ने जुगाड़ कर एक कॉल गर्ल को बुलाया था. कैदी वार्ड से सटे नशा मुक्ति केंद्र में कॉल गर्ल के साथ रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था, इस मामले की जांच सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अस्पताल की व्यवस्था की भी पोल खुल गई. प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए 4 सैफ के जवान जिन की मौके पर तैनाती थी और नशा मुक्ति केंद्र की चाभी संभालने वाले एक स्वास्थ्य कर्मी पर पहले ही करवाई हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर से लापता बच्चा दिल्ली से बरामद, परिजनों ने वीडियो कॉल के जरिए की पहचान




वैशालीः बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती एक कैदी संग कॉल गर्ल के पकड़े जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधक (Action On Hajipur Sadar Hospital Manager) का अनियमितता के आरोप में तबादला कर दिया गया है. अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र नारायण शाही ने कॉल गर्ल मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज निकालने का प्रयास किया था. लेकिन फुटेज नहीं निकल पाया. फुटेज नहीं निकलने की जानकारी लेने पर बताया गया कि 17 सितंबर के बाद का फुटेज नहीं है. बताया गया कि सीसीटीवी में खराबी के कारण अस्पताल परिसर की गतिविधि सीसीटीवी में रिकॉर्ड नहीं हुई.

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अस्पताल का सीसीटीवी खराब थाः इस मामले में अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद मजहर अली से जब सिविल सर्जन ने पूछताछ कि तो उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से सीसीटीवी खराब था. इसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक दृष्टिकोण से अस्पताल प्रबंधक मोहम्मद मजहर अली का तबादला महुआ अनुमंडल अस्पताल किया गया है. उन पर वैशाली डीएम एसपाल मीना के आदेश के बाद कार्रवाई की गई है. उन्हें छपरा रेफरल अस्पताल के प्रबंधक को सदर अस्पताल का प्रबंधक बनाया गया है.

वहीं, इस विषय में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी वीडियो नहीं मिलने के कारण लापरवाही के आरोप में अस्पताल प्रबंधक मजहर अली पर कार्रवाई की गई है. उन्हें डीएम के आदेश पर हटाया गया है.

"जिलाधिकारी के आदेश के बाद उन पर कार्रवाई की गई है. उनके द्वारा सीसीटीवी वीडियो उपलब्ध नहीं करवाया गया था, जबकि उन्हीं का काम है वीडियो उपलब्ध करवाना. यह बहुत बड़ी लापरवाही है. तत्काल उनको यहां से हटा दिया गया है"- डॉ एसके वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन

क्या है पूरा मामलाः आपको बता दें कि अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती एक सजायाफ्ता कैदी ने जुगाड़ कर एक कॉल गर्ल को बुलाया था. कैदी वार्ड से सटे नशा मुक्ति केंद्र में कॉल गर्ल के साथ रंगरलिया मनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था, इस मामले की जांच सदर अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ अस्पताल की व्यवस्था की भी पोल खुल गई. प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए 4 सैफ के जवान जिन की मौके पर तैनाती थी और नशा मुक्ति केंद्र की चाभी संभालने वाले एक स्वास्थ्य कर्मी पर पहले ही करवाई हो चुकी है.

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